गिलेशन मंडी में पेयजल का भीषण संकट,भटक रहे लोग
मधुबनी जिले की गिलेशन मंडी पेयजल संकट से जूझ रही है। एकमात्र चापाकल पर निर्भरता के कारण ग्राहक और दुकानदार पानी के लिए परेशान हैं। गर्मी में समस्या बढ़ गई है और कई बार शिकायत करने के बावजूद कोई...
मधुबनी, निज संवाददाता। जिले की सबसे बड़ी और व्यस्ततम गिलेशन मंडी इन दिनों पेयजल संकट से जूझ रही है। सैकड़ों ग्राहक, दुकानदार और मजदूर हर दिन यहां आते हैं, लेकिन पीने के पानी की पर्याप्त व्यवस्था न होने के कारण मंडी परिसर में त्राहिमाम मचा हुआ है। पूरा मंडी क्षेत्र सिर्फ एक मात्र पुराने चापाकल पर निर्भर है, जिससे अक्सर या तो पानी नहीं निकलता या फिर उसपर अक्सर दबंगों का ही कब्जा रहता है। चारों तरफ कबाड़ जमा कर दिया जाता है। जिससे लोगों का आना जाना बंद हो जाता है। इसकी शिकायत करने पर दबंगों के द्वारा धमकाया जाता है।
गांधी प्रतिमा के पास स्थित इस चापाकल की हालत बदहाल है। जबकि यहां पर किराना, फल और सब्जी के यहां पर कई थोक विक्रेता हैं। अन्य घरेलु सामग्रियों के कई एजेंसी यहां पर है। इसकारण यहां पर पूरे जिले के लोग हर दिन आते हैं। भटक रहे ग्राहक व दुकानदार: नीय दुकानदारों ने बताया कि मंडी में अहले सुबह से ही ग्राहकों और मजदूरों की आवाजाही शुरू हो जाती है और यह सिलसिला देर रात तक लगा रहता है, लेकिन पीने के पानी की कोई समुचित व्यवस्था नहीं है। गर्मी के इस मौसम में लोगों की परेशानी और बढ़ गई है। चिलचिलाती धूप में पानी के लिए भटकते लोग कभी मंडी परिसर के कोनों में तो कभी आसपास के इलाकों में राहत की तलाश करते नजर आते हैं। बैठक में हुए निर्णय का नहीं हुआ अनुपालन: दुखद यह है कि कुछ महीने पहले टीवीएस (टाउन वेंडिंग समिति) की बैठक में मंडी क्षेत्र में पेयजल संकट के समाधान का प्रस्ताव पारित हुआ था। बैठक में संबंधित विभागों को नए जल स्रोतों की व्यवस्था करने का निर्देश भी दिया गया था, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। टाउन वेंडिंग कमेटी सदस्य सह नासवी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य राजेन्द्र प्रसाद ने बताया कि टीवीएस की बैठक में सर्वसम्मति से यहां पर सबमर्सेबल लगाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए लगातार आवेदन भी दिया गया है। इसके बाद भी इसपर अमल नहीं हो पाया है। राजू साह, प्रमोद साह, गुड़िया देवी, बुलेट ठाकुर व अन्य ने बताया कि हर दिन मंडी में औसतन 4000 ग्राहक आते हैं, लेकिन एक चापाकल के भरोसे उन्हें छोड़ दिया गया है। वह भी हमेशा बंद ही रहता है। कई बार शिकायत की, लेकिन कोई अधिकारी सुनने को तैयार नहीं। नगर आयुक्त अनिल कुमार चौधरी ने बताया कि सर्वे का काम पूरा हो गया है । निविदा की प्रक्रिया चल रही है । शीघ्र ही गिलेशन मंडी में पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था किया जाएगा।
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