भागलपुर में पीएम मोदी बोले- पहले यूरिया के लिए किसान लाठी खाते थे, अब स्थिति बदल गई
भागलपुर में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश में एनडीए सरकार नहीं होती तो किसानों को यूरिया 300 रुपये के बजाय 3000 रुपये में मिलता। किसानों को सम्मान निधि की राशि भी नहीं मिल पाती।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को बिहार के भागलपुर स्थित हवाई अड्डा मैदान में आयोजित किसान जनसभा से देश के 9.80 करोड़ किसानों के खाते में सम्मान निधि की 19वीं किस्त जारी की। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि यह सौभाग्य की बात है कि अंगराज दानवीर कर्ण की धरती से उन्हें किसानों की यह किस्त जारी करने का अवसर मिला। पीएम ने कहा कि महाकुंभ के समय में मंदरांचल की इस धरती पर आना भी सौभाग्य की बात है। यह धरती आस्था की है तो विरासत की भी है। अजगैबीधाम की धरती पर जहां महाशिवरात्रि की तैयारी चल रही है, महर्षि मेंहि की तपो भूमि हौ तो वीर तिलकामांझी भी यहां से जुड़े हैं।
पीएम के साथ मंच पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा सहित कई मंत्री और सांसद मौजूद रहे। पीएम ने कहा कि देश के 9.8 करोड़ किसानों के खाते में राशि गई जिसमें बिहार के 75 लाख किसान भी शामिल हैं। उन्होंने कहा, "मैंने लाल किले से कहा था कि विकसित भारत के चार स्तंभ है, गरीब, अन्नदाता किसान, युवा और नारी शक्ति। एनडीए सरकार चाहे केंद्र में हो या फिर यहां नीतीश जी के नेतृत्व वाली सरकार बिहार में, किसान कल्याण हमारी प्राथमिकता में है। किसानों के लिए हमने पूरी शक्ति से काम किया। किसानों को अच्छे बीज, पर्याप्त और सस्ती खाद, सिंचाई, पशुओं का बचाव और आपादा से नुकसान की भरपाई चाहिए। जो लोग लोग पशुओं का चारा खा सकते हैं वे इस स्थिति को बदल नहीं सकते। इसे एनडीए ने बदला है।"
पहले किसान यूरिया के लिए लाठी खाते थे, हमने स्थिति बदली : PM
पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा कि पहले किसान यूरिया के लिए लाठी खाते थे। आज उन्हें पर्याप्त खाद मिलती है। सरकार ने कोरोना के समय में भी खाद की कमी नहीं होने दी। अगर एनडीए सरकार नहीं होती तो आज भी किसान भाई-बहनों को खाद के लिए लाठियां खानी पड़तीं। आज भी बरौनी खाद कारखाना बंद होता।
उन्होंने कहा कि दुनिया के अनेक देशों में खाद की बोरी जो 3000 रुपये में मिल रही है, हम 300 से कम में दे रहे हैं। एनडीए सरकार नहीं होती तो यूरिया की एक बोरी 3000 रुपये में मिलती। हमारी सरकार किसानों की भलाई के लिए काम करती है। इस कारण यूरिया और डीएपी के लिए जो खर्च किसान करते, वह सरकार कर रही। बीते 10 साल में करीब 12 लाख करोड़ रुपये इसके लिए बजट में से दिए हैं। एनडीए सरकार नहीं होती तो आपको पीएम किसान सम्मान निधि भी नहीं मिलती।
अब बिचौलिया किसानों का पैसा नहीं खा सकते : पीएम
प्रधानमंत्री ने किसान सम्मान निधि के बारे में कहा कि अभी तक 3 लाख 70 हजार करोड़ रुपये सीधे किसानों के खाते में पहुंच चुके हैं। इसमें कोई बिचौलिया नहीं है। राशि सीधे बैंक खाते में जाती है। उन्होंने आरोप लगाया कि पहले योजनाओं का पूरा लाभ नहीं मिल पाता था। बिचौलिये ले लेते थे। पीएम ने कहा कि मोदी और नीतीश किसानों का हक किसी को खाने नहीं देंगे। विपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस और जंगलराज वाली सरकार ने खेती का जितना बजट रखा था उससे कहीं ज्यादा पैसा हम किसानों के खाते में भेज चुके हैं। यह काम कोई भ्रष्टाचारी नहीं कर सकते हैं।