20 लाख की राशि से बना तालाब पड़ा है सूखा
::::बोले खगड़िया:::20 लाख की राशि से बना तालाब पड़ा है सूखा20 लाख की राशि से बना तालाब पड़ा है सूखा20 लाख की राशि से बना तालाब पड़ा है सूखा20 लाख की राशि

परबत्ता। एक प्रतिनिधि प्रखंड मुख्यालय परिसर में लाखों की राशि से बना तालाब आज सूखा पड़ा हुआ है। तालाब निर्माण में खर्च की गई राशि बेकार साबित हो रहा है लेकिन विभाग के अधिकारी इसके प्रति उदासीन बने हुए हैं। सूखे तालाब को देख कर मछली पालन करने वाले लोगों के बीच काफी चर्चा का विषय बना हुआ है। प्रखंड मुख्यालय परिसर में बना तालाब शोभा की वस्तु बनकर लोगो को मंुहचिढ़ा रहा है । प्राप्त जानकारी के अनुसार पूर्व बीडीओ रविशंकर कुमार के कार्यकाल में पंचायत समिति मद के पंचम वित आयोग की लगभग 19 लाख 89 हजार 600 की राशि से वन विभाग की जमीन में तालाब का निर्माण किया गया था।
विभाग व सरकार के अधिकारियों का मानना था कि तालाब निर्माण कर जहां एक ओर यहां के लोगों को छठ त्योहार के दौरान छठव्रतियों को पूजा -अर्चना करने में काफी सहूलियत होगा। वहीं दूसरी ओर मछली पालन कर सरकार को अत्यधिक राजस्व की वसूली होंगी। तालाब निर्माण होते ही विभाग द्वारा बनाये गए रोडमैप के अनुकूल कार्य शुरू हुआ लेकिन 2025 में यह तालाब बिल्कुल सूखा पड़ा हुआ है। स्थानीय लोगों का मानना था कि अगर मछली पालन के लिये जरुरतमंद लोगों को लीज पर तालाब को दे दिया जाता तो आज विभाग को अच्छी खासी राजस्व सरकारी खजाने में जमा होता है, लेकिन विभाग के अधिकारी की उदासीनता के कारण आज तालाब सूखा पड़ा हुआ है। इधर स्थानीय ग्रामीण अरुण दास, नवीन चौधरी आदि ने बताया की इसी राशि से अगर प्रखंड या किसी पंचायतो में शिक्षा, स्वास्थ्य आदि पर खर्च किया जाता तो आने वाले दिनों में इस राशि का सदुपयोग होता। हालांकि इस योजना की दुर्दशा देख स्थानीय लोगों में भी अधिकारियों के प्रति आक्रोश पनप रहा है। फोटो : 8 परबत्ता प्रखंड मुख्यालय परिसर में सूखा पड़ा लाखों की राशि से बना तालाब। पुल बनाने वाली कंपनी द्वारा काफी धीमी गति से कार्य किया जा रहा है। जिले के जनप्रतिधियों का भी इस ओर कोई ध्यान नहीं है। जिस कारण 30 महीने में बनने वाली पुल का निर्माण छह वर्षों में भी पूरा नहीं हो पाया है। नवीन यादव, जिलाध्यक्ष यूथ कांग्रेस, खगड़िया पुल निर्माण काफी धीमी गति से किया जा रहा है। जिस कारण कार्य में इतना देरी लगा है। पुल बन जाने से काफी फायदा होगा। अंकित पटेल, ग्रामीण पुल बन जाने से दियारा क्षेत्र के लोगों को काफी फायदा होगा। मक्का किसान और दूध उत्पादकों को फायदा होगा। नीरज यादव, स्थानीय ग्रामीण पुल का निर्माण कार्य जिस गति से होना चाहिए। उस तेज गति से कभी नहीं हुआ है। किसी न किसी चीज का बहाना बनाकर निर्माण कार्य में देरी किया जाता रहा है। जितेंद्र कुमार, स्थानीय ग्रामीण पुल बन जाने से दियारा क्षेत्र का समुचित विकास हो पाएगा। लेकिन निर्माण में देरी से अब भी लोगों को नावों की सवारी करनी पड़ रही है। डॉ वीरेन्द्र कुमार, स्थानीय ग्रामीण पुल निर्माण को लेकर जिले के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों का कोई ध्यान नहीं है। यही कारण है निर्माण कार्य में देरी होना स्वाभाविक है। रूपेश कुमार, स्थानीय ग्रामीण
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