मौसम में बदलाव से बढ़े सरकारी अस्पताल में सर्दी-खांसी व बुखार के मरीज : डॉ प्रमोद
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टेढ़ागाछ । पिछले एक सप्ताह से मौसम में आए परिर्वतन से सर्दी-जुकाम व बुखार के मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। अस्पताल की ओपीडी में हर रोज 100 से 200 मरीज वायरल फीवर, बुखार, सर्दी, जुकाम से ग्रस्त मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। गौरतलब है कि इस बार अप्रैल माह के शुरूआती दिनों में तेज गर्मी ने अपना अहसास कराया है। हालांकि शाम के समय भी सर्द-गर्म के लोग अधिक बीमार पड़ रहे है। वहीं मौसम के बदलते मिजाज ने अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ा दी है। प्रतिदिन ओपीडी में इलाज कराने वालों की भीड़ देखी जा सकती है। इनमें बच्चों की संख्या अधिक देखने को मिल रही है। इस समय सबसे अधिक मरीज वायरल, सर्दी-जुकाम, खांसी के आ रहे हैं। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर प्रमोद कुमार मरीज बढ़ने का मुख्य कारण मौसम में हो रहे परिवर्तन को मान रहे हैं। साथ ही दूषित पानी का सेवन बीमारियों को बढ़ावा दे रहा है।
बीमारी फैलने का कारण :
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर प्रमोद कुमार ने बताया कि इस समय मौसम के बदलाव के कारण मरीजों की संख्या बढ़ी है। इसमें सबसे ज्यादा मरीज वायरल फीवर के आ रहे हैं। बीमारी फैलने का मुख्य कारण मौसम का परिवर्तन होना है।
थोड़ी सी सावधानी बरतें: डॉक्टर श्री कुमार ने बताया कि मौसम परिवर्तन के साथ ही मौसमी बीमारियों के मरीज बढ़ने लगे हैं। बुखार, सर्दी, जुकाम-खांसी के साथ कोल्ड डायरिया के मरीज भारी संख्या में पहुंच रहे हैं। खानपान और रहन-सहन पर ध्यान दिया जाए तो मौसमी बीमारियों के प्रकोप से बचा जा सकता है। बुखार पीड़ितों में मलेरिया के लक्षण भी मिल रहे हैं। बुखार से बचने के लिए मच्छरों से बचे और घर और आसपास सफाई रखें, जिससे मच्छर न पनपें।डॉक्टर बोले-छोटे बच्चों व नवजात का रखें विशेष ध्यान डाक्टरों का कहना है कि दिन में तो मौसम गर्म होता है, लेकिन सुबह और रात में पहनावे पर ध्यान रखना चाहिए। दिन में लोग घर से कम कपड़े पहनकर निकलते हैं और शाम को घर पहुंचते-पहुंचते मौसम ठंडा हो जाता है। इसके साथ ही ठंडी चीजों से परहेज रखें। बच्चों को सुबह होते ही बेड से उठकर सीधे बाहर न जाने दें। सुबह फर्श पर नंगे पैर चलने से बचें। इसके अलावा गर्मी के मौसम में पानी कम मात्रा में लोग पीते हैं जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। शरीर में पानी की कमी से डिहाइड्रेशन हो सकता है। कोल्ड डायरिया के भी शिकार हो सकते हैं।
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