मगध कोलोनी समेत कई बड़े नाले अब भी खुले, देकुली घाट में नालों पर अतिक्रमण
मगध कोलोनी समेत कई बड़े नाले अब भी खुले, देकुली घाट में नालों पर अतिक्रमणमगध कोलोनी समेत कई बड़े नाले अब भी खुले, देकुली घाट में नालों पर अतिक्रमणमगध कोलोनी समेत कई बड़े नाले अब भी खुले, देकुली घाट में...

जलजमाव 04 : मगध कोलोनी समेत कई बड़े नाले अब भी खुले, देकुली घाट में नालों पर अतिक्रमण नाला छोटा होने से बारिश होने पर गलियों व सड़कों से होकर निकलता है गंदा पानी अच्छी बारिश हुई, तो मोगलकुआं के बाद नाला से पानी निकलना होगा मुश्किल आबादी बढ़ती गयी नाले सिकुड़ते गए, शहरवासियों को परेशानी का नहीं दिख रहा समाधान फोटो : मगध नाला : बिहारशरीफ मगध कोलोनी से गुजरने वाला खुला नाला। बिहारशरीफ, निज संवाददाता। शहर में बनी बेतरतीब नाला और उससे निकलने की व्यवस्था पर शहरवासियों को संदेह है। शहर से बारिश व गंदा पानी की निकासी के लिए स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में काफी ध्यान दिया गया है।
इसके लिए शहर के बीचों बीच से नाला सह सड़क भी बनाया जा रहा है। लेकिन, अब भी कई नाला चुनौती बने हुए हैं। मगध कोलोनी, देकुली घाट, खंदकपर, मिरदाद, इमादपुर समेत कई बड़े नाले अब भी खुले हुए हैं। इतना ही नहीं देकुली व मिरदाद में दर्जनों जगहों पर नालों पर अतिक्रमण है। इस कारण अगर अच्छी बारिश हुई, तो इस साल भी शहर के लोगों को जलजमाव से जुझना पड़ेगा। रामचंद्रपुर का शिवपुरी समेत कई मोहल्ले पहले से ही जलजमाव से जुझ रहे हैं। उन मोहल्लों के खाली प्लॉटों में जलजमाव बना रहता है। नालों का पानी गलियों व सड़कों से होते हुए तालाब में गिर रहा है। इससे स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश है। मगध कोलोनी निवासी अमरेंद्र कुमार, योगेंद्र यादव व अन्य कहते हैं कि नाला छोटा होने से बारिश होने पर गलियों व सड़कों से होकर गंदा पानी निकलता है। अच्छी बारिश हुई, तो मोगलकुआं के बाद नाला से पानी निकलना मुश्किल होगा। क्योंकि शहर की आबादी बढ़ती गयी जबकि नाले सिकुड़ते गए। इस कारण इन शहरवासियों को जलजमाव की परेशानी का स्थाई समाधान नहीं दिख रहा है। अतिक्रमण हटाए बिना जलनिकासी संभव नहीं : देकुली ष्घाट के शिशिर प्रसाद सिंह, बिचली खंदक के सुशील कुमार, पुलपर के प्रेम कुमार कहते हैं कि अतिक्रमण हटाए बिना जलनिकासी का स्थाई समाधान संभव नहीं है। शहर में 425 किलोमीटर का लंबा नेटवर्क वाला नाला बन तो अवश्यक गया है। लेकिन, ये नाले जब सामान्य दिनों में ही गंदा पानी को निकालने में पूरी तरह सक्षम नहीं हैं, तब बारिश होने पर कैसे पानी निकलेगा। स्वभाविक तौर पर उस समय कई गलियों यहां तक की सड़कों पर भी लोगों को एक से दो फीट तक गंदा पानी से होकर जाना पड़ेगा। आज भी रांची रोड देवी स्थान के पास महज 10 मिनट की अच्छी बारिश में एक फीट तक पानी जम जाता है। उस समय नाला और सड़क एक हो जाता है। छोटे बच्चे इसमें उछलते कूदते हैं। हद तो यह कि सारी व्यवस्था के बाद भी बारिश बंद होने के बाद वहां से पानी निकलने में दो से तीन घंटा का समय लगता है। इसके बाद भी सड़कों पर कई जगहों पर नाला का गंदा पानी पसरा रहता है। रामचंद्रपुर के निचले इलाका को होगी अधिक परेशानी : रामचंद्रपुर के सिपाही कोलोनी, शिवपुरी व उसके पश्चिम वाले लगभग चार मोहल्लों के लोगों को अधिक परेशानी होगी। वहां नाला तो बना दिया गया है। लेकिन, कई जगहों पर गलियों को नहीं बनाया जा सका है। वहीं नालों को जहां तहां छोड़ दिया गया है। इससे पानी आसपास के इलाकों में भरता रहता है। शिवपुरी के गोपाल प्रसाद कहते हैं कि सिर्फ नाला या गली बनादेने भर से जलजमाव से निजात संभव नहीं है। भौगोलिक बनावट व जमीन के उतार चढ़ाव को देखते हुए ढलान की ओर नालों को बनाया जाना चाहिए। साथ ही इसकी नियिमत सफाई आवश्यक है। पॉलीथिन से निपटना होगी चुनौती : भरावपर के दिनेश कुमार, महात्मा गांधी रोड निवासी मनोज गुप्ता व अन्य कहते हैं कि नालों को जाम करने व सड़कों पर गंदगी फैलाने के लिए सबसे अधिक पॉलीथिन जिम्मेवार है। पॉलीथिन से निपटना इस बार भी चुनौती होगी। ये पॉलीथिन ही नालों को जाम करते हैं। इस कारण कई जगहों पर नालों से गंदा पानी का ओवर फ्लो होने लगता है। खुले नालों में पॉलीथिन भर जाने का खतरा बना रहता है। जो पुल पुलिया के पास अक्सर जाकर जमा हो जाते हैं। इससे पुल के उपर से पानी बहने लगता है। मगध कोलोनी में अस्पताल के पश्चिम मंदिर के पास यही हाल रहता है। थोड़ी सी बारिश में ही वहां की सड़कों पर पानी बहने लगता है। कहते हैं अधिकारी : नालों की नियमित सफाई करायी जा रही है। बारिश के पहले एक व दो राउंड की सफाई करायी जा रही है। ताकि, जलजमाव की स्थिति न हो। आम लोगों को भी पॉलीथिन व प्लास्टिक का उपयोग नहीं करना चाहिए। शहर को स्वच्छ बनाए रखने में नालों की काफी अहमियत है। लेकिन, इन नालों की सफाई की जिम्मेदारी सिर्फ नगर निगम पर छोड़ देने अच्छी बात नहीं है। आखिर परेशानी हम सबों को ही होती है। मोगलकुआं के पास बरसात के पहले नाला को बना दिया जाएगा। इसके लिए युद्ध स्तर पर काम चल रहा है। इसके बनने से रांची रोड के पश्चिम वाले इलाका का जलजमाव से स्थाई निदान मिल जाएगा। साकेश कुमार, नगर प्रबंधक
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