अफ्रीका के गिनी में दौड़ेगा मढ़ौरा का इंजन कोमा
र उभरा मढ़ौरा नोट- कृपया पटना को दिखा लें फोटो- मढ़ौरा। एक संवाददाता अब अफ्रीका के गिनी में पूरी रफ्तार के साथ दौड़ेगा मढ़ौरा रेल फैक्ट्री में बना इंजन कोमा। इसके लिए सोमवार को मढ़ौरा रेल फैक्ट्री परिसर...

मढ़ौरा। एक संवाददाता अब अफ्रीका के गिनी में पूरी रफ्तार के साथ दौड़ेगा मढ़ौरा रेल फैक्ट्री में बना इंजन कोमा। इसके लिए सोमवार को मढ़ौरा रेल फैक्ट्री परिसर में आयोजित एक समारोह में दोनों देशों के अधिकारी व राज्य सरकार के मंत्री की मौजूदगी में इस इंजन का नामकरण किया गया। यह नाम अफ्रीका के गिनी के एक गांव के नाम पर रखा गया है। भारत की सबसे अत्याधुनिक डीजल रेल इंजन फैक्ट्री भारतीय रेल व अमेरिकन कंपनी वेबटेक की संयुक्त उपक्रम है। इसे पहली बार अफ्रीका के गिनी में रेल इंजन निर्यात करने का अनुबंध हुआ है। इस अनुबंध के आलोक में सोमवार को पहले से तैयार एक इंजन का नामकरण किया गया।
इस मौके पर अफ्रीकी देश गिनी के कई मंत्री, अमेरिका के अधिकारी, राजदूत, काउंसलेट जनरल के साथ-साथ बिहार के उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। इन सभी लोगों की मौजूदगी में अफ्रीका को निर्यात किए जाने वाले इस फैक्ट्री में तैयार किए गए पहले रेल इंजन का लोकार्पण और नामकरण भी किया गया। अगले तीन साल में तीन हजार करोड़ के रेल इंजन का होगा निर्यात विश्व स्तरीय मढ़ौरा रेल फैक्ट्री में बनने वाले 4500 हॉर्स पावर के 140 इंजन का निर्यात अफ्रीकी देश गिनी के सीमांडू प्रोजेक्ट के लिए किया जाएगा। इससे लगभग 3000 करोड़ के व्यापार का अनुमान है। अमेरिकन कंपनी वेबटेक के इंडिया हेड सुजाता नारायण के अनुसार अफ्रीका को रेल इंजन की पहली खेप इसी साल अगले माह जून के अंतिम सप्ताह तक भेजी जाएगी और अगले 3 साल के अंदर कारार के मुताबिक 140 रेल इंजन की सप्लाई निर्धारित समय सीमा के अंदर कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे पहले उक्त कंपनी के द्वारा भारतीय रेल के साथ 1000 इंजन की आपूर्ति का करार किया गया था। इसमें कोरोना महामारी के बाद भी समय पर 700 से अधिक इंजनों की आपूर्ति अबतक की जा चुकी है। शेष बचे इंजनों की आपूर्ति भी समय से कर दी जाएगी। रेल फैक्ट्री के जरिये विश्व पटल पर उभर रहा है मढ़ौरा बिहार के सारण जिला अंतर्गत मढ़ौरा के ताल पुरैना स्थित देश की सबसे अंत्याधुनिक रेल इंजन फैक्ट्री में बने इन इंजनों का निर्यात अफ्रीका में किए जाने से अब विश्व स्तर पर अन्य देशों में भी यहां के बने इंजनों की आपूर्ति करने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। इस रेल इंजन फैक्ट्री के जरिए मढ़ौरा विश्व पटल पर स्थापित हो रहा है। अमेरिकन कंपनी वेबटेक की इंडिया हेड सुजाता नारायण ने बताया कि मढ़ौरा में स्थापित कंपनी विश्व स्तरीय कंपनी है और अफ्रीका के अलावा आने वाले दिनों में ऑडर मिलता है तो साउथ ईस्ट एशिया, ऑस्ट्रेलिया आदि से भी इंडिया की इसी फैक्ट्री से इंजन बनाकर सप्लाई किया जाएगा। रेल इंजन के इस व्यापार से जहां अफ्रीकी देश गिनी और भारत के बीच आपसी द्विपक्षीय रिश्ते मजबूत होंगे। वहीं रेल निर्यात के क्षेत्र में दुनिया में भारत का दबदबा बढ़ेगा। इनसेट लाल-पीला रंग से अलग नीला दिखेगा कोमा मढौरा। आमतौर पर रेल इंजन लाल व पीले रंगों में ही दिखता है किंतु अफ्रीका को निर्यात किए जाने वाला यह कोमा नामक इंजन बाकी इंजनों से कुछ अलग होगा। यह इंजन नीले रंग में दिखेगा। प्राप्त जानकारी के मुताबिक अफ्रीकी देश गिनी के राष्ट्रीय झंडे में नीला रंग है। आमतौर पर नीले रंग को शांति, विश्वास और स्थिरता का परिचायक भी माना जाता है। गिनी