Residents of Ward 37 in Nawada Struggle with Urban Amenities After Redistricting ग्रामीण परिवेश में जीने को अभिशप्त हैं वार्ड 37 के निवासी , Nawada Hindi News - Hindustan
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ग्रामीण परिवेश में जीने को अभिशप्त हैं वार्ड 37 के निवासी

नवादा, हिन्दुस्तान संवाददाता। नवादा नगर परिषद क्षेत्र में नए परिसीमन के बाद शामिल शहरी वार्ड 37 में शामिल निवासी बस नाम के ही शहरी कहलाते हैं, अन्यथा अब भी ग्रामीण परिवेश में जीने को अभिशप्त हैं।

Newswrap हिन्दुस्तान, नवादाTue, 17 June 2025 03:31 PM
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ग्रामीण परिवेश में जीने को अभिशप्त हैं वार्ड 37 के निवासी

नवादा, हिन्दुस्तान संवाददाता। नवादा नगर परिषद क्षेत्र में नए परिसीमन के बाद शामिल शहरी वार्ड 37 में शामिल निवासी बस नाम के ही शहरी कहलाते हैं, अन्यथा अब भी ग्रामीण परिवेश में जीने को अभिशप्त हैं। इस वार्ड का परिसीमन भी कुछ अजीब तरीके से है। वार्ड 37 हिसुआ विधानसभा क्षेत्र में शामिल है पर प्रखंड अकबरपुर है और अब यह नवादा नगर परिषद क्षेत्र में जुड़ चुका है। वार्ड 37 ग्राम पंचायत के समय से ही वर्तमान तक खराब सड़कों के साथ वाली पहचान रखता है जबकि तमाम शहरी सुविधाएं तो नदारद हैं ही। हाल इतना बुरा है कि यहां के लोग अपने हाल पर आठ-आठ आंसू बहाने को मजबूर हैं।

