Water Crisis in Rajapur Village Anganwadi Center Lacks Basic Facilities आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों के लिए पानी और शौचालय की सुविधा नहीं , Gopalganj Hindi News - Hindustan
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आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों के लिए पानी और शौचालय की सुविधा नहीं

विधाओं का घोर अभाव है। यहां मासूम बच्चों को पीने के पानी और शौच जैसी जरूरी जरूरतों के लिए केंद्र से बाहर जाना पड़ता है। शौचालय के अभाव में केंद्र की सेविका और वहां आने वाली धात्री महिलाओं को भी काफी...

Newswrap हिन्दुस्तान, गोपालगंजMon, 2 June 2025 11:03 PM
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आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों के लिए पानी और शौचालय की सुविधा नहीं

राजापुर गांव के वार्ड 9 स्थित केंद्र में बुनियादी सुविधाओं का संकट आवेदन दिए जाने के बाद भी खराब चापाकल को नहीं कराया गया ठीक गोपालगंज, नगर प्रतिनिधि। उचकागांव प्रखंड की त्रिलोकपुर पंचायत के राजापुर गांव के वार्ड संख्या 9 स्थित आंगनबाड़ी केंद्र में बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है। यहां मासूम बच्चों को पीने के पानी और शौच जैसी जरूरी जरूरतों के लिए केंद्र से बाहर जाना पड़ता है। शौचालय के अभाव में केंद्र की सेविका और वहां आने वाली धात्री महिलाओं को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। केंद्र की सेविका रूमन देवी ने बताया कि बिना शौचालय के एक महिला कर्मचारी की ड्यूटी करना कितना कठिन होता है, यह मुझसे बेहतर कोई नहीं समझ सकता।

बताया कि वर्ष 2024 में भवन की छत पर पानी की टंकी तो लगाई गई। लेकिन, उसमें पानी पहुंचाने के लिए मोटर अब तक नहीं लगाई जा सकी। फलस्वरूप टंकी सूखी पड़ी है और बच्चे पानी के लिए बगल के घरों या विद्यालय में लगे चापाकलों पर निर्भर हैं। सेविका ने बताया कि गर्मी की शुरुआत में ही पुराने चापाकल को ठीक कराने के लिए आवेदन दिया गया था। इससे पहले भी कई बैठकों में उन्होंने यह मुद्दा उठाया। लेकिन, अब तक समस्या का समाधान नहीं हो पाया है। जिले में 210 आंगनबाड़ी केंद्र अब भी पेयजल से वंचित बाल विकास परियोजना कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार जिले में कुल 3,033 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। जिनमें से 2,822 केंद्रों पर पेयजल की सुविधा उपलब्ध है। शेष 210 केंद्रों पर यह सुविधा अब भी बहाल नहीं हो सकी है। विभाग का दावा है कि इन केंद्रों पर सुविधाएं उपलब्ध कराने की प्रक्रिया जारी है। जिले के 85 प्रतिशत केंद्रों पर बिजली की सुविधा मौजूद है। ग्रामीणों ने कहा केवल की जाती है बात स्थानीय ग्रामीण दिलशाद, मदन प्रसाद और सुधीर कुमार ने बताया कि सरकार बच्चों के पोषण और शिक्षा की बात तो करती है। ज़मीनी हकीकत इसके उलट है। न केवल इस केंद्र बल्कि नवसृजित प्राथमिक विद्यालय तक भी आने-जाने का कोई सुगम रास्ता नहीं है। पेयजल और शौचालय जैसी जरूरी सुविधाओं का अभाव विभागीय लापरवाही और अधिकारियों की उदासीनता को उजागर करता है।

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