सावन में शिव के प्रिय फलों की आवक बढ़ेगी मंडी में
झारखंड के सीमाई इलाकों से आएगा सीता फल, धतूरा की भी बढ़ेगी मांग, सजेगी

भागलपुर, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। सावन में शहर की फल मंडियों में भगवान शिव के प्रिय फलों की आवक बढ़ेगी। बाजारों में अमरूद, केला, सीताफल, नाशपाती जैसे फलों की डिमांड बढ़ जाती है। फल विक्रेताओं के अनुसार केला और अमरूद की आपूर्ति जिले के आसपास के क्षेत्रों से होती है। वहीं सीताफल (शरीफा) की आवक झारखंड के सीमावर्ती जिलों गोड्डा, साहिबगंज और पाकुड़ से होती है। इसके अलावा पूजा में उपयोग होने वाला धतूरा जिसमें फल और पत्तों दोनों की मांग रहती है, जो कोलकाता व स्थानीय खेतों और जंगलों से लाया जाता है। मुख्य बाजार के फल विक्रेता मो. वहाब खान ने बताया कि सावन में कई प्रकार के फल मंडी में उपलब्ध रहते हैं, जिनकी मांग श्रद्धालुओं के बीच काफी अधिक होती है।
उन्होंने बताया कि सुल्तानगंज और कांवरिया पथ पर पड़ने वाली अधिकांश दुकानों के व्यापारी फल की खरीद यहीं की मंडी से करते हैं। फल में विशेष रूप से नाशपाती, सेब, केला, सीताफल, अंगूर, अनार और पपीता की आवक होती है। उन्होंने बताया कि सावन में सेब और नाशपाती की आपूर्ति मुख्य रूप से हिमाचल प्रदेश से होती है। उन्होंने कहा कि सावन में इन फलों की मांग पूजा-पाठ और कांवर यात्रा के लिए काफी बढ़ जाती है। नवगछिया निवासी हुरो मंडल और जगदीश यादव जो जिले के मुख्य बाजार में व्यापार के लिए पहुंचे थे, उन्होंने बताया कि सावन के लिए परिचित व्यापारी अभी से ही फोन पर संपर्क करने लगे हैं। उन्होंने बताया कि सावन में तो विक्रमशिला पुल पर ही केले की थोक खरीदारी शुरू हो जाती है। सावन के दौरान केले की खपत में कई गुना वृद्धि हो जाती है। वहीं, फूल विक्रेता संजीव मंडल ने बताया कि सावन में धतूरा के फल, फूल और पत्तों की डिमांड काफी रहती है। भगवान शिव को अर्पित किए जाने वाले धतूरा के फल, फूल और पत्तों का आवक मुख्य रूप से कोलकाता से होती है। उन्होंने बताया कि धतुरा को शिव का प्रिय पुष्प माना जाता है और शिव भक्त विशेष शृंगार की थाली में इसे सजाते हैं। इसकी मांग सावन के पूरे महीने भर बनी रहती है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।