Basic Amenities Crisis in Munger s Belwa Ghat and Karbala 15 000 Residents Struggle बोले मुंगेर : 75 फीसदी घरों में नहीं पहुंचा पानी, रोज खर्च हो रहे 20 रुपये, Bhagalpur Hindi News - Hindustan
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बोले मुंगेर : 75 फीसदी घरों में नहीं पहुंचा पानी, रोज खर्च हो रहे 20 रुपये

भारत के मुंगेर नगर निगम के बेलवा घाट और कर्बला क्षेत्र में 15,000 की जनसंख्या बुनियादी सुविधाओं के अभाव में जी रही है। यहां के निवासी जल, बिजली, सफाई और सुरक्षा के लिए संघर्ष कर रहे हैं। नल-जल योजना...

Newswrap हिन्दुस्तान, भागलपुरMon, 26 May 2025 11:02 PM
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बोले मुंगेर : 75 फीसदी घरों में नहीं पहुंचा पानी, रोज खर्च हो रहे 20 रुपये

भारत के ग्राम और शहरी क्षेत्रों के विकास की दिशा में सरकारें निरंतर प्रयासरत हैं, लेकिन आज भी कई स्थान ऐसे हैं जो बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। मुंगेर नगर निगम के वार्ड संख्या 41 में स्थित बेलवा घाट और कर्बला क्षेत्र इसका जीवंत उदाहरण हैं, जहां की लगभग 15,000 आबादी आज भी जल, बिजली, सफाई, और सुरक्षा जैसी बुनियादी आवश्यकताओं के लिए संघर्ष कर रही है। इस क्षेत्र के लोगों के साथ बेलवा घाट में हिन्दुस्तान संवाददाता द्वारा किए गए संवाद में कई समस्याएं एवं जन आकांक्षाएं उजागर हुईं। यह आलेख उन्हीं समस्याओं और जन आकांक्षाओं की अभिव्यक्ति है।

15 हजार आबादी है बेलवा घाट एवं कर्बला क्षेत्र की

05 हजार है मतदाताओं की संख्या बेलवा घाट-कर्बला में

14 सौ घरों में नहीं पहुंचा है योजना का पानी

50 स्ट्रीट लाइटें खराब पड़ी हैं इस इलाके में

बेलवा घाट और कर्बला क्षेत्र, जिसकी जनसंख्या लगभग 15,000 है और जहां मतदाताओं की संख्या 5,000 के आसपास है, वर्षों से बुनियादी सुविधाओं के अभाव में जी रहा है। संवाद के दौरान लोगों ने बताया कि, यहां की एक बड़ी समस्या पेयजल की है। इस क्षेत्र में नल-जल योजना के तहत कनेक्शन तो दिए गए हैं, लेकिन 1400 से अधिक घरों में अब तक योजना का पानी नहीं पहुंचा है। लोगों को पीने के पानी के लिए 20 रुपये प्रति बोतल खर्च करने पड़ रहे हैं। नगर निगम एवं कस्तूरबा जलापूर्ति केंद्र में कई बार शिकायतें की गईं, लेकिन एक वर्ष बीत जाने के बाद भी अब तक समाधान नहीं हुआ है। आज भी लगभग 25 प्रतिशत घरों में ही पानी पहुंचता है, जबकि 75 प्रतिशत लोग अब भी पानी के लिए संघर्षरत हैं।

नहीं बने नाले, खराब हैं स्ट्रीट लाइटें:

लोगों ने बताया कि यहां स्थित मुसहरी टोला, जहां लगभग 70 घर हैं और मांझी समाज के लोग निवास करते हैं, वहां अब तक नाले-नालियों का निर्माण नहीं हुआ है इसके कारण यहां लगातार जलजमाव की स्थिति बनी रहती है। इस क्षेत्र में कई नालों का निर्माण तो हुआ है, लेकिन उन्हें चालू नहीं किया गया या उनकी नियमित सफाई नहीं होती है, जिससे दुर्गंध और मच्छरों की समस्या बनी रहती है। इस बिजली की हालत भी बेहद चिंताजनक है। बेलवा घाट से कर्बला तक लगभग 50 स्ट्रीट लाइटें खराब पड़ी हैं। शाम होते ही क्षेत्र अंधकार में डूब जाता है, जिससे चोरी की घटनाएं बढ़ जाती हैं और लोग चोरी होने की डर से हमेशा डरे रहते हैं। लोगों की मांग है कि, क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं ताकि अपराधिक घटनाओं की निगरानी हो सके और सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

कटाव का लगा रहता है डर :