इस वार्ड में महानंदपुर, बेला, जलालपुर, करणपुर, शांति नगर आदि मोहल्ले हैं, जो सिर्फ नाम भर को ही नगर परिषद क्षेत्र में शामिल हैं। अब भी कई सड़क निर्माण की वर्तमान में सख्त जरूरत है जबकि कच्चे नाले से निजात न मिल पाने के कारण जल निकासी की समस्या अब विकराल बन कर रह गयी है। पेयजल और नाली-गली समेत तमाम मूलभूत सुविधाओं की कमी से भी वार्डवासी दो-चार होने को विवश हैं। नवादा शहरी क्षेत्र में शामिल होने भर का गर्व महससू करने वाले वार्ड नंबर 37 के वाशिन्दे कुछ बड़े नालों के जर्जरहाल तक पहुंच जाने के कारण कुछ इलाकों में जल निकासी की समस्या से जूझ रहे हैं। नाले तो टूटे हुए हैं ही, नाले का ढक्कन भी गायब है। स्ट्रीट लाइटें तो दूर की कौड़ी साबित हो रही हैं। ऐसी तमाम मूलभूत सुविधाओं की कमी के कारण इस वार्ड की सूरत अब भी कतई शहर सरीखा नहीं दिखता है। मूलभूत सुविधाओं के अभाव के कारण इस वार्ड के लोग आज भी ग्रामीण परिवेश से बाहर आने की अकुलाहट में हैं। आमजन अपनी मांगों को लगातार उठा रहे हैं लेकिन विभिन्न कारणों से बात बन नहीं पा रही है। स्थानीय वार्ड पार्षद सुरेन्द्र मांझी कहते हैं कि उनके मद से कराए जाने वाले कार्य लगातार जारी हैं। वह वार्ड को नया स्वरूप प्रदान करने के लिए प्रयासरत हैं, लेकिन राज्य मद नगर विकास से प्राप्त होने वाली राशि के अभाव में बड़े कार्यों को कराना मुश्किल हो रहा है। लगभग 10 हजार की आबादी वाले इस वार्ड में 2.8 सौ मतदाता हैं, जो अपने जनप्रतिनिधि पर भरोसा कर क्षेत्र का कायाकल्प कराने को उद्दत हैं। आम जनों की उम्मीद पर खरे उतरने का प्रयास करने की बात स्थानीय वार्ड पार्षद करते हुए खुद सतत प्रयत्नशील रहने की बात करते हैं लेकिन साथ ही यह भी कहते हैं कि सड़क जर्जर रहने से होने वाली परेशानी का अंत होता नहीं दिख रहा है। वह कहते हैं कि यह योजना उनके फंड से बनवा पाना संभव नहीं है। इसके लिए नगर विकास से योजना क्रियान्वयन की जरूरत है। इसके लिए प्रयास जारी है। नगर परिषद की बोर्ड की बैठक में इस योजना को शामिल करने की पहल जल्द ही की जाएगी। विकास से वंचित हैं वार्ड के कई मोहल्ले वार्ड नंबर 37 स्थित विभिन्न मोहल्लों में कोई भी कराए गए कार्य झलकते नहीं हैं। इस घनी आबादी वाले क्षेत्र में नाली की निकास को लेकर बड़ी समस्या बनी हुई है। इसके समाधान के लिए नली का निर्माण बेहद जरूरी है लेकिन मोहल्ले की संरचना के कारण इसमें आने वाली कुछ बाधाएं परेशान कर रही हैं। हालांकि धीरे-धीरे इसका समाधान निकला जा रहा है। लोगों को प्यास बुझाने के लिए चापाकल ही मूल सहारा है। पेयजल संकट की समस्या हर साल गर्मी के दिनों में लोग झेलने को बाध्य रहते हैं। स्थानीय वार्ड पार्षद दावा करते हैं कि उनकी कोशिशें जारी हैं और आने वाले दिनों में इस वार्ड में विकास की रोशनी निर्बाध रूप से पहुंचेगी। कच्चे नाले के कारण रहता है जलजमाव नवादा शहरी क्षेत्र के वार्ड 37 के विभिन्न मोहल्ले में जलजमाव की समस्या इस कारण बने हुए हैं क्योंकि यहां अब भी जलनिकासी के लिए कच्चे नाले का सहारा लिया जा रहा है। ऐसे में इस समस्या का भी सामना करना पड़ ही रहा है। जलनिकासी की समुचित व्यवस्था नहीं रहने के कारण अलग ही परेशानी बढ़ी हुई है। ऐसे में इसके समाधान के लिए अभी इंतजार का दौर ही जारी है। इधर, वार्ड पार्षद सुरेन्द्र मांझी ने कहा कि मुख्य पथ और जल निकासी से जुड़े कुछ कार्य ऐसे हैं, जिसे राज्य मद से कराए जाने को लेकर सूचीबद्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। बोर्ड की बैठक के क्रम में इसे चिह्नित करने की पहल की गई है ताकि स्वीकृति के बाद इस दिशा में कुछ सार्थक हो सके। तकनीकी कारणों की बाधा से है परेशानी तकनीकी कारणों से विकास कार्यों की बाधा पर वार्डवासियों में निराशा का आलम दिखता