विश्वविद्यालयों में बनाये जायेंगे जेंडर चैम्पियन
यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों में लैंगिक समानता के लिए जेंडर चैम्पियन बनाने का निर्देश दिया है। यह चैम्पियन लैंगिक भेदभाव की घटनाओं की सूचना देंगे और जागरूकता अभियान चलाएंगे। विद्यार्थियों का चयन...

मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। बीआरएबीयू समेत सभी विश्वविद्यालयों में जेंडर चैम्पियन बनाये जायेंगे। इसका निर्देश यूजीसी ने कुलपतियों को दिया है। यूजीसी ने कहा है कि विश्वविद्यालयों में लैंगिक समानता के लिए यह जेंडर चैम्पियन बनाया जा रहा है। जेंडर चैम्पियन लैंगिग भेदभाव की घटना पर विश्वविद्यालय को सूचना देंगे। इसके बाद विश्वविद्यलाय इस पर कदम उठायेगी। नई शिक्षा नीति के तहत विश्वविद्यालयों में जेंडर चैम्पियन बनाये जायेंगे। यूजीसी ने कुलपतियों को भेजे पत्र में कहा है कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 15 में भी लैंगिक समानता की बात कही गई है। इसके तहत विवि और अन्य सार्वजनिक स्थल पर बातचीत के तरीके में बदलाव लाने के लिए यह जेंडर चैम्पियन काम करेंगे।
इस जेंडर चैम्पियन में छात्र के साथ छात्रा और ट्रांस जेंडर भी शामिल होंगे। जेंडर चैम्पियन विश्वविद्यलायों के साथ कॉलेजों में भी बनाये जायेंगे। जेंडर चैम्पियन का यह होगा काम विश्वविद्यालयों में लैंगिक समानता के लिए छात्रों के बीच जागरूकता अभियान चलाना। इसके लिए विश्वविद्यालय और कॉलेजों में वाद-विवाद प्रतियोगिता, पोस्टर प्रतियोगिता जैसे कार्यक्रम कराना। जेंडर चैम्पियन देखेंगे कि कक्षाओं में किसी तरह की लैंगिग भेदभाव तो नहीं किया जा रहा है। विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में जेंडर चैम्पियन क्लब बनाया जायेगा। इस क्लब की अपनी वेबसाइट होगी। इस वेबसाइट पर लैंगिक समानता से जुड़ी सामग्री डाली जायेगी। लैंगिक समानता पर विवि में हर साल होंगे कार्यक्रम लैंगिक समानता के लिए विवि में हर साल सालाना महोत्सव बनाया जायेगा। विश्वविद्यालय के अलावा कॉलेजों में भी यह महोत्सव बनाया जायेगा। इसके अलावा जेंडर चैम्पियन कॉलेज के छात्र और छात्राओं को गांव, प्रखंड और अन्य सरकारी दफ्तरों में लेकर जायेंगे और वहां के कामकाज के बारे में जानकारी देंगे। जेंडर चैम्पियन बनने के लिए आवश्यक शर्तें जेंडर चैम्पयिन का चयन विवि के प्रमुख करेंगे। जिन छात्र-छात्राओं में नेतृत्व क्षमता का गुण होगा, उनका ही चयन किया जायेगा। विद्यार्थियों में काम करने का स्किल सिखाया जायेगा। जेंडर चैम्पियन वही विद्यार्थी बन सकेंगे जो विवि या कॉलेज में रजिस्टर्ड होंगे। उनका वार्षिक परीक्षा में 50 प्रतिशत अंक होने चाहिए। बोलने, लिखने और प्रस्तुतीकरण की क्षमता होनी चाहिए। सामाजिक और सांस्कृतिक मुद्दों की समझ होनी चाहिए। छात्राओं की शिकायत पर अलग से होगी कार्रवाई बीआरएबीयू समेत सभी विश्वविद्यालयों में छात्राओं और महिलाओं की शिकायत पर अलग से कार्रवाई की जायेगी। इकसे लिए विवि और कॉलेजों में एक अलग सेल बनाया जायेगा। इसका भी निर्देश यूजीसी ने दिया है। इस सेल में लैंगिक उत्पीड़न की शिकायत की सुनवाई की जायेगी। यूजीसी ने कहा है कि इस सेल का गठन कर जल्द इसकी रिपोर्ट विवि भेजे।
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