Muzaffarpur Construction Delay of Chandwara Bridge Approach Road Due to Compensation Issues चंदवारा पुल : सात रैयतों ने रोका एप्रोच के लिए मिट्टी कटाई, Muzaffarpur Hindi News - Hindustan
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चंदवारा पुल : सात रैयतों ने रोका एप्रोच के लिए मिट्टी कटाई

मुजफ्फरपुर में चंदवारा पुल के संपर्क पथ का निर्माण बाधित है। भूमि मुआवजा भुगतान में समस्या के कारण निर्माण की गति धीमी है। सात रैयतों ने बिना मुआवजा मिले मिट्टी काटने का विरोध किया है। प्रशासन ने...

Newswrap हिन्दुस्तान, मुजफ्फरपुरMon, 16 June 2025 07:51 PM
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चंदवारा पुल : सात रैयतों ने रोका एप्रोच के लिए मिट्टी कटाई

मुजफ्फरपुर, वरीय संवाददाता। चंदवारा पुल के संपर्क पथ के निर्माण में आने वाली बाधा खत्म नहीं हो पा रही है। इससे राशि मिलने के बाद भी निर्माण की गति धीमी है। चंदवारा पुल के संपर्क पथ के निर्माण के लिए जिला प्रशासन की ओर से भूमि के मुआवजा भुगतान में पेच फंस गया है। सात रैयतों ने अपनी जमीन से बिना मुआवजा मिले मिट्टी कराई रोक दिया है। बिहार राज्य पुल निर्माण निगम की ओर से बताया गया है कि संपर्क पथ के लिए जो भूमि अधिग्रहित की गई है, उसके रैयतों को दी जाने वाली राशि सक्षम न्यायालय में जमा करा दी जाएगी।

पुलिस बल के सहयोग से काम शुरू कराया जाएगा। बताया गया है कि जिस जमीन के निजी होने का दावा रैयत कर रहे हैं, उसमें से भी कुछ रकवा सरकारी भूमि है। इसलिए पूरी राशि का भुगतान करना प्रावधान के खिलाफ होगा। अब उक्त राशि सक्षम न्यायालय में जमा कराई जाएगी। फिलहाल सात रैयत का ही भुगतान लंबित है, जो मिट्टी कटाई का विरोध कर रहे हैं। रैयतों ने किया था मिट्टी कटाई का विरोध : मालूम हो कि बीते दिनों भुगतान नहीं होने के कारण मिट्टी काटने का विरोध करते हुए रैयतों ने काम बंद करा दिया था। इसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों की पहल से काम शुरू हुआ, लेकिन जिन रैयतों ने विरोध किया था वे अभी भी अपनी निजी जमीन से मिट्टी काटने से रोक रहे हैं। इस कारण निर्माण की गति धीमी है। इसे लेकर पुल निर्माण निगम के अधिकारी ने जिला भू-अर्जन पदाधिकारी से मुलाकात भी की, लेकिन अबतक रैयतों के मुआवजा भुगतान को लेकर कोई हल नहीं निकला। नहीं है सरकारी भूमि, रैयतों ने किया डिग्री होने का दावा : इधर, रैयतों ने बताया कि उनलोगों के पास सक्षम कोर्ट का आदेश है। वहां पर सरकारी भूमि नहीं है। वे लोग सभी कागजात उपलब्ध कराने को तैयार हैं। इसमें स्थानीय अंचल स्तर के कर्मचारी भी पेच फंसा रहे हैं। सही रिपोर्ट नहीं दी जा रही है। मुआवजा नहीं मिलेगा तो वे अपनी जमीन से मिट्टी नहीं काटने देंगे।

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