धोबी मोहल्ला मांगे सड़क, पेयजल, नाला और जलनिकासी की सुविधा
मधुबनी नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत धोबी टोला में सड़कें बदहाल हैं और जलजमाव की समस्या गंभीर बन गई है। लोग अस्पतालों और स्कूलों में जाने में कठिनाई का सामना कर रहे हैं। नल-जल योजना भी नाकाम साबित हुई है,...
मधुबनी । मधुबनी नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत धोबी टोला से सुमनता होटल तक जाने वाली सड़क बदहाली और प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार है। यह मार्ग न केवल शहर को रहिका, सप्ता और सूरी स्कूल जैसे क्षेत्रों से जोड़ता है, बल्कि यह लोगों की दैनिक गतिविधियों का भी प्रमुख केंद्र है। इसके बावजूद यहां की सड़कें वर्षों से जर्जर पड़ी हैं, और अब स्थायी जलजमाव तथा गंदगी ने इस मार्ग को आमजन के लिए मुसीबत का रास्ता बना दिया है। इस मार्ग पर अस्पताल, दवा दुकानें, जांच केंद्र और अन्य जरूरी प्रतिष्ठान स्थित हैं, लेकिन इन संस्थानों तक पहुंचना लोगों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं।
बारिश हो या धूप, गंदे पानी का जमाव, कचरे के ढेर से निकलती दुर्गंध के बीच लोगों गुजरना पड़ता है। दीपक,शंभू, मो.अमानत समेत स्थानीय दुकानदारों के अनुसार, वर्षों से नालियों की मरम्मत नहीं हुई है। नालों में गाद जमा है। इससे जलनिकासी सुचारू रूप से नहीं हो पाता। नल-जल योजना की लचर स्थिति ने जनजीवन को प्रभावित किया है। सड़क निर्माण अधूरा छोड़ दिया गया, जिससे पुराने रास्ते अब खतरनाक गड्ढों में तब्दील हो चुके हैं। बारिश की थोड़ी सी फुहार भी इस क्षेत्र को जलमग्न कर देता है। विशेष रूप से अस्पतालों के बाहर जलजमाव की स्थिति अत्यंत चिंताजनक है, जहां प्रतिदिन आने वाले मरीजों और उनके परिजनों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बुज़ुर्गों और बीमारों के लिए यह परिस्थिति दोहरी पीड़ा का कारण बन रही है। विद्यालय जाने वाले मार्ग की स्थिति भी चिंताजनक बनी हुई है। गंदे पानी और कचरे के बीच से होकर छोटे-छोटे बच्चे स्कूल जाने को मजबूर हैं। कई बार बच्चे गिरकर चोटिल भी हो जाते हैं। जलजमाव और कचरे से संक्रमण की संभावना लगातार बनी रहती है, जो लोगों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है। स्थानीय नागरिक राजू पूर्वे, मो. अलाउद्दीन व माे. नसीरूदीन बताते हैं कि वो कई बार अपनी समस्याओं को लेकर अधिकारियों तक पहुंचे, लेकिन उन्हें केवल आश्वासन ही मिला। नतीजतन, अब मोहल्लेवासी प्रशासनिक उदासीनता से हताश हो चुके हैं। बरसात के मौसम में हालात इतने बिगड़ जाते हैं कि सड़क और नाले में फर्क कर पाना भी कठिन हो जाता है। सड़क पर चलना जान जोखिम में डालने जैसा होता है, और वाहन चालकों के लिए दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है। नागरिक हर साल नगर निगम को टैक्स का भुगतान करते हैं, लेकिन सुविधाएं शून्य के बराबर हैं। इस उपेक्षा ने 'स्वच्छ भारत' अभियानों की वास्तविकता को कठघरे में खड़ा कर दिया है। मधुबनी के धोबी टोला में नल-जल योजना नहीं हुआ कारगर : मधुबनी नगर निगम क्षेत्र के धोबी टोला में गर्मी के मौसम में पेयजल संकट एक गंभीर और स्थायी समस्या के रूप में उभरकर सामने आ रहा है। जैसे ही तापमान चढ़ता है, क्षेत्र का भूजल स्तर तेजी से गिरने लगता है, इससे लोगों को पीने के पानी की भारी किल्लत झेलनी पड़ती है। यह संकट केवल एक मौसमी परेशानी नहीं, बल्कि प्रशासनिक उदासीनता और योजनागत विफलता का परिणाम है। स्थानीय निवासियों को अपनी दैनिक जरूरतों के लिए पड़ोसियों