नालों के पानी के ट्रीटमेंट के लिए चार जगहों पर बनाया प्वाइंट
भभुआ में नगर परिषद ने बरसात के पानी और गंदे पानी के उपचार के लिए चार स्थानों पर ट्रीटमेंट प्वाइंट बनाए हैं। नमामि गंगे योजना के अंतर्गत, इन प्वाइंट्स में दवा मिलाकर गंदा पानी ट्रीट किया जाता है। इससे...

बरसात के दिनों में हटा लिए जाते हैं उपकरण, ट्रीटमेंट प्वाइंट के पास लगे टैंक में डालते हैं दवा नमामि गंगे योजना से मुख्य नालों के मुहाने पर बनाया ट्रीटमेंट प्वाइंट, पानी जाता है नदी व नहर में (पेज चार की फ्लायर खबर) भभुआ, एक प्रतिनिधि। शहर में नालों के पानी के ट्रीटमेंट के लिए नगर परिषद प्रशासन ने चार जगहों पर ट्रटीमेंट प्वाइंट बनाया है। अष्टभुजी चौक के आगे सुवरा नहर में, अटल बिहारी सिंह प्लस टू स्कूल के पास मुख्य नाले में, अखलासपुर बस पड़ाव के पास मुख्य नाले में एवं कुकुरनहिया नहर में ट्रीटमेंट प्वाइंट बनाए गए हैं।
नमामि गंगे योजना से स्थापित ट्रीटमेंट प्वाइंट के पास एक-एक हजार लीटर के दो टैंक रखे गए हैं, जिसमें दवा मिलाकर गंदे पानी में गिराया जाता है। गौरतलब है कि शहर में घरों से निकलने वाले गंदे पानी एवं बरसात के पानी की निकासी के लिए नगर परिषद द्वारा पांच नालों का निर्माण किया गया है। इसी नाले के माध्यम से शहर में तीन तरफ नहर एवं नदियों में गंदा पानी गिराया जाता है। पूर्व में शहर से निकलने वाला गंदा पानी जब किसानों के खेतों में जाता था, तब उनकी फसल नष्ट हो जाती थी। किसान नाराज रहते थे। इस समस्या को देखते हुए नमामि गंगे योजना से नालों के पानी के ट्रीटमेंट के लिए प्वाइंटर बनाए गए। हालांकि बरसात के दिनों में जब नहर एवं नदियों में पानी का बहाव तेज होता है तब यह ट्रीटमेंट प्वाइंट को हटा लिया जाता है। लेकिन, सामान्य दिनों में नाले के पानी का ट्रीटमेंट होता है। नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी संजय उपाध्याय ने बताया कि नालों का गंदा जब ट्रीटमेंट होकर खेतों में जाएगा, तब उससे फसल को किसी तरह का नुकसान नहीं होगा। उन्होंने बताया कि पहले नाले का निर्माण नदी एवं नहर तक नहीं हो सका था, जिससे किसानों की फसल नष्ट होती थी। अब खेतों में नहीं आता नाले का गंदा पानी किसान संतोष कुमार सिंह और मनोज कुमार ने बताया कि पहले शहर से निकलने वाला गंदा पानी कलेक्ट्रेट के आसपास की खाली जमीन, बस पड़ाव के आसपास की खाली जमीन, हवाई अड्डा के आसपास की खाली जमीन, अष्टभुजी चौक के आसपास की खाली जमीन में चला जाता था, जिससे खेती करना मुश्किल हो जाता था। लेकिन, अब नाले को नहर से जोड़ दिए जाने से सामान्य दिनों में नाले का पानी खेत में नहीं जाता है। इससे अब किसानों को काफी राहत मिल रही है। कोट नाले के गंदे पानी के ट्रीटमेंट के लिए शहर में चार जगहों पर प्वाइंट बनाए गए हैं। इन स्थलों पर एक-एक हजार लीटर क्षमता के दो-दो टैंक लगाए गए हैं, जिसमें दवा डाली जाती है। पानी का ट्रीटमेंट कर नहर व नदी में गिराया जा रहा है। फोटो 9 जून भभुआ- 9 कैप्शन- भभुआ शहर के अष्टभुजी चौक के पास सुवरा नहर में नाले के पानी के ट्रीटमेंट के लिए बनाया गया प्वाइंट।
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