बिहार के इन 12 जिलों में इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप, मिलेंगी कई सुविधाएं और रोजगार का भी मौका
- इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप में औद्योगिक इकाइयां लगाने के साथ ही आवास भी बनने यहां कर्मचारियों के रहने की सुविधा होगी। चौबीस घंटे पानी, बिजली आदि मिलेगी। जल निकासी के लिए नाला और सीवरेज परियोजना भी होगी। शॉपिंग सेंटर, बाजार और मनोरंजन की सुविधाएं विकसित की जाएंगी।

बिहार के 12 जिलों में औद्योगिक इकाइयों के साथ ही आवास भी बनेंगे। यानी इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप बनाई जाएगी। यहां कर्मचारियों के रहने के इंतजाम होंगे। जनसुविधाओं के अलावा स्कूल-कॉलेज, अस्पताल, पार्क, मनोरंजन की अन्य सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी। उद्योग विभाग ने इस दिशा में काम शुरू कर दिया है। जिले चिह्नित कर लिए गए हैं। जल्द ही यहां कार्य शुरू होंगे। जिन जिलों का चयन किया गया है, उनमें रोहतास, पश्चिमी चंपारण, सारण, पूर्णिया, बेगूसराय, वैशाली, भागलपुर, बांका, जमुई, जहानाबाद, दरभंगा और समस्तीपुर शामिल हैं।
पहले से बसे औद्योगिक शहरों के आसपास जनसुविधाएं विकसित करने की संभावना नहीं बचने पर अलग से भूमि अधिग्रहण होगा। इंटीग्रटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप का 40 फीसदी हिस्सा हरित पट्टी होगा। यहां 24 घंटे बिजली और पानी की सुविधा रहेगी। वर्तमान में अमृतसर- कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के तहत गया के डोभी में आईएमसी (एकीकृत विनिर्माण इकाई) विकसित की जा रही है। यहां भी टाउनशिप की तर्ज पर काम कराए जा रहे हैं। ऐसी टाउनशिप विकसित होने से कर्मचारियों के काम करने की क्षमता बढ़ेगी। रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
जहां औद्योगिक क्षेत्र नहीं, वहां भूमि अधिग्रहण होगा
राज्य के सात जिलों में वर्तमान में औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया जाना बाकी है। इनमें अरवल, शेखपुरा, बांका, जमुई, पूर्वी चंपारण, सारण एवं कैमूर शामिल है। यहां बियाडा की ओर से औद्योगिक क्षेत्र के लिए भूमि का अधिग्रहण कर उसे विकसित किए जाने का प्रस्ताव है।
ये सुविधाएं मिलेंगी
इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप में औद्योगिक इकाइयां लगाने के साथ ही आवास भी बनने यहां कर्मचारियों के रहने की सुविधा होगी। चौबीस घंटे पानी, बिजली आदि मिलेगी। जल निकासी के लिए नाला और सीवरेज परियोजना भी होगी। शॉपिंग सेंटर, बाजार और मनोरंजन की सुविधाएं विकसित की जाएंगी। पार्क और खेल मैदान की सुविधा होगी। इसके अलावा सड़क किनारे पेड़-पौधे के साथ ही 40 फीसदी हरित पट्टी होगी।
इसके अलावा उद्योग विभाग सारण जिले के अमनौर में फार्मास्यूटिकल पार्क एवं कॉमन फैसिलिटी सेंटर बनाएगा। यहां 100 एकड़ में निर्माण प्रस्तावित है। यहां दवा निर्माण के अलावा इस क्षेत्र में शोध कार्य भी होंगे। बता दें कि राज्य सरकार ने इसी बजट सत्र में बिहार फार्मास्यूटिकल प्रोत्साहन नीति 2024 को मंजूरी दी है।