लोगों का कहना था कि यहां की सबसे गंभीर समस्या गंगा नदी के कटाव की है। इस क्षेत्र के लोग हमेशा कटाव के डर से सहमे रहते हैं। जहां बगल में स्थित बेलन बाजार में कटाव रोधी कार्य के तहत जियो बैग लगाए जा रहे हैं, वहीं वार्ड- 41 के इस क्षेत्र को पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया है। लोगों ने कहा कि, डुमंटा घाट से लल्लू पोखर तक जिओ बैग लगाने की मांग की गई है, ताकि कटाव से लोगों की सुरक्षा हो सके। लेकिन नतीजा अभी तक कुछ नहीं है। यही नहीं, बेलवा घाट की जर्जर सीढ़ियों के कारण हर वर्ष कई लोगों की डूबने से मौत हो जाती है, जिससे इसका पुनर्निर्माण अत्यंत आवश्यक है। इस संबंध में भी नगर निगम द्वारा कुछ नहीं किया जा रहा है।

आवास योजना का नहीं मिलता लाभ:

लोगों ने बताया कि, प्रधानमंत्री आवास योजना में भी भ्रष्टाचार व्याप्त है। जिनका घर फूस का है, उन्हें लाभ नहीं मिल रहा, जबकि पक्के मकान वालों को योजना का लाभ दिया जा रहा है। बिचौलियों द्वारा 5 से 10 हजार रुपये की रिश्वत मांगी जाती है, और पैसे न देने पर वंचित कर दिया जाता है। इसके साथ ही कर्बला में बीच सड़क पर बिजली के खंभे गाड़ दिए गए हैं, जिससे आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं। लोगों ने बिजली विभाग से बीच सड़क पर स्थित बिजली के इन पोलों को हटाकर किनारे लगाने की मांग की है। वार्ड- 41 बेलवा घाट एवं कर्बला क्षेत्र की समस्याएं केवल सुविधाओं की कमी की नहीं, बल्कि प्रशासनिक अनदेखी और भ्रष्टाचार की कहानी भी बयां करती हैं। ऐसे में जरूरत है कि, स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधि इस क्षेत्र की समस्याओं को गंभीरता से लें, ताकि यहां के नागरिकों को भी एक गरिमामय जीवन जीने का अवसर मिल सके।

शिकायत

1. क्षेत्र में नल-जल योजना के तहत कनेक्शन तो दिए गए हैं, लेकिन अधिकांश घरों तक पानी नहीं पहुंच रहा है। लगभग 75 प्रतिशत लोग अब भी पीने के पानी के लिए परेशान हैं।

2. गंगा के किनारे बसे इलाकों में तेजी से भूमि कटाव हो रहा है, लेकिन बचाव के लिए जियो बैग नहीं लगाए गए हैं। इससे लोगों की ज़िंदगी और ज़मीन दोनों खतरे में हैं।

3. यहां कई नाले बने जरूर हैं, लेकिन चालू नहीं किए गए हैं। जहां चालू हैं, वहां नियमित सफाई नहीं होती। इससे जलजमाव और गंदगी बनी रहती है।

4. पूरे क्षेत्र में लगभग 50 से अधिक स्ट्रीट लाइटें खराब हैं, जिससे अंधेरे में चोरी की घटनाएं बढ़ रही हैं। अपराध पर निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरों की भी व्यवस्था नहीं है।

5. यहां प्रधानमंत्री आवास योजना में पात्र गरीबों को लाभ नहीं मिल रहा है, बल्कि बिचौलिये पैसे लेकर अपात्रों को लाभ दिलवा रहे हैं।

सुझाव:

1. बेलवा घाट एवं कर्बला में बंद पड़ी नल-जल योजना को चालू किया जाए और हर घर तक पीने योग्य पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।

2. डुमनंटा घाट से लल्लू पोखर तक जियो बैग लगाकर कटाव पर रोक लगाई जाए और घाट की सीढ़ियों का पुनर्निर्माण कराया जाए।

3. यहां के नाले-नालियों को चालू कर नियमित सफाई की जाए और जहां जरूरत हो वहां नए नाले बनाए जाएं।

4. खराब लाइटों को ठीक कर क्षेत्र में सुरक्षा के दृष्टिकोण से सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं, ताकि अपराधों पर रोक लगे।

5. आवास योजना के लाभार्थियों का सर्वे ईमानदारी से किया जाए, बिचौलियों पर कार्रवाई हो और केवल असली जरूरतमंदों को योजना का लाभ मिले।

सुनें हमारी पीड़ा

बेलवा घाट की सीढ़ियां काफी खतरनाक हैं और हादसे होते रहते हैं। जिला प्रशासन को बाढ़ से पहले घाट की सीढ़ियों की मरम्मत करानी चाहिए।

-प्रभाकर कुमार

यहां पानी की गंभीर समस्या है। नल-जल योजना का कार्य तो हुआ है, लेकिन एक वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद भी पानी नहीं आ रहा है।

-अनीता

हम झोपड़ी में रहकर किसी तरह जीवन गुजार रहे हैं। आवास योजना के नाम पर हमसे 10 हजार रुपये की मांग की जाती है।

-रेखा देवी

हम मजदूरी कर जीवन यापन करते हैं। हमें आवास योजना का लाभ आज तक नहीं मिला है। पक्के मकान वालों को लाभ दिया जा रहा है, जबकि हमसे 5 हजार रुपये की मांग की जा रही है।

