मनी लांड्रिंग में शामिल होने का झांसा देकर की लाखों की ठगी
मोतिहारी में साइबर डीएसपी अभिनव परासर के नेतृत्व में कटिहार में एक साइबर ठग आकाश को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी ने दंपती को मनी लांड्रिंग केस में फंसाने की धमकी देकर पैसे ठगे। आकाश पर आठ राज्यों में...
मोतिहारी। साइबर डीएसपी अभिनव परासर ने बताया कि एसपी स्वर्ण प्रभात के निर्देश पर साइबर थाने की टीम ने कटिहार में छापेमारी कर गुरुवार को आकाश को गिरफ्तार किया है। उससे पूछताछ की जा रही है। पुलिस के अनुसार गिरोह के मास्टरमाइंड समेत दो शातिर कर्नाटक के रहनेवाले हैं। गैंग में कई इंजीनियर व अन्य प्रोफेशनल शामिल हैं। शातिरों ने जेट एयरवेज के मालिक नरेश गोयल मनी लांड्रिंग केस के नाम पर दंपती से रुपये ठगे हैं। ठगों ने दंपती से कहा था कि उनके पैन कार्ड का इस्तेमाल नरेश गोयल मनी लांड्रिंग केस में हुआ है। इस दौरान कई बैंक खातों में अलग-अलग तिथियों में आरटीजीएस से राशि ट्रांसफर कराई।
आकाश के खिलाफ आठ राज्यों में ठगी के 21 मामले दर्जपुलिस के अनुसार, गिरफ्तार साइबर फ्रॉड आकाश मुखर्जी के अंतरराज्यीय कनेक्शन हैं। उसके खिलाफ देश के आठ राज्यों बिहार, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, ओडिशा, कर्नाटक, केरल, राजस्थान और तेलंगना में साइबर ठगी के 21 मामले दर्ज हैं। हाल में उसने साइबर फ्रॉड के मामले में कर्नाटक में जमानत करायी थी। कटिहार में आकाश मुखर्जी की हार्डवेयर की दुकान है। बताया जा रहा है कि डिजिटल अरेस्ट के मामले में जिले में यह पहली गिरफ्तारी है।साइबर फ्रॉड लगाते थे कोर्ट, वीडियो कॉल पर रखते थे दंपती को पीड़ित दिलीप कुमार ने बताया कि 10 जनवरी को उनके पास पहली बार फोन आया। शातिरों ने मनी लांड्रिंग केस में फंसाने की धमकी देकर हाउस अरेस्ट कर लिया। इस दौरान वीडियो कॉल कर उनका मोबाइल हैक कर लिया। करीब 10 दिनों तक हाउस अरेस्ट कर रखा। इस दौरान शातिर विभिन्न एजेंसी व न्यायालय का कोर्ट लगाते थे और रुपये अकाउंट में डालने का आदेश देते थे। शातिर यह धमकी भी देते थे कि घर से बाहर निकलने पर शूट कर दिया जाएगा। पीड़ित ने बताया कि हाउस अरेस्ट के बाद भी उनके घर के बाहर दो लोग निगरानी रखते थे। वे कभी सादे लिबास में तो कभी पुलिस की वर्दी में तैनात रहते थे। साइबर फ्रॉड किसी को फोन नहीं करने देते थे। अन्य राज्यों को दी जाएगी गिरफ्तारी की सूचनासाइबर डीएसपी ने बताया कि आकाश मुखर्जी की गिरफ्तारी की सूचना अन्य राज्यों की पुलिस को दी जाएगी। दूसरे राज्य की पुलिस उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी। गिरोह से जुड़े अन्य शातिरों के खातों को खंगाला जा रहा है। छापेमारी टीम में साइबर थाने के इंस्पेक्टर राजीव कुमार सिन्हा, इंस्पेक्टर मुमताज आलम व सिपाही गौतम कुमार शामिल थे।
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