अब राजस्व कर्मियों को पंचायतों में ही बैठना होगा
अब पंचायतों में भूमि से जुड़ी समस्याओं का निबटारा होगा। राजस्व विभाग ने आदेश दिया है कि राजस्व कर्मियों को पंचायत सरकार भवन में रहना होगा। कर्मियों को मोबाइल सेट और लिपिक की सुविधा प्रदान की जाएगी।...

जमीन से जुड़ी समस्याओं का निबटारा अब पंचायतों में ही होगा। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने दो टूक कहा है कि राजस्व कर्मियों को अनिवार्य रूप से पंचायत सरकार भवन में ही रहना होगा। अगर किसी पंचायत में पंचायत सरकार भवन नहीं है तो जहां भी पंचायत कार्यालय चल रहा है, राजस्व कर्मियों को वहीं अपना कार्यालय रखना और बैठना होगा। बीते दिनों राजस्व कर्मचारी संघ और सरकार के बीच हुई वार्ता के बाद विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह के हस्ताक्षर से एक पत्र जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि जहां पंचायत सरकार भवन मौजूद हैं, वहां राजस्व कर्मियों को आवश्यक उपस्कर व निम्नवर्गीय लिपिक और एक प्रिंटर की व्यवस्था की जाएगी।
डेली डायरी भरे जाने के बाद राजस्व कर्मियों को बायोमीट्रिक हाजिरी से मुक्त कर दिया गया है। सभी जिलों से सीमित संख्या में राजस्व कर्मियों की विभाग स्तर पर साविधिक बैठक होगी। अंचल कार्यालय में एक से अधिक पुलिस थाना होने पर शनिवारीय साप्ताहिक जनता दरबार अंचल कार्यालय में ही आयोजित होगा। इसके लिए गृह विभाग को पत्र लिखा जाएगा। भू-समाधान पोर्टल पर आम जनता भी अपने आवेदन अपलोड कर सकेंगे। अंचलाधिकारी व थाना प्रभारी अपने-अपने स्तर से इसे देख सकें, इसके लिए गृह विभाग को पत्र भेजा जाएगा। सामान्य तौर पर एक हल्का में तीन साल तक राजस्व कर्मियों की पोस्टिंग होती है। प्रशासनिक कारणों से इनको इससे पहले भी तबादला किया जा सकता है। निर्धारित योग्यता पूर्ण होने पर राजस्व कर्मियों की सेवा संपुष्टि व एसीपी/एमएसीपी 30 जून तक कर दिया जाएगा। इसके लिए डीएम को पत्र भेजा जाएगा। राजस्व कर्मचारियों के स्वीकृत बल में वृद्धि की जाएगी। इसे देखते हुए विभाग ने प्रोमोशन के पद का प्रतिशत बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसके तहत राजस्व कर्मचारी संवर्ग से राजस्व सेवा संवर्ग में प्रोन्नति के लिए स्वीकृत पदों की संख्या के 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 33 प्रतिशत की जाएगी। राजस्व कर्मियों को सरकारी कार्यों का निष्पादन के लिए मोबाइल सेट दिया जाएगा। मोबाइल खरीदी गई राशि की प्रतिपूर्ति का प्रस्ताव जल्द ही वित्त विभाग को भेजा जाएगा। राजस्व कर्मियों को लिपिक की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए विभाग ने निम्नवर्गीय लिपिक के पदों की संख्या में वृद्धि करने का निर्णय लिया है। कर्मियों से तीन विकल्प की मांग की जाएगी और उनको गृह जिले के आसपास पदस्थापित किया जाएगा। राजस्व कर्मियों को वेतनमान ग्रेड पे 1900 (वेतन स्तर-2) से उत्क्रमित कर ग्रेड पे 2800 (वेतन स्तर-5) करने का प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा जाएगा। राजस्व कर्मियों का पदनाम सहायक राजस्व अधिकारी किया जाएगा। विभाग ने हड़ताल पर गए राजस्व कर्मियों का निलंबन व अन्य अनुशासनात्मक कार्रवाई समाप्त कर दिया है। हड़ताल अवधि को विनियमित करते हुए उन्हें उपार्जित अवकाश में तब्दील कर दिया है। विभाग ने राजस्व कर्मियों को नसीहत दी है कि वे बिना वार्ता के भविष्य में कभी भी हड़ताल पर न जाएं। इस संबंध में बिहार राज्य भूमि सुधार कर्मचारी संघ गोपगुट के महासचिव श्रीमन नारायण शर्मा ने कहा कि सरकार ने राजस्व कर्मचारियों की मांगों के प्रति संवेदनशीलता दिखाई है। हम सरकार के साथ मिलकर आम जनता के कार्यों को पूरी तन्मयता के साथ पूरा करेंगे।
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