में नीले रंग का खास महत्व है क्योंकि उनके देश के झंडे में नीला रंग का उपयोग किया जाता है। इसके साथ-साथ यह रंग समुद्र का प्रतिनिधित्व भी करता है तथा शांति समृद्धि और सद्भाव विश्वास से जोड़ता भी है। इसी कारण से अफ्रीकी देश गिनी की मांग पर इस इंजन का रंग नीला रखा गया। मढ़ौरा में बनने वाले इंजन की विशेषता मढ़ौरा रेल फैक्ट्री में बनने वाले इंजन अन्य इंजनों की तुलना में अलग है। इसकी अलग विशेषता और खासियत ने ही विदेशी ग्राहकों को अपनी ओर आकर्षित किया है। यहां बनने वाला इंजन अन्य इंजनों की तुलना में कम डीजल खपत करता है और इससे प्रदूषण भी अन्य इंजनों की तुलना में 40 प्रतिशत कम फैलता है। यह इंजन गिनी के सीमांडू प्रोजेक्ट को ध्यान में रखते हुए उच्च तापमान व धूल वाले स्थानों को देखते हुए डिजाइन किया गया है। यह इंजन अफ्रीका के जलवायु में बेहतर व पूरी क्षमता के साथ काम करने में सक्षम है। इस इंजन में लोको पायलट के लिए एसी केबिन, यूरिनल की व्यवस्था की गई है तथा यह इंजन ऑटोमेटिक रिमोट कंट्रोल सिस्टम से लैस है। नामकरण समारोह में ये लोग थे मौजूद मढ़ौरा रेल इंजन फैक्ट्री में आयोजित इस नामकरण समारोह में बिहार के उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा के साथ-साथ यूएस के काउंसलेट जनरल वाणिज्यिक दूतावास कोलकाता के प्रमुख कैथी गिल्स डियाज,अफ्रीकी देश गिनी के मिनिस्टर डायरेक्टर ऑफ कैबिनेट ऑफ द प्रेसीडेंसी मिस्टर डिज्बा डैकिट, मिनिस्टर ऑफ माइन्स एंड जियोलॉजी मि बाउना साइला, भारत में गुयाना के राजदूत एल्सेन कोंट, मि साइदोबा सौमाह, मि चार्ल्स जिमरन, मि चार्ल्स एटिचन के अलावा अमेरिकन कंपनी वेबटेक के ग्लोबल प्रोजेक्ट हेड कृष्ति, वाइस प्रेसिडेंट तकनीकी योगेश कुमार,इंडिया हेड सुजाता नारायण,सनाज नटराजन, तनुज कुमार, मढ़ौरा के डीसीएलआर मनोहर साहू, बीडीओ सुधीर कुमार, सीओ अम्बपाली यादव सहित अनेक अधिकारी मौजूद थे। -- भारतीय अर्थव्यवस्था का प्रमुख ग्रोथ इंजन बनकर उभरेगा बिहार: नीतीश फोटो मढ़ौरा। एक संवाददाता मढ़ौरा रेल फैक्ट्री से अफ्रीका भेजे जाने वाले इंजन के नामकरण समारोह में शामिल होने आए बिहार के उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि अब बिहार भारतीय अर्थव्यवस्था का प्रमुख ग्रोथ इंजन बनाकर उभरेगा। उन्होंने कहा कि भारत जापान को पीछे छोड़ते हुए विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। आने वाले दिनों में यह तेजी से पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य हासिल कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने रेल इंजन के नामकरण समारोह में शामिल होने वाले गिनी के मंत्री, दूतावास के अधिकारी, भारतीय रेल के अधिकारी के साथ-साथ अमेरिकन कंपनी वेबटेक और माइनिंग के दूसरी सबसे बड़ी कंपनी रियो टिंटो प्रोजेक्ट के प्रतिनिधियों के प्रति भी आभार जताया। उद्योग मंत्री ने कहा कि अगले जून के अंतिम सप्ताह में अफ्रीकी देश गिनी को मढ़ौरा से इंजन की पहली खेत निर्यात की जाएगी। उन्होंने कहा कि अगले 3 साल में 3000 करोड़ का इंजन बिहार के मढ़ौरा की धरती से अफ्रीका के गिनी भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि मढ़ौरा रेल फैक्ट्री के जरिए भारत वैश्विक स्तर पर ग्लोबल लोकोमोटिव मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में स्थापित हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस निर्यात से आने वाले दिनों में बिहार में निवेश व रोजगार में वृद्धि होगी। इस मौके पर उद्योग मंत्री ने मढ़ौरा रेल फैक्ट्री परिसर में वृक्षारोपण भी किया।
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