निगम की फॉगिंग मशीनें खराब मच्छरों के प्रकोप से लोग परेशान
बेतिया में गर्मी बढ़ने के साथ मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ गया है। नगर निगम के दवा छिड़काव और फागिंग का कोई असर नहीं दिख रहा है। लोग मच्छरों से परेशान हैं और दवा का छिड़काव केवल कुछ खास इलाकों में ही हो...
बेतिया। गर्मी का प्रकोप बढ़ते ही इन दिनों मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। शहर से गांव तक मच्छरों के प्रकोप के कारण चैन की नींद लेना मुश्किल हो गया है। मच्छर दिन को भी लोगों को चैन से नहीं बैठने दे रहे हैं। मच्छरों से बचाव के लिए क्वायल बेकार साबित हो रहे हैं। सुबह और शाम में मच्छरों का आतंक और ज्यादा बढ़ जा रहा है। मच्छरों से त्राहिमाम के बाद भी नगर निगम खामोश है। नगर निगम दवा का छिड़काव और फागिंग का दावा करती है। लेकिन इसका कहीं असर नहीं दिख रहा है। मच्छरों के कारण हालत ऐसी हो गई है कि कई जगह घर पर पढ़ाई करने वाले बच्चे दिन को भी मच्छरदानी लगाकर पढ़ाई करने के लिए मजबूर हैं। मच्छरों के कारण डेंगू-मलेरिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है। नगर निगम में दो बड़े और दस साइकिल वाले फागिंग मशीन है। दोनों बड़े फागिंग मशीन में से एक मशीन काफी दिनों से खराब हो चुके है। जबकि एक मशीन दो सप्ताह पहले खराब हो गया है। अब साइकिल वाले 10 छोटी फागिंग मशीन से पूरे नगर में फॉगिंग कैसी होगी, इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। घारी प्रभारी तबरेज आलम ने बताया कि दोनों बड़ी मशीन बहुत ही पुरानी हो चुकी है। 2 हफ्ता से खराब है। उसका पार्ट्स मिल नहीं पा रहा है इसलिए बन नहीं पा रहा है। ऐसे में छोटी स्प्रे मशीन से छिड़काव कहीं-कहीं हो रहा है। नगर निगम की स्वच्छता प्रभारी अशफाक अहमद ने बताया नगर के सभी 46 वार्डो में मच्छरों से बचाव के लिए दवा का छिड़काव हो रहा है। वार्ड जमादारों को छिड़काव के लिए हैंड मशीन व टेक्निकल मेलीथियन दवा उपलब्ध कराया गया है। निगम में पर्याप्त मात्रा में दवा है। इसका छिड़काव हो रहा है।
लोगोें ने कहा कुछ खास इलाके में ही होता है फागिंग : नगर के लोगों का कहना है कि नगर निगम कुछ खास इलाके में ही फागिंग व दवा का छिड़काव कराती है। अन्य जगहों पर कभी-कभार इसकी खानापूर्ति की जाती है। वहीं कुछ मोहल्लों में आज तक दवा का छिड़काव कभी भी नहीं किया गया है। उतरवारी पोखरा के सुमन कुमार, शक्षिक नगर के दीपू कुमार, पुरानी गुदरी के मुकेश कुमार, हरिवाटिका के शिवकुमार यादव ने कहा की मच्छरों के कारण चैन से बैठना मुश्किल हो गया है। इस मामले में जम्मिेवार लोग आंखमुंद कर बैठे हैं। कहा कि नगर निगम बड़े-बड़े अधिकारियों के आवास और कार्यालय वाले इलाके में फागिंग और दवा का छिड़काव कराती है। कुछ खास मोहल्ले हैं जहां बार-बार फौगिंग होगी होती है। अन्य जगहों पर कभी कभार ही इसकी खानापूर्ति की जाती है। ऐसे में आम लोग मच्छरों से जूझ रहे हैं। उनकी दिन की चैन और रात की नींद गायब हो रही है। लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं है।
मच्छरों से बचाव के लिए दवा का छिड़काव और फागिंग हो रहा है। हर वार्ड में दवा और छिड़काव करने वाली मशीन उपलब्ध कराया गया है। खराब हुए फागिंग मशीन की मरम्मती की दिशा में कार्रवाई की जा रही है। -विनोद कुमार सिंह, नगर आयुक्त, बेतिया।
करोड़ों रुपये की जला डाली अगरबत्ती व लिक्विड
मच्छरों की समस्या से निजात पाने के लिए लोग मच्छर भगाने वाली अगरबत्ती व लिक्विड का प्रयोग कर रहे है। नगर के एक बड़े व्यवसायी ने बताया कि 6 माह के भीतर लोगों ने करोड़ों रुपए की अगरबत्ती और मच्छर को भगाने वाली लक्विडि की खरीदारी की है। मच्छर को भगाने के लिए तरह-तरह के अगरबत्ती बाजार में आ गई है। नगर के एक प्रसद्धि व्यवसायी ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि 6 माह में करोड़ो रुपए का कारोबार हुआ है। आने वाले 6 माह में कारोबार बढ़ने की पूरी उम्मीद है। गोल चकरी वाले क्वाइल से लेकर अगरबत्ती की मांग सबसे ज्यादा है। लोगों का कहना है कि एक तरह की अगरबत्ती से कुछ दिन तक मच्छर भागते हैं उसके बाद उसे अगरबत्ती से मच्छर नहीं भागता है। ऐसे में फिर दूसरे ब्रांड का अगरबत्ती खरीदना पड़ता है।
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