Confusion Over Two FIRs in Lalit Kumar s Death Case in Purnea ललित मौत प्रकरण: एक ही अपराध में दर्ज दो प्राथमिकी से गहराने लगे सवाल, Purnia Hindi News - Hindustan
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ललित मौत प्रकरण: एक ही अपराध में दर्ज दो प्राथमिकी से गहराने लगे सवाल

पूर्णिया, रणजीत। पूर्णिया, रणजीत। सरसी थाना में कार्यरत कार्यपालक सहायक ललित कुमार की मौत के मामले में रोज नयी बातें सामने आ रही हैं। अभी परिजनों की

Newswrap हिन्दुस्तान, पूर्णियाFri, 6 June 2025 04:27 AM
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ललित मौत प्रकरण: एक ही अपराध में दर्ज दो प्राथमिकी से गहराने लगे सवाल

पूर्णिया, रणजीत। सरसी थाना में कार्यरत कार्यपालक सहायक ललित कुमार की मौत के मामले में रोज नयी बातें सामने आ रही हैं। अभी परिजनों की ओर से दर्ज कराई गई प्राथमिकी में सुसंगत धारा लगाने में चूक का मामला ठंडा भी नहीं हुआ था कि एक ही अपराध के लिए सरसी थाने में दर्ज दो प्राथमिकी से सवाल गहराने लगे हैं। सामान्यतया एक ही अपराध के लिए दो प्राथमिकी दर्ज नहीं किए जाते हैं। परन्तु ललित कुमार की मौत के मामले में पहले तो सरसी थाने में पदस्थापित एसआई के आवेदन पर केस दर्ज किया गया, फिर परिजनों के आवेदन पर अलग से दूसरी प्राथमिकी दर्ज की गई है।

परिजनों की ओर से दर्ज कराई गई प्राथमिकी से ठीक पहले सरसी थाने में पदस्थापित एसआई राजकुमार ठाकुर के आवेदन पर हत्या का ही मामला दर्ज किया गया है। दोनों प्राथमिकी में फर्क सिर्फ इतना है कि परिजनों ने सरसी के तत्कालीन थानाध्यक्ष मनीषचंद्र एवं एसआई आयुष राज को नामजद आरोपी बनाया है, जबकि पुलिस पदाधिकारी के आवेदन पर अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस पदाधिकारी के आवेदन पर सरसी थाने में कांड संख्या 112/ 25 एवं परिजनों के आवेदन पर उसी थाने में कांड संख्या 113/ 25 दर्ज किए गए हैं। दोनों ही प्राथमिकी एक ही तारीख में दर्ज की गई है। हालांकि पुलिस की ओर से दर्ज प्राथमिकी में हत्या एवं आत्महत्या की संभावना का जिक्र किया गया है। वहीं परिजनों ने इसे विशुद्ध रूप से हत्या ही बताया है। जानकारों का मानना है कि परिजनों की ओर से दिए गए आवेदन को पुलिस की ओर से दर्ज कराई गई प्राथमिकी के अनुसंधान का हिस्सा बनाना अलग से प्राथमिकी दर्ज करने से अधिक बेहतर होता। -पुलिस का तर्क : -इस बावत पुलिस की ओर से यह तर्क दिया जा रहा है कि परिजनों ने बिना हत्या के केस दर्ज किए शव का पोस्टमार्टम कराने से इंकार कर दिया। जिससे पुलिस की ओर से पहले केस दर्ज किया गया। फिर परिजनों ने नामजद प्राथमिकी दर्ज करने का आग्रह किया, जिससे उनकी ओर से दिए गए आवेदन के आलोक में अलग से नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई है। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि क्या पुलिस ने किसी दबाव में दूसरा केस रजिस्टर्ड कर दिया या फिर दो अलग- अलग केस दर्ज कर किसी को लाभ देने की कोशिश की गई है? -बोले एसपी:--- -पोस्टमार्टम के लिए इंक्वेष्ट पर मामले में हत्या की बात अंकित है। जिसके लिए पुलिस के आवेदन पर पहले अज्ञात के विरूद्ध हत्या का मामला दर्ज किया गया, फिर परिजनों के आग्रह पर अलग से नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद मामले का खुलासा कर दिया जाएगा। अनुसंधान में पूरी पारदर्शिता बरती जा रही है। --- कार्तिकेय के शर्मा, एसपी पूर्णिया।

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