Farmers Meeting on Kharif Crops Importance of Farmer ID and Agricultural Plans जैविक खाद से बेहतर उत्पादन हासिल कर सकते हैं किसान, Begusarai Hindi News - Hindustan
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जैविक खाद से बेहतर उत्पादन हासिल कर सकते हैं किसान

आत्मा के बैनर तले महेशवाड़ा, पहसारा पूर्वी और हसनपुर बागर में किसान चौपाल का आयोजन किया गया। प्रशिक्षु कृषि अधिकारी शोभित कुमार ने फार्मर आईडी के महत्व पर जोर दिया। सभी निबंधित किसानों का फार्मर आईडी...

Newswrap हिन्दुस्तान, बेगुसरायSun, 15 June 2025 07:55 PM
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जैविक खाद से बेहतर उत्पादन हासिल कर सकते हैं किसान

नावकोठी, निज संवाददाता। आत्मा के बैनर तले महेशवाड़ा, पहसारा पूर्वी तथा हसनपुर बागर में खरीफ फसल व अन्य कृषि योजनाओं को लेकर रविवार को किसान चौपाल का आयोजन किया गया। प्रशिक्षु कृषि अधिकारी शोभित कुमार ने किसानों के फार्मर आईडी के महत्व पर प्रकाश डाला। कहा कि सभी निबंधित किसानों का फार्मर आईडी कार्ड निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। इस कार्ड के माध्यम से किसानों के लिए केन्द्र सरकार तथा राज्य सरकार द्वारा संचालित सभी योजनाओं का लाभ मिल सकेगा। केसीसी ऋण, प्रधानमंत्री सम्मान योजना, अनुदानित मूल्य पर कृषि उपकरण क्रय, नलकूप आदि के लिए कार्यालय का चक्कर लगाने से मुक्ति मिल जाएगी।

एक ही कार्ड से सभी योजनाओं का समुचित लाभ मिल सकता है। कृषि समन्वयक सुरेन्द्र कुमार ने फसल बुआई के पूर्व मिट्टी जांच कराने की सलाह दी तथा खेतों से मिट्टी नमूना लेने की विधि की तफ़सील से चर्चा की। कृषि समन्वयक प्रिंस कुमार ने बताया कि खरीफ फसल में यदि खरपतवार पर नियंत्रण कर लिया जाता है तो अच्छी पैदावार होने की शत प्रतिशत गारंटी है। बीटीएम विवेकानंद सिंह ने खेतों में रासायनिक उर्वरक के प्रयोग से किसानों को बचने की सलाह दी। कहा कि इसके उपयोग से मिट्टी की उर्वरा शक्ति क्षीण हुई है। मिट्टी की उर्वरा शक्ति बरकरार रखने हेतु हरा खाद तथा वर्मी कम्पोस्ट के प्रयोग करने पर बल दिया। खरीफ फसल में अधिकांश भूखंड में मक्का की बुआई की जाती है। मक्का उत्तर बिहार में सबसे अधिक उत्पादन किया जाता है। इसके स्टार्च का उपयोग तीन हजार से अधिक उत्पादों में होने से बाजार में इसका मांग अधिक रहता है। यहां के मक्का में नमी कम होने के कारण अन्य प्रांतों के व्यवसायी इसे खरीदने के लिए आते हैं। उन्होंने विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के संबंध में जानकारी देते हुए लाभ लेने के तरीके पर भी चर्चा की। प्रखंड में उपलब्ध बीज मक्का, धान के अतिरिक्त ढैंचा, अरहर, सामा, कोदो, रागी आदि के उपलब्ध बीज के संबंध में बताया। श्री अन्न के उत्पादन करने पर बल देते हुए इसपर मिलने वाले अनुदानों के बारे में बताया। परंपरागत खेती के अतिरिक्त मशरूम उत्पादन, बतक, कुक्कुट, बकरी, मछली पालन हेतु प्रशिक्षण आदि के संबंध में भी बताया तथा इससे लाभ लेने की अपील की। मौके पर एटीएम सोनल सिंह, किसान सलाहकार मुकेश कुमार, संजय कुमार, राजीव कुमार, मुखिया विजय पासवान, पूर्व पैक्स अध्यक्ष महेश कुमार महतो, पूर्व उपमुखिया महेश यादव तथा कई किसान मौजूद थे।

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