योगासन केंद्र और जिम की सुविधा मिले तो सेहतमंद रहेंगे शहर के युवा
बेतिया के युवाओं ने नि:शुल्क जिम और योगासन केंद्र की मांग की है। उनका कहना है कि शहर में जिम की फीस बहुत अधिक है, जिससे आम लोग नहीं जा पाते। सरकारी स्कूलों में जिमखाना की सुविधाएं नहीं हैं, जबकि...
बदलाव की इस दौर लोग विशेषकर युवा कई चुनौतियों से जूझ रहे हैं। अपनी बदलती जीवनशैली के कारण कई युवा बीमारियों का शिकार हो जाते हैं। खान -पान के कारण हो रही बीमारियों से लड़ने की क्षमता लोगों की कम हो रही है। इन समस्याओं से जूझ रहे बेतिया के युवाओं की मांग है कि नि:शुल्क जिम और योगासन केंद्र की सुविधा शहर में मिलनी चाहिए, ताकि वे भी रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाने के लिए व शारीरिक रूप से मजबूत हो सकें। इनका कहना है कि शहर में कई जिम खुल गए हैं लेकिन इनकी फीस इतनी अधिक है आमलोग वहां जाने के बारे में सोच भी नहीं सकते हैं।
इनकी शिकायत है कि सरकार ने पंचायत स्तर पर जिमखाना खोलने की बात कही है, लेकिन ऐसी सुविधा सिर्फ कागजों पर ही देखने को मिलती है। सुनील कुमार, अमरदेव कुमार, सुभाष कुमार, यूसुफ आलम, आकाश कुमार आदि ने बताया कि सरकारी हाई स्कूलों में जिमखान के नाम पर बड़ी खरीदारी की जाती है, लेकिन इस प्रकार की कोई सुविधा पंचायत अथवा विद्यालयों में उपलब्ध नहीं है। शहरी क्षेत्र में तो ऐसी सुविधा एक जगह भी नहीं है। सरकार योगासन करने के लिए आम अवाम को प्रेरित कर रही है लेकिन शहर में सरकारी स्तर पर नि:शुल्क एक भी योगासन केंद्र नहीं है, जहां पर कोई योग की अलग-अलग विद्याओं की जानकारी ले सके और इसके जरिये अपने को स्वस्थ रख सके। अगर किसी तरह से प्राइवेट जिमखाना में नामांकन ले लिया जाए तो वहां पर प्रशिक्षक द्वारा तरह-तरह के प्रोटीन और अन्य पेय पदार्थ लेने का प्रेशर बनाया जाता है,जो महंगा होने के साथ बाद में स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाला भी होता हैै। सरकार अगर युवा वर्ग के लिए नि:शुल्क जिमखाना अथवा योगासन केंद्र खोले तो समर वैकेशन समेत सालोंभर में कई लोग इसका लाभ ले सकते हैं। शरीर स्वस्थ रहने पर युवा अपनी पढ़ाई तन्मयता से कर सकते हैं। बेतिया वासियों को मजबूरी में शारीरिक फिटनेस के लिए रमना जैसे मैदान का चक्कर लगाना पड़ता है, जहां पर गंदगी का अंबार है। अक्सर योग से जुड़े राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दिवस के अवसर पर सभी जनप्रतिनिधि योगासन की क्रिया करने का संदेश देते हैं। अगर जनप्रतिनिधि इस दिशा में आगे आकर सुविधा उपलब्ध कराएं तो लोगों को काफी राहत मिलेगी। लोगों का कहना है कि जिला मुख्यालय में ऐसा केंद्र खोल दिया जाए जो नि:शुल्क हो और वहां पर आने वाले लोगों को बेहतरीन प्रशिक्षकों द्वारा योग क्रिया से जुड़ी जानकारी उपलब्ध कराई जा सके। जिला मुख्यालय में महिलाओं के लिए भी नि:शुल्क योगासन केंद्र अथवा जिमखाना होना चाहिए। ताकि समय मिलने पर महिलाएं भी अपने स्वास्थ्य को सुधारने के लिए इस सुविधा का इस्तेमाल कर सकें। प्रशासन की ओर से सार्वजनिक स्थानों पर फिजिकल फिटनेस संबंधित सुविधाएं नगर वासियों को उपलब्ध कराने की दिशा में पहल करनी चाहिए। वार्ड में अगर एक नि:शुल्क जिमखाना अथवा योगासन केंद्र संयुक्त रूप में खोल दिया जाए तो इससे नगर वासियों को बहुत सुविधा मिलेगी। इस दिशा में वार्ड पार्षद और महापौर को विशेष योजना बनाकर आमलोगों के हित में कदम उठाना चाहिए।
प्रस्तुति: मनोज कुमार राव
महिलाओं के लिए अलग से शहर में योगासन केंद्र की है आवश्यकता
