रिजल्ट में 17 अंक और कॉपी में मिले 41 नंबर
मुजफ्फरपुर में बीआरएबीयू में डीएसडब्ल्यू प्रो. आलोक प्रताप सिंह की अध्यक्षता में छात्र संवाद का आयोजन हुआ। इस दौरान छात्र-छात्राओं ने अपनी समस्याएं साझा कीं, जिसमें परीक्षा परिणाम में त्रुटियां और...

मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। बीआरएबीयू में सोमवार को डीएसडब्ल्यू प्रो. आलोक प्रताप सिंह की अध्यक्षता में छात्र संवाद का आयोजन हुआ। संवाद में छात्र-छात्राओं ने अपनी समस्याएं रखीं, जिनके समाधान का भरोसा दिलाया गया। एलएस कॉलेज की पीजी सत्र 2021-23 की छात्रा प्रीति कुमारी ने कहा कि उसे प्रथम सेमेस्टर में 17 अंक देकर फेल कर दिया गया। जब उसने आरटीआई से कॉपी निकाली तो उसपर 41 अंक दिए हुए थे। कॉपी को संलग्न कर 10-12 बार आवेदन दे चुकी हूं, लेकिन अबतक परिणाम नहीं सुधारा गया है। परिणाम पेंडिंग दिख रहा है। छात्रा ने डीएसडब्ल्यू से कहा कि वह मानसिक रूप से परेशान हो गई है।
घरवालों से डांट सुननी पड़ रही है। उसे आश्वासन दिया गया कि जल्द परिणाम सुधार दिया जाएगा। छात्र संवाद में स्नातक की विशेष परीक्षा का फार्म नहीं भर पाने वाले भी कई छात्र पहुंचे। कुछ छात्रों ने कहा कि उनके घर में भूमि विवाद था, इसलिए वह परीक्षा फार्म नहीं भर सके। कई छात्रों ने कहा कि घरेलू परेशानी के कारण वह पार्ट टू की विशेष परीक्षा नहीं दे सके। बड़ी संख्या में छात्रों ने विशेष परीक्षा दोबारा कराने की मांग की। डिप्टी कंट्रोलर डॉ. रेणुबाला और डॉ. आनंद दुबे ने छात्रों को बताया कि छूटे हुए विद्यार्थियों के लिए ही प्रथम और द्वितीय वर्ष की विशेष परीक्षा आयोजित की गयी थी। इसमें भी शामिल नहीं हो सके तो अब मौका नहीं मिलेगा। अब उन्हें नए सत्र में दाखिला लेना होगा। कुछ विद्यार्थी बार-बार मौका देने की मांग कर रहे थे। समझाने के बाद भी वे मानने को तैयार नहीं थे। एक छात्रा अस्पताल में भर्ती होने की तस्वीर साक्ष्य के रूप में लेकर पहुंची थी। एक अन्य छात्रा ने कहा कि घरेलू परेशानी की वजह से परीक्षा नहीं दे पाये। आईटी सेल के अमन राज और परीक्षा विभाग के सेक्शन ऑफिसर दीपेंद्र भारद्वाज ने छात्र-छात्राओं को समझाया। स्नातक सत्र 2024-28 के आरएमएलएस कॉलेज के संगीत के छात्र न्यूटन कुमार ने बताया कि प्रथम सेमेस्टर में एक पेपर में सिर्फ दो ही प्रश्नों का अंक दिया गया है, जबकि उसने चार प्रश्नों के उत्तर दिये थे। छात्र की कॉपी के आधार पर अंक देने का आश्वासन दिया गया है। मोतिहारी से पहुंचे छात्र ने बताया कि ऑनलाइन फीस भुगतान के बाद उसकी पावती व अन्य कागजात के साथ काउंटर पर आवेदन किया था, लेकिन अबतक डिग्री नहीं मिली है।
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