मुर्शिदाबाद घटना से विष्णुनगरी में कम आ रहे बंगाल के पिंडदानी
मुर्शिदाबाद घटना से विष्णुनगरी में कम आ रहे बंगाल के पिंडदानी मुर्शिदाबाद घटना से विष्णुनगरी में कम आ रहे बंगाल के पिंडदानी
गर्मी के मौसम में विष्णुपद इलाके की रौनक ठंडी पड़ी है। पिंडदानियों की संख्या बेहद कम हो जाने से विष्णुपद मंदिर से लेकर फल्गु के घाटों पर चहल-पहल नहीं है। खासकर बंगाली तीर्थयात्रियों के नहीं आने से ऐसी स्थिति बनी हुई है। पिछले माह पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई घटना का असर गयाधाम में भी दिख रहा है। साथ ही इस वक्त सीजन यानी दक्षिण भारत के तीर्थयात्रियों के भी कम आने से विष्णुपद इलाके की रौनक फीकी पड़ी हुई है। विष्णुपद इलाके के दुकानदार, गयापाल से लेकर ब्राह्मणाों पर इसका असर है। प्रतिदिन करीब पांच हजार की जगह एक हजार से भी कम आ रहे पिंडदानी गयापाल छोटू बारिक और चंदन लाल गुर्दा ने बताया कि गर्मी के सीजन में दक्षिण भारत और बंगाल सहित देश के अन्य हिस्सों से पिंडदानी पितरों के लिए विष्णुनगरी आते हैं।
इस वक्त औसतन एक दिन में करीब पांच हजार तीर्थयात्री आ जाते थे। लेकिन, इस वक्त इनकी संख्या दो हजार से भी कम हो गयी है। मुर्शिदाबाद घटना के बाद मुर्शिदाबाद, मालदा सहित अन्य इलाकों से पिंडदानियों की संख्या नहीं के बराबर है। दूसरी ओर इस वक्त के सीजन में दक्षिण भारत से आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या भी कम गयी है। चार हजार की जगह एक हजार भी नहीं है। गर्मी के सीजन यानी पितृपक्ष से पहले तक दक्षिण भारत के प्रदेशों से ही पिंडदानियों का आने की संभावना है। सालों भर पश्चिम बंगाल से आने वालों की संख्या प्रभावित रहेगी। करीब 400 दुकानदारों का कारोबार प्रभावित विष्णुपद मंदिर के अलावा फल्गु के देवघाट, गजाधर व संगत घाट पर सन्नाटा पसरा है। महत्वपूर्ण प्रेतशिला, अक्षयवट वेदी पर भी भीड़ नहीं है। विष्णुपद इलाके में छोटी-बड़ी करीब 400 दुकानें हैं। पिंडदानियों के नहीं आने से सभी की दुकानदारी प्रभावित है। चंदन गुर्दा व मुकेश मालाकार बताया कि सन्नाटा पसरा है। 80 फीसदी दुकानदारी प्रभावित है। विष्णुपद में इस वक्त भीड़ पिंडदानियों की नहीं शादी-विवाह करने वालों की है। जिले के ग्रामीण इलाकों से आकर विष्णुपद धाम में विवाह रचा रहे हैं। ये लोग खरीदारी नहीं करते। पितृपक्ष मेला तक इसी तरह की स्थिति रहने का अनुमान है।
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