शहर की महिलाओं का कहना है कि महिलाओं के लिए अलग से योगासन केंद्र अथवा जिम-खाना की व्यवस्था होनी चाहिए ताकि छात्राएं ,कामकाजी महिलाएं अथवा नौकरी करने वाली महिलाएं शारीरिक फिटनेस के लिए जिम अथवा योगासन केंद्र की सुविधा का लाभ ले सकें। इस प्रकार की सुविधा मिल जाने से आधी आबादी अगर स्वस्थ रहेगी और हर स्तर पर विकासात्मक कार्य में सहयोग कर पाएगी। प्रशासन को इस पर विचार करते हुए यह सुविधा शीघ्र बहाल कर देनी चाहिए। इन दिनों तेजी से कामकाजी महिलाओं की संख्या बढ़ रही है। इसलिए उनका शारीरिक रूप में स्वस्थ रहना अनिवार्य है।
मोहल्लों में हो योग की व्यवस्था तो लोग रहेंगे निरोग
युवा सन्नी, आकाश, अविनाश आदि ने बताया कि बेतिया शहर में कई ऐसी जगह है जहां पर लोग सुबह-शाम सैर के लिए जाते हैं। शरीर को फिट रखने व इम्युनिटी सिस्टम को दुरुस्त रखने के लिए इन दिनों ऐसी जगहों पर अच्छी खासी भीड़ देखी जा रही है। जिला प्रशासन को ऐसी जगहों पर ओपेन जिम की सुविधा प्रदान करनी चाहिए। ताकि यहां पर सुबह शाम आने वाले बेतिया के लोग व्यायाम कर अपने शरीर को तंदुरुस्त रख सकें। इसके अलावे इस ओपन जिम के साथ ही जिला प्रशासन या नगर निगम के अधिकारियों को योग प्रशिक्षण केंद्र भी खोलना चाहिए। योग से शरीर निरोग रहने के बात साबित हो चुकी है। जिले के कई योग प्रशिक्षण व योग खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेडल पा चुके हैं। यदि योग केंद्र पर इनकी तैनाती की जाय तो रोजगार का भी सृजन होगा। प्रशिक्षक प्रत्येक दिन युवाओं समेत लोगों को योग कराएं। विधिपूर्वक योग करने से लोगों को अधिक फायदा होगा। मोहल्ले वाइज प्रशिक्षकों की नियुक्ति की जाय। योगासन कने के लिए एक जगह या केंद्र की स्थापना की जाय। यहां पर योग प्रशिक्षक लोगों को प्रत्येक दिन योग कराएं। सार्वजनिक जगहों पर योग अथवा जिम की व्यवस्था से लोगों का सेहत सुधरेगा। लोग डॉक्टर के क्लीनिक के चक्कर कम लगाएंगे। देश-दुनिया ने योग का लोहा माना है, लेकिन बेतिया में इसके लिए व्यवस्था नहीं है।नगर निगम की ओर से सार्वजनिक जगह का चयन कर इसके लिए पहल करनी चाहिए।
पटना से टेंडर किया जा चुका है। एजेंसी का चयन करने के बाद शीघ्र ही बेतिया में खेल भवन के अंतर्गत आधुनिक सुविधाओं से लैस जिमखाना शुरू किया जाएगा। इसके अलावा पंचायत स्तर पर और स्कूल कॉलेज में भी जिमखाना खोलने की योजना है। सभी इच्छुक पुरुष और महिलाएं इसका लाभ ले सकते हैं। खेल भवन के जिम खाने के लिए 71 लाख की राशि खर्च कर उपकरण और उपस्करों की खरीदारी की जाएगी।
-विजय पंडित, खेल पदाधिकारी।
सुझाव
1. बेतिया के सभी वार्डों में एक-एक नि:शुल्क जिमखाना अथवा योगासन केंद्र खोलने की दिशा में प्रयास होना चाहिए।
2. दिव्यांग लोगों के लिए भी प्रशासन द्वारा नि:शुल्क योगासन केंद्र खोला जाना चाहिए। निगम प्रशासन इसे कर सकता है।
3. सभी वार्डों में महिलाओं के लिए नि:शुल्क योगासन केंद्र खोलने की दिशा में प्रशासन को पहल करनी चाहिए
4. योगासन केंद्र पर नि:शुल्क योग क्रिया सिखाने वाले शिक्षक की व्यवस्था प्रशासन की ओर से होनी चाहिए।
5. जिला प्रशासन को इस सुविधा के लिए विशेष योजना बनाकर काम करना चाहिए। इससे लोगों को राहत मिलेगी।
शिकायतें
1. शहर में निजी जिमखाना की फीस इतनी अधिक है कि उसे पूरा करना सभी के लिए आसान नहीं है।
2. शहर में नि:शुल्क योगासन केंद्र की सुविधा नहीं होने से लोगों को काफी परेशानी होती है।
3. शहर की महिलाओं के लिए अलग से नि:शुल्क जिम अथवा योगासन केंद्र की सुविधा नहीं है।
4. फिजिकल फिटनेस पाने के लिए निजी जिमखाना संचालक मोटी फीस वसूलते हैं। इस पर नियंत्रण होना चाहिए।
5. बेतिया में योगासन की क्रियाओं को सिखाने वाले नि:शुल्क प्रशिक्षक नहीं हैं। इससे लोगों को दिक्कत होती है।
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