Court Controversy Lawyer and Clerk Clash Over Bail Bond Fees in Munger बेल बांड के नाम पर 500 रुपये की डिमांड पर न्यायालय में भड़े अधिवक्ता व पेशकार, Munger Hindi News - Hindustan
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बेल बांड के नाम पर 500 रुपये की डिमांड पर न्यायालय में भड़े अधिवक्ता व पेशकार

घ मुर्दाबाद' का नारा लगाते हुए रेकर्ड रूम में ताला लगा बंद किया काम - एकजुट हुए विधिज्ञ संघ के अधिवक्ताओं ने पेशकार के भ्रष्टाचार के विरुद्ध जिला जज क

Newswrap हिन्दुस्तान, मुंगेरSat, 14 June 2025 01:57 AM
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बेल बांड के नाम पर 500 रुपये की डिमांड पर न्यायालय में भड़े अधिवक्ता व पेशकार

मुंगेर, निज संवाददाता। व्यवहार न्यायालय में शुक्रवार की सुबह करीब 9 बजे एसीजेएम कोर्ट के पेशकार द्वारा बेल बांड पास कराने और रेकर्ड के नाम पर अधिवक्ता से 500 रुपये प्रति बेल बांड मांगे जाने पर अधिवक्ता और पेशकार आपस में भिड़ गए। देखते ही देखते पेशकार और अधिवक्ता दो गुट में बंट गए। इस बीच पेशकारों का गुट 'विधिज्ञ संघ मुर्दाबाद' का नारा लगाते हुए रेकर्ड रूम में ताला बंद कर काम काज बंद कर दिया। इसके पश्चात अधिवक्ताओं का शिष्टमंडल जिला एवं सत्र न्यायाधीश आलोक कुमार गुप्ता से मिल कर पेशकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए आवेदन सौंपने जिला जज के कार्यालय पहुंचे।

मामले की गंभीरता को देख जिला जज ने दोनों पक्ष को समझा बुझा कर मामला शांत कराया। इस दरम्यान विधिज्ञ संघ के अध्यक्ष शशि शेखर प्रसाद ने जिला जज को कोर्ट के कर्मचारियों की मनमानी, अनियमितता और भ्रष्टाचार की जानकारी दी। बाद में अधिवक्ताओं से अपील की कि वे अपनी शिकायत उचित माध्यम से करें, न कि विवाद में उलझें। जिला जज ने भी संबंधित कर्मचारी को ऐसी गतिविधियों के विरुद्ध हिदायत दी। जिला जज ने दोनों पक्ष के लोगों से अपना अपना काम आरंभ करने का निर्देश देते हुए मामले को शांत कराया। ---- बेल बांड पास कराने का पैसा मांगने पर हुआ विवाद अधिवक्ता अजय कुमार ने बताया कि एसीजेएम फस्ट के पेशकार चंदन कुमार द्वारा प्रति बेल बांड पास करने का 500 रुपये डिमांड किया गया। जिसका उन्होंने विरोध किया। क्योंकि कई बार पैसा लेकर भी पेशकार रेकर्ड नहीं देते हैं। इसी बात पर पेशकार उनसे उलझ गए और विवाद बढ़ गया। इसके बाद एकजुट हुए पेशकार रेकर्ड रूम में ताला लगा कर विधिज्ञ संघ के विरुद्ध नारेबाजी करने लगे। उन्होंने कहा कि कोर्ट में पेशकार के अनियमितता और अवैध वसूली की शिकायत न्यायिक अधिकारियों तक की गई है। लेकिन कार्रवाई नहीं होने के कारण इनका मनोबल बढ़ा है। कोर्ट में कर्मचारियों से अधिक दर्जनों अवैध कर्मी कार्यरत हैं। कोविड काल से पहले पेशी शुल्क 10 रुपये था, जो अब बढ़कर 50 रुपया तक पहुंच गया है। इससे अधिवक्ताओं में असंतोष है। हालांकि इस संबंध में पेशकार चंदन कुमार का पक्ष जानने का प्रयास किया गया लेकिन उन्होंने इस मामले में कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। ---- गुरुवार को हुई थी विवाद की शुरुआत दरअसल अधिवक्ता और पेशकार के बीच विवाद की शुरुआत गुरुवार को ही उस समय हुई थी जब अधिपत्र स्वीकार कराने को लेकर दोनों में तेज बहस हुई थी। पेशकार ने इसकी शिकायत कर्मचारी संघ में की थी। इसके बाद शुक्रवार की सुबह पुन: पेशकार व अधिवक्ता आपस में भिड़ गए। ---- बोले जिला जज शुक्रवार सुबह विधिज्ञ संघ और कर्मचारी संघ के बीच विवाद के कारण कुछ देर के लिए न्यायिक कार्य बाधित रहा। सूचना मिलने पर दोनों पक्ष को समझा बुझा कर मामला शांत कराया गया। - आलोक गुप्ता, जिला एवं सत्र न्यायाधीश, मुंगेर।

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