से पानी मांगने पर मजबूर होना पड़ता है, और जब वहां से भी सहायता नहीं मिलती, तो उन्हें बाजार से पानी खरीदना पड़ता है। यह स्थिति विशेष रूप से उन आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए पीड़ादायक बन जाती है, जिनके लिए पानी खरीदना एक अतिरिक्त बोझ है। जल जैसे बुनियादी अधिकार के लिए इस तरह की त्रासदी, शासन-प्रशासन की प्राथमिकताओं पर गंभीर सवाल खड़े करती है। क्षेत्र में नल-जल योजना की बदहाली इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। यहां बिछाई गई पाइपलाइनें क्षतिग्रस्त अवस्था में सड़क किनारे टूटी-फूटी पड़ी हैं। न तो इनकी मरम्मत की कोई व्यवस्था है और न ही नियमित जलापूर्ति की कोई गारंटी। अधिकारी भी अपनी जिम्मेवारी से पल्ला झाड़ रहे हैं। जब उनसे इसके बारे में पूछा जाता है तो वह अनजान बने रहते है। नल-जल योजना केवल कागज़ों में सक्रिय है जबकि जमीनी स्तर पर यह योजना दम तोड़ती जा रही है। इन समस्याओं को लेकर लोगों ने प्रशासन से मांग कि है इस इस क्षेत्र की वास्तविक स्थिति जानने के लिए निरीक्षण करें तथा बुनियादी सुविधाएं बहाल करने के लिए प्रयास करें। आवागमन के साथ व्यापार भी प्रभावित व्यापारिक इलाकों में जलनिकासी की व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है। बारिश के मौसम में सड़कों पर जलजमाव महीनों तक बना रहता है, जिससे न केवल आमजन का आवागमन प्रभावित होता है, बल्कि स्थानीय व्यापारियों के समक्ष गंभीर आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। यह समस्या अब केवल असुविधा का विषय नहीं रही, बल्कि जीविका से जुड़ा एक ज्वलंत सवाल बन चुकी है। गंदे पानी के लगातार जमाव से दुकानों के सामने कीचड़ और दुर्गंध का माहौल बन जाता है, जिससे ग्राहक इन क्षेत्रों में आने से कतराने लगे हैं। फलस्वरूप व्यापार में भारी गिरावट आई है और छोटे दुकानदारों की आजीविका खतरे में पड़ गई है। जिन बाजारों में कभी रौनक हुआ करती थी, आज वहां सन्नाटा पसरा है। कई दुकानदारों के लिए दुकान का खर्च निकालना भी कठिन हो गया है। सड़क पर बहता है नाले का पानी नगर निगम भले ही शहर में नियमित सफाई के होने का दावा कर रहे हो, लेकिन धोबी टोला समेत कई मोहल्लों की वास्तविक स्थिति इन दावों के बिलकुल उलट नजर आती है। इन इलाकों में नालियों का पानी सड़कों पर बहता रहता है, कूड़ा-कचरा जगह-जगह बिखरा रहता है और बदबू से वातावरण इतना प्रदूषित हो जाता है कि लोग घर से बाहर निकलने में हिचकते हैं। यह समस्या किसी एक-दो दिन की नहीं, बल्कि महीनों तक बनी रहती है।
बोले जिम्मेदार नगर निगम क्षेत्र के धोबी टोला सुमनता होटल रोड में लोगों को लंबे समय से खराब सड़कों और जलजमाव की समस्या से जूझना पड़ रहा है। हालांकि, अब इस दिशा में ठोस पहल की जा रही है। नगर निगम प्रशासन ने वार्ड के कई हिस्सों में सड़क और नाला निर्माण कार्य शुरू कराया है। शेष क्षेत्रों में भी कार्य शीघ्र शुरू किया जाएगा। संबंधित कार्यों के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली गई है और अधिकारियों द्वारा निगरानी सुनिश्चित की जा रही है। वहीं, सफाई व्यवस्था को लेकर नगर निगम ने नियमित रूप से सफाईकर्मियों की तैनाती कर रखी है, जिससे स्वच्छता बनाए रखने में काफी हद तक सफलता मिली है। नागरिकों की समस्याओं को प्राथमिकता देते हुए बुनियादी ढांचे के विकास कार्यों को तीव्र गति से संपन्न किया जाएगा, ताकि धोबी टोला की स्थिति में शीघ्र सुधार हो सके। -अनिल कुमार चौधरी,नगर आयुक्त, मधुबनी
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