बिहार में डॉन, माफिया के लिए काला पानी की तैयारी; वीरान इलाके में बनेंगे 2 जेल; क्या होगा, क्या नहीं?
- बिहार पुलिस माफियाओं, नक्सलियों और चरमपंथियों का बाहर बैठे गैंग से संपर्क तोड़ने के लिए काला पानी जैसा दो जेल बनाने की तैयारी में है। ये जेल ऐसी जगह पर बनाए जाएंगे जहां मोबाइल टावर तो दूर की बात, आदमी का आना-जाना भी मुश्किल हो।

अंग्रेजों के जमाने में आजादी के दीवानों को अंडमान के सेलुलर जेल भेजकर काला पानी की सजा दी जाती थी। बिहार पुलिस बड़े-बड़े डॉन, माफिया, नक्सलियों और चरमपंथियों को बंद रखने के लिए वीरान इलाकों में दो जेल बनाने की तैयारी में है। ऐसा इलाका जहां सड़क संपर्क ना हो, जहां दूर-दूर तक मोबाइल का टावर ही ना हो। पुलिस इन जेलों में अंडर ट्रायल और सजा काट रहे बड़े क्रिमिनल को बंद रखने की योजना में है। प्लान है कि जेल को ऐसे दुर्गम इलाके में बनाया जाए कि घर-परिवार वाले भी मिलने आएं तो परेशान होकर जाएं। जेल के आस-पास दूर तक कोई सड़क ना हो जिसका फायदा कैदियों के भागने पर लगाम में भी मिलेगा।
बिहार पुलिस के अपर महानिदेशक (एडीजी) कुंदन कृष्णन ने कहा कि जेल में रहकर अपराध को अंजाम देने वाले माफिया, धर्म और नक्सल के नाम पर कट्टरपंथ फैलाने वाले अभियुक्तों को रखने के लिए अलग हाई सिक्योरिटी जेल बनेगी। उन्होंने बताया कि दो निर्जन जगहों पर ऐसे जेल बनाने के लिए गृह विभाग को जल्द प्रस्ताव भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि ये जेल ऐसे रिमोट एरिया में बनाई जाएगी, जहां नेटवर्क नहीं होगा और परिजनों का पहुंचना भी दूभर होगा। राज्य के 8 सेंट्रल जेल में जैमर लगाया गया है लेकिन वो बहुत कारगर नहीं है।
वीरान इलाके में बनने वाले हाई सिक्योरिटी जेल में क्या-क्या होगा?
- आबादी से दूरी। वीरान और दुर्गम इलाके में बनेंगे जेल। इससे परिवार वालों को भी आने-जाने में परेशानी होगी। मकसद- बाहरी दुनिया से क्रिमिनल का संपर्क कम करना। जेल के अंदर से अपराध की योजना बनाने पर ब्रेक लगाना।
- आसपास सड़क नहीं होगा। मकसद- कैदियों के परिजनों के लिए आवागमन एक बड़ी समस्या बन जाए ताकि वो कम आएं। कैदियों के जेल से भागने की स्थिति में वाहन अगर पहले से हो तो भागने के लिए सड़क ना हो।
- ऐसा इलाका जहां पास में मोबाइल फोन का टावर ही ना हो। जेल के भ्रष्ट अफसर और जवानों को घूस खिलाकर कैदी जेल में मोबाइल फोन और तमाम सुविधा हासिल कर लेते हैं। मोबाइल टावर की रेंज से दूर जेल बनाने पर फोन खुद ही नाकाम हो जाएगा। मोबाइल फोन नेटवर्क टूट जाने से जेल में बैठकर गैंग के लोगों के साथ फोन पर ही लूट, हत्या, अपहरण जैसे अपराध की प्लानिंग थम जाएगी।
- मुलाकात का वीडियो रिकॉर्ड होगा। इन जेलों में बंद कैदियों से मिलने जब परिवार के लोग या वकील आएंगे तो उनकी मुलाकात का वीडियो बनाया जाएगा। वीडियो बनाने से क्रिमिनल ऐसी कोई बात मुलाकाती से नहीं करेगा, जिससे वो फंस जाएं। क्राइम की प्लानिंग नहीं हो पाएगी।
तनिष्क शोरूम लूटकांड का मास्टमाइंड बंगाल की जेल में कैद, वैशाली के कुख्यात प्रिंस ने रची साजिश
असल में आरा के तनिष्क शोरूम से 10 करोड़ के लूट में पुलिस को गिरफ्तार अपराधियों से पता चला कि इसकी साजिश पुरुलिया जेल में बंद ओमकार नाथ सिंह उर्फ शेरू सिंह और चंदन सिंह उर्फ प्रिंस ने रची थी। प्रिंस बिहार ही नहीं देश के दूसरे हिस्सों में भी ज्वैलर्स से लूट के कई मामलों में मास्टरमाइंड के तौर पर सामने आया है। वो जेल से बैठकर ही अपना गैंग चला रहा है और देश भर में सोना-चांदी लूट के बड़े-बड़े कांड करवा रहा है।
आरा के तनिष्क ज्वेलर्स में 22 दिन के अंदर दूसरा कांड, लूट के बाद अब लग गई आग
बिहार पुलिस इनको रिमांड पर बिहार लाकर पूछताछ करेगी। कुंदन कृष्णन ने कहा कि अब तक 4000 से अधिक पेशेवर अपराधियों और 3000 नक्सलियों का डेटाबेस तैयार कर लिया है, जिनको लगातार ट्रेस किया जा रहा है। उन्होंने अभिभावकों से अपने युवा बच्चों की आय और जीवन शैली में बदलाव पर ध्यान देने की अपील की है ताकि वो अपराधियों से प्रभावित होकर या पैसे के लोभ में गलत रास्ते पर ना चले जाएं।