ब्लैक स्पॉट बना केंदुई से घुघरीटांड़ बाइपास क्षेत्र
फॉलोअप -अब तक एक दर्जन से ज्यादा दुर्घटनाएं हुईं, इसमें चार लोगों की गई

शहर के केंदुई से घुघरीटांड़ बाइपास तक का क्षेत्र अब एक खतरनाक ब्लैक स्पॉट में तब्दील होता जा रहा है। अब तक इस क्षेत्र में एक दर्जन से अधिक सड़क हादसे हो चुके हैं। इसमें चार लोगों की जान भी जा चुकी है। कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। ताजा घटना रविवार को घटी, जब एक हाइवा की चपेट में आकर नगर निगम के एक कर्मचारी की मौके पर ही मौत हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार तेज रफ्तार हाइवा ने कर्मचारी को कुचल दिया। हादसे के बाद घटनास्थल र अफरा-तफरी मच गई। आक्रोशित लोगों ने कुछ देर के लिए सड़क जाम कर विरोध प्रदर्शन किया और प्रशासन से उचित कार्रवाई की मांग की।
पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित किया। यह अकेला मामला नहीं है। केंदुई-घुघरीटांड़ बाइपास क्षेत्र लंबे समय से दुर्घटनाओं के लिए बदनाम होता जा रहा है। ट्रैफिक व्यवस्था की कमी, सड़कों की खराब स्थिति, संकेतक लाइट्स का अभाव और वाहनों की तेज रफ्तार यहां दुर्घटनाओं की मुख्य वजह बन रही हैं। नियमों की अनदेखी बढ़ा रही दुर्घटनाओं की संख्या यातायात विभाग की मानें तो गया जी जिले में ऐसे कुल 10 ब्लैक स्पॉट चिह्नित किए गए हैं, जहां अक्सर सड़क हादसे होते हैं। हाल ही में किए गए सर्वेक्षण में जिले के 10 ऐसे ब्लैक स्पॉट चिह्नित किए गए हैं, इनमें राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ प्रमुख ग्रामीण मार्ग भी शामिल हैं। ट्रैफिक विभाग के अनुसार इन स्थलों पर सड़क की स्थिति संकेतक न होने और तीव्र मोड़ों की वजह से दुर्घटनाएं लगातार बढ़ी हैं। एनएच-2 पर हेमजापुर, गोपालपुर, काहुदाग, डोभी चेक पोस्ट, एनएच-82 पर मेहता पेट्रोल पंप के आगे, एनएच-22 पर करमौनी मोड़, दोमुहान मोड़, सिकड़िया मोड़ व रामपुर मोड़ और कोंच जाने वाले मुख्य सड़क पर अहियापुर मोड़ को ब्लैक स्पॉट चिह्नित किया गया है। यहां आए दिन सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। अब गयाजी- बोधगया रोड, केंदुई से घुघरीटांड़ बाइपास तक ब्लैक स्पॉट बनता जा रहा है। इन सड़कों पर वाहनों की अत्यधिक आवाजाही और नियमों की अनदेखी दुर्घटनाओं की संख्या को बढ़ा रही है। ठोस कदम न उठाए गए तो यूं ही जाती रहेगी जानें स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों का कहना है कि प्रशासन को इन ब्लैक स्पॉट्स पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। वे मांग कर रहे हैं कि इन क्षेत्रों में सिग्नल व्यवस्था, स्पीड ब्रेकर, सीसीटीवी कैमरे और ट्रैफिक पुलिस की नियमित तैनाती हो। जब तक ठोस कदम नहीं उठाए जाते, तब तक लोगों की जान यूं ही सड़कों पर जाती रहेगी। क्या कहते हैं अधिकारी यातायात डीएसपी निशु मल्लिक के अनुसार कई जगहों पर सड़क सुरक्षा संकेत है। लेकिन कुछ ऐसे जगह हैं जहां नहीं लगाया गया हैं। इसको लेकर सड़क निर्माण एजेंसी व संबंधित विभाग को पत्राचार किया गया। लेकिन कोई ठोस निष्कर्म नहीं निकला। जहां साइनेज नहीं हैं वहां यातायात पुलिस खुद जाकर सड़क सुरक्षा को लेकर जागरूकता कार्यक्रम कर रही है।
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