-नीतीश कुमार

बेलवा घाट की सीढ़ियां टूटी-फूटी हैं, जिससे बाढ़ के समय लोगों की डूबने से मौत हो जाती है। घाट का पुनर्निर्माण आवश्यक है।

-सोनी देवी

नल-जल योजना का कनेक्शन तो मिला है, लेकिन पानी नहीं आ रहा है। हमें पीने का पानी खरीद कर लाना पड़ता है।

-रामशखी देवी

कर्बला में बीच सड़क पर ही बिजली के खंभे गाड़ दिए गए हैं, जिससे वाहन चालकों को दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ता है। इन खंभों को हटाकर किनारे किया जाना चाहिए।

-माला देवी

जल नल योजना को एक वर्ष हो गया, लेकिन अभी तक पानी नहीं मिला है। वार्ड कमिश्नर भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।

-रूबी देवी

'हर घर नल का जल' योजना का लाभ यहां के सैकड़ों लोगों को नहीं मिल रहा है। गंगा कटाव भी हो रहे हैं। कर्बला से लल्लू पोखर तक जियो बैग लगवाया जाना चाहिए।

-सोभा देवी

इस वार्ड में पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं है। एक भी सरकारी चापाकल नहीं है। कम से कम तीन चापाकलों की आवश्यकता है।

-मीणा देवी

बारिश के समय सड़क पर जलजमाव हो जाता है। जिन स्थानों पर नाला बना है, वे चालू नहीं किए गए हैं।

-सुनीता देवी

कई स्ट्रीट लाइटें खराब पड़ी हैं, जिससे शाम होते ही अंधेरा छा जाता है और चोरी की घटनाएं बढ़ जाती हैं।

-रिंकू देवी

जल नल योजना के तहत सभी घरों में कनेक्शन मिला है, लेकिन लगभग 75% घरों में पानी नहीं आता। शिकायत के बावजूद विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की है।

-दशरथ महतो

हर साल बाढ़ के कटाव से लोग परेशान रहते हैं, लेकिन इस वार्ड में कोई कटाव निरोधी कार्य नहीं हुआ है, जबकि अन्य क्षेत्रों में जियो बैग लगाए जा रहे हैं।

-सुरेश महतो

बेलवा घाट और कर्बला में किसी भी कार्य के लिए बिचौलिये पैसे की मांग करते हैं। कुछ लोगों का ही काम हो पाता है। बिचौलियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।

-दिनेश

बोलीं जिम्मेदार

बेलवा घाट के सौंदर्यीकरण को लेकर विभाग को प्रस्ताव भेजा गया है। जैसे ही विभाग से प्रस्ताव स्वीकृत होगा, बेलवा घाट का सौंदर्यीकरण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। जहां तक नल-जल की समस्या का प्रश्न है, उसकी जांच करवा कर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। साफ-सफाई का मामला मेरे संज्ञान में नहीं था। उसकी भी जांच करवाई जाएगी तथा संबंधित लोगों को आवश्यक निर्देश दिए जाएंगे।

–कुमकुम देवी, मेयर, मुंगेर

बोले मुंगेर फॉलोअप

सड़क निर्माण की नहीं हुई गुणवत्ता जांच

मुंगेर, एक संवाददाता। हिन्दुस्तान अखबार के बीते 19 मई के अंक में बोले मुंगेर अभियान के तहत मुंगेर नगर निगम के माधोपुर मोहल्ले की जनता की समस्याओं को उजागर किया गया था। इसके तहत यहां के लोगों ने मोहल्ले की अन्य समस्याओं के साथ-साथ सड़क की समस्या को प्रमुखता से उठाया था। बोले मुंगेर में संवाद के दौरान यहां के लोगों ने था कि, लगभग 20 वर्षों बाद यहां के मुख्य सड़क का निर्माण कार्य शुरू हुआ है, लेकिन इसमें गुणवत्ता के मानकों की अनदेखी की जा रही है। स्थानीय लोगों ने इस विषय पर पूर्व प्रभारी नगर आयुक्त अभिषेक कुमार से शिकायत की भी थी। उन्होंने आश्वासन भी दिया था कि, सड़क निर्माण की गुणवत्ता की जांच कराई जाएगी और दोषी संवेदक के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। लेकिन, खबर प्रकाशित होने के कई दिनों बाद भी स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है। न तो सड़क निर्माण की गुणवत्ता की जांच की गई है और न ही संवेदक पर कोई कार्रवाई हुई है। इससे स्थानीय लोगों में नाराजगी व्याप्त है। उनका कहना है कि, यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो सड़क जल्द ही जर्जर हो सकती है। स्थानीय निवासियों ने मांग की है कि नगर निगम स्थिति का संज्ञान लेते हुए शीघ्र जांच कराए और दोषियों पर कार्रवाई सुनिश्चित करे, ताकि वर्षों बाद बनी यह सड़क टिकाऊ साबित हो सके। इसके अतिरिक्त उन्होंने नगर निगम से अपनी अन्य समस्याओं के समाधान की भी मांग की है।

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