बारिश होने से खिले किसानों से चेहरे, कृषि कार्य में जुटे
रोहन नक्षत्र में बिचड़ा डालने वाले किसान धान की रोपने की तैयारी में

तेज धूप से बढ़ी परेशानियों के बीच मानसून की पहली मूसलाधार वर्षा होने से किसानों में काफी खुशी है। मंगलवार को अच्छी वर्षा से खेतों में पानी भर गया। किसान कृषि कार्य में जुटे गए हैं। रोहिणी नक्षत्र में बिचड़ा डालने वाले किसान धान की रोपने की भी तैयारी में जुट गए हैं। तेज धूप के कारण धान का बिचड़ा नहीं डालने वाले किसान वर्षा के बाद धान का बिचड़ा डालने के लिए खेतों को तैयार करने लगे हैं। अभी तक जिले में एक हजार 50 हेक्टेयर में धान का बिचड़ा डाला गया है। जिले में 80 हजार से ज्यादा हेक्टेयर में धान का बिचड़ा डालने का निर्धारित लक्ष्य है।
मंगलवार की तरह वर्षा होते रहने से धान का बिचड़ा लगाने का लक्ष्य समय से पहले पूरा हो जाएगा। आद्रा नक्षत्र के प्रारंभिक होने के दो दिन पहले वर्षा शुरू हो गई। आर्द्रा नक्षत्र 22 जून से शुरू होगा और 6 जुलाई तक रहेगा। आद्रा नक्षत्र में वर्षा से खेती कार्य को काफी लाभ होगा। जिन किसानों के बिछड़े रोहिणी नक्षत्र में डाले थे वे लोग धान की रोपने की तैयारी में लग गए हैं। मिथलेश शर्मा, टुल्लू सिंह, लप्पू सिंह, अरुण कुमार, कृष्णा यादव किसानों का कहना है कि खेत में वर्षा का पानी से नमी आने से सिंचाई में भी सुविधा होगी। इस वर्षा से भदई फसल को भी लाभ होगा। आमतौर पर आद्रा नक्षत्र के वर्षा से मक्का कई तरह की सब्जियां, उड़द, अरहर आदि की बुआई की जाती है। किसान राजेश सिंह ने बताया कि आद्रा नक्षत्र के प्रवेश होने के दो दिन पहले से बरसात हुई है, लेकिन पर्याप्त वर्षा होने से भदई फसल लगाने में सुविधा होगी। गया जी जिले में धान और भदई फसल दोनों की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। किसानों का कहना है कि मक्का आदि की बुआई के लिए अच्छी वर्षा हुई है।
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