है। वार्ड में दो आंगनबाड़ी केन्द्र हैं लेकिन दोनों ही भवनहीन हैं। इनके भवन की उपलब्धता के लिए सरकारी जमीन की उपलब्धता तो है लेकिन तकनीकी बाधा आड़े आ रही है। बहरहाल, तकनीकी बाधाओं के समाधान के बाद जल्द ही कोई रास्ता निकल आने की उम्मीद जताई जा रही है। वार्ड पार्षद इसके अलावा नाली-गली आदि जैसे कुछ अन्य कार्य अटके पड़े रहने की बात स्वीकारते हैं। लेकिन इसके साथ ही अपनी भरपूर कोशिश से वार्ड की सूरत बदलने की कवायद जारी रहने का दावा स्थानीय वार्ड पार्षद साथ-साथ ही करते हैं। स्कूल की स्थिति अच्छी नहीं, लोग निराश वार्ड में सरकारी स्कूल तो है लेकिन बहुत अच्छी व्यवस्था नहीं रहने से छात्र-छात्राओं को संकट झेलने की नौबत है। बेला प्राथमिक विद्यालय और उत्क्रमित मध्य विद्यालय जलालपुर का रहना बच्चों और उनके अभिभावकों के लिए राहत भरा है लेकिन व्यवस्था में बेहतरी की आस अब भी लगी हुई है। साथ ही प्रारंभिक स्तर के इन विद्यालयों के अलावा उच्च स्तर के विद्यालय के अभाव वार्डवासियों को काफी खटकता है। वार्डवासी स्थानीय स्तर पर उच्च स्तरीय विद्यालय की जरूरत को बार-बार उठाते रहे हैं लेकिन इस दिशा में कुछ भी सार्थक नहीं हो पाना निराशाजनक है। आरंभिक शिक्षा का हाल बहुत बेहतर नहीं रहना और उच्च शिक्षा का कहीं कोई आधार ही नहीं बन पाना, वार्डवासियों के लिए निराशाजनक बना हुआ है। ------------------------ आमजनों की व्यथा : वार्ड में एक भी उच्च शिक्षण संस्थान नहीं है और दूरस्थ संस्थान तक आना-जाना दूभर है। इससे छात्र-छात्राओं को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसके साथ ही वार्ड का समग्र विकास प्रतीक्षित है। इसकी गति बढ़ाए जाने की आवश्यकता है। आखिर नगरीय टैक्स भरने के बावजूद कब तक यहां के लोग ग्रामीण परिवेश में रहेंगे। -उदय मांझी, वार्डवासी। पेयजल की समस्या से वार्ड के लोग दो-चार होने को अब भी लोग बाध्य हैं। गर्मी के दिनों में यह परेशानी और भी बढ़ जाती है। नल-जल की स्थिति किसी-किसी मोहल्ले को छोड़ शेष में यह बहुत कारगर नहीं है। मोहल्ले में खराब चापाकलों को ठीक कराने की जरूरत है। जलापूर्ति का पानी सुचारू रहे तो वार्ड के लोगों के लिए सबसे बेहतर रहेगा। -भागीरथ मांझी, वार्डवासी। शहर का वार्ड होने के बावजूद अभी तक इसका समग्र विकास नहीं हो सका है। इस मोहल्ले में वर्तमान में कई समस्याएं बरकरार हैं। सड़क की समस्या सबसे बड़ी है। स्वास्थ्य को भी सुदृढ़ करने की जरूरत है। छोटे-मोर्ट कार्य की गति बेहतर कही जा सकती है लेकिन बड़े-बड़े और कई महत्वपूर्ण कार्यों को गति नहीं मिल पाना वार्डवासियों के लिए निराशाजनक है। -मुन्ना प्रसाद, वार्डवासी। वार्ड में विकास कार्य की गति काफी धीमी है लेकिन वार्ड पार्षद के मद से कार्य कराए जा तो रहे हैं। इससे ही काम चलने वाला नहीं है इसलिए बड़े बजट वाले कार्य कराए भी जा सकें तो इस वार्ड की सूरत ही सही मायनों में बदल सकेगी। कुछ खास सड़कें और बड़े नाले का निर्माण बेहद जरूरी है, जिसकी प्रतीक्षा है। आखिर हमारा हक है कि हमारा वार्ड भी शहरी लगे। -नुनु देवी, वार्डवासी। ---------------- क्या कहते हैं जिम्मेदार : वार्ड में विकास के कार्य कराए जा रहे हैं। लोगों को मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने का भरपूर प्रयास किया जा रहा है। आने वाले दिनों में वार्ड के जो मोहल्ले विकास से दूर हैं, उनका विकास किया जाएगा। इस वार्ड की सबसे बड़ी समस्या सड़क की है, इसका समाधान मेरी प्राथमिकता है। लेकिन मुश्किल यह है कि इसका समाधान नगर विकास की योजना से ही संभव है। योजना बोर्ड की बैठक में शामिल कराने और स्वीकृति का इंतजार है। -सुरेन्द्र मांझी, वार्ड पार्षद, वार्ड नंबर-37, नवादा नगर परिषद।

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