जेएलएनएमसीएच में बढ़ेंगे आईसीयू के बेड, रेफर के दर्द से मिलेगी निजात
मायागंज अस्पताल से रोजाना 12 से 14 मरीज इलाज के लिए रेफर हो जाते हैं

भागलपुर, वरीय संवाददाता सात साल में अधिकांश समय बंद रहे जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (मायागंज अस्पताल) में 17 बेड की आईसीयू के शुरू होने के दिन आ गये हैं। अगर सब कुछ सही रहा तो इस आईसीयू का न केवल संचालन शुरू हो जाएगा, बल्कि रेफर का दर्द सहने वाले मरीजों को राहत मिलेगी। गौरतलब हो कि मायागंज अस्पताल की आईसीयू में बेड न मिलने के कारण रोजाना 12 से 14 मरीज इलाज के लिए रेफर हो जाते हैं। अभी 24 बेड की आईसीयू, नई आईसीयू शुरू होने पर होंगे कुल 41 बेड मायागंज अस्पताल की जनरल आईसीयू में 24 बेड उपलब्ध हैं।
वहीं अगर बंद पड़ी 17 बेड की आईसीयू को शुरू कर दिया जाता है तो जनरल आईसीयू में कुल बेड की संख्या बढ़कर 41 पर पहुंच जाएगी। वहीं इस आईसीयू में बच्चों के लिए आईसीयू (पीकू यानी पीडियाट्रिक आईसीयू) का संचालन होता है। इसमें गंभीर रूप से बीमार बच्चों का इलाज किया जाता है। बीते दिनों एचओडी की बैठक में बंद पड़ी 17 बेड की आईसीयू के शुरू करने के मुद्दे पर विचार-विमर्श हुआ था। मायागंज अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अविलेश कुमार ने कहा कि 17 बेड की आईसीयू को शुरू करने के लिए चिकित्सक, स्टाफ नर्स व अन्य मानव बल की जरूरत होगी। इसी को लेकर एक आकलन रिपोर्ट तैयार की जा रही है। दो-दो चार दिनों में आकलन रिपोर्ट के आधार पर डॉक्टर-नर्स व अन्य मानव संसाधनों की तैनाती कर दी जाएगी तो ये आईसीयू सामान्य लेकिन गंभीर मरीजों के इलाज के लिए तैयार हो जाएगी। साल 2018 से तैयार है 17 बेड की आईसीयू साल 2018 में ही जनरल आईसीयू के बगल में 17 बेड की आईसीयू तैयार की गई है। इस आईसीयू में न केवल पाइपलाइन के जरिए ऑक्सीजन आपूर्ति की व्यवस्था है, बल्कि हरेक बेड को जीवनरक्षक उपकरणों से पूरी तरह से लैस किया गया है। इससे पहले ये वार्ड स्त्री एवं प्रसव रोग विभाग के पेइंग वार्ड के रूप में संचालित हो रहा था, जिसे बाद में आईसीयू में तब्दील कर दिया गया। उस वक्त से लेकर अबतक कुल छह अस्पताल अधीक्षक (डॉ. आरसी मंडल, डॉ. अशोक भगत, डॉ. असीम कुमार दास, डॉ. उदय नारायण सिंह, डॉ. राकेश कुमार व डॉ. हेमशंकर शर्मा) आये-गये, लेकिन किसी ने भी इस बंद पड़ी आईसीयू को शुरू कराने का प्रयास नहीं किया। हां, इस बीच जब 24 बेड की आईसीयू की मरम्मत हो रही थी और यहां पर मरीज भर्ती नहीं हो रहे थे तो उस दौरान (करीब सवा साल तक) 17 बेड की आईसीयू में मरीजों की भर्ती किया गया। कोट 17 बेड की आईसीयू तैयार है और हरेक बेड आधुनिक जीवनरक्षक उपकरण से लैस है। सिर्फ यहां पर मानव संसाधन (डॉक्टर, नर्स व मानव बल) की तैनाती बाकी है। प्रयास होगा कि एक सप्ताह में 17 बेड की आईसीयू को शुरू करके मरीजों को भर्ती किया जाना लगे। : डॉ. आलोक कुमार सिंह, आईसीयू इंचार्ज सह अध्यक्ष एनेस्थीसिया विभाग, मायागंज अस्पताल
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