गोशाला की जमीन को लेकर बढ़ा विवाद, आक्रोशित ग्रामीणों ने पहुंचकर काम रोका
ग्रामीण बोले कई वर्षों से इस जमीन पर हमारे पूर्वज करते आ रहे है खेती

प्रखंड क्षेत्र की निस्फअंबे पंचायत स्थित टीकोरी गोशाला की 250 बीघा जमीन को लेकर बुधवार को ग्रामीण और जिला प्रशासन की टीम आमने-सामने होती नजर आई। गोशाला की जमीन मधुसूदनपुर थाना क्षेत्र के सरदारपुर गांव में स्थित है। सदर एसडीओ के निर्देश पर गोशाला की जमीन पर चहारदीवारी का काम शुरू कराया गया था। लेकिन बुधवार दोपहर 50 से अधिक ग्रामीणों की भीड़ आक्रोशित होकर मौके पर पहुंच गई और जिला प्रशासन द्वारा कराए जा रहे निर्माण कार्य को रोक दिया। ग्रामीणों ने स्पष्ट रूप से कह दिया कि वर्षों से इस जमीन पर हमारे पूर्वज ही खेती करते आ रहे हैं। अब यह जमीन गोशाला की बताई जाती है। यह जमीन किसानों की थी जो गोशाला ने ले ली। जबकि डीसीएलआर कोर्ट में भी वर्ष 1997-98 में लिखित डिग्री रैयत किसानों के हक में दिया गया है। ग्रामीण अशोक गोस्वामी ने बताया कि गोशाला की यह जमीन 1961 में ही बिहार सरकार में चली गई। लेकिन उक्त जमीन को हमारे पूर्वज जोत करते आ रहे हैं। इस दौरान डीसीएलआर के केस भी दायर किया गया। डीसीएलआर ने 1997-98 में ग्रामीणों के पक्ष में डिग्री दी डिग्री में स्पष्ट लिखा कि ग्रामीण दादा-परदादा के समय से ही इस जमीन के रैयत हैं आगे भी रहेंगे। गोशाला ट्रस्ट द्वारा हमेशा गो पालन की बात की जाती है लेकिन गो पालन नहीं करके यहां ट्रांसपोर्ट गोदाम बना दिया जाता है। इसको लेकर जब होता है तब घेराबंदी शुरू कर दी जाती है। जो गलत है। इस मामले में मधुसूदनपुर थानाध्यक्ष सफदर अली ने बताया कि एसएचओ ने बताया कि ग्रामीणों द्वारा घेराबंदी कार्य पर रोक लगा दिया गया है। ग्रामीणों को जमीन से संबंधित कागजात लेकर मंगलवार को हबीबपुर थाने पर बुलाया गया है। कागजात के जांचोपरांत ही कोई निर्णय लिया जाएगा। वहीं सीओ नाथनगर रजनीश कुमार ने बताया कि इस तरह के हंगामे की किसी प्रकार की कोई सूचना उन्हें प्राप्त नहीं हुई है। अभी पटना में हैं। लौटने पर यदि सदर एसडीओ द्वारा उन्हें जो भी निर्देश प्राप्त होगा उसका अनुपालन किया जाएगा।
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