बेल ले चुका था आरोपी, बाजे-गाजे के साथ कुर्की का इश्तिहार चस्पा कर गई पुलिस; कोर्ट ने मांगा जवाब
जनवरी में कोर्ट ने इश्तिहार जारी किया था जिसे पुलिस जून में तामिला कराने पहुंची। इस बीच आरोपी फरवरी में ही जमानत तेल चुका था।

बिहार के मुजफ्फरपुर से पुलिस की लापरवाही का एक हैरतअंगेज मामला सामने आआ है। पुलिस ने उस आरोपी के घर पर कुर्की जब्ती का इश्तिहार चस्पा कर दिया जो पहले ही बेल ले चुका ता। पुलिस की इस कार्रवाई की शिकायत के बाद कोर्ट ने जवाब तलब किया है। इससे मुजफ्फरपुर पुलिस की किरकिरी हो रही है। इसे मानवाधिकार भी उल्लंघन बताया जा रहा है।
मामला यह है कि पॉक्सो कोर्ट- प्रथम के यहाँ एक मुकदमा का विचारण चल रहा है, जहाँ पर कांड के अभियुक्त चिंटू कुमार ऊर्फ झामू चौधरी नियमित रूप से कोर्ट में उपस्थित हो रहा है। इसी बीच अहियापुर थाना की पुलिस 5 जून को पुलिस फोर्स और बैंड बाजा के साथ पहुँची एवं अभियुक्त के घर पर इश्तिहार चिपका दिया।
अभियुक्त की माँ ने जब जमानत का पेपर दिखाते हुए कार्रवाई का विरोध किया तो अहियापुर थाना पुलिस ने बताया कि घर को कुर्की करना है। यहाँ तक कि पुलिस ने जमानत के कागजात को भी फर्जी करार कर दिया। इस कार्रवाई से अभियुक्त और उसका पूरा परिवार सदमे में आ गया है और न्यायालय की शरण ली है।
इस पूरे मामले की जानकारी अभियुक्त के अधिवक्ता के द्वारा कोर्ट को दी गई, तब पॉक्सो की विशेष अदालत ने पुलिस की कार्यशैली पर नाराजगी जाहिर करते हुए सीधे अहियापुर थाना से रिपोर्ट की माँग किया है। मानवाधिकार अधिवक्ता एस.के.झा ने बताया कि जनवरी माह में ही अभियुक्त के विरुद्ध इश्तिहार निकला था, लेकिन अभियुक्त ने 25 फ़रवरी को ही जमानत करा लिया था। पुलिस ने जनवरी के आदेश का पालन उस वक्त किया जब अभियुक्त जमानत पर मुक्त हो चुका था। पुलिस के द्वारा किया गया कार्य मानवाधिकार का उल्लंघन है। पूरे मामलें में कोर्ट काफ़ी गंभीर हैं पुलिस के विरुद्ध कार्रवाई होना लगभग तय है। मामले को मानवाधिकार आयोग तक ले जाने की तैयारी चल रही है।