कोसी में दिखी दुर्लभ प्रजाति की पक्षी ब्रिसटल्ड ग्रासबर्ड
कोसी क्षेत्र में जैव विविधता के लिए महत्वपूर्ण और संकटग्रस्त प्रजाति की पक्षी ब्रिसटल्ड ग्रासबर्ड को देखा गया। विशेषज्ञों की टीम ने 90 प्रजातियों की 873 पक्षियों का सर्वेक्षण किया। ब्रिसटल्ड ग्रासबर्ड...

सहरसा। कोसी की आबोहवा सर्द मौसम ही नहीं ग्रीष्म ऋतु में भी पक्षियों को भाती है। जैव विविधता के ख्याल से महत्वपूर्ण मानी जाने वाली दुर्लभ व संकटग्रस्त प्रजाति की पक्षी ब्रिसटल्ड ग्रासबर्ड कोसी क्षेत्र में दिखी। पक्षी विशेषज्ञ ज्ञानचंद ज्ञानी के नेतृत्व में सर्वेक्षण के लिए आई टीम को 90 प्रजाति की 873 पक्षियां विचरती दिखी। सबसे अधिक चर्चा और कौतूहल का विषय ब्रिसटल्ड ग्रासबर्ड का मिलना रहा। मधेपुरा जिले में कोसी नदी के घास वाली मैदानी इलाके में आसमान में उड़ान भरते गीत गाते हुए यह पक्षी दिखी। पक्षी विशेषज्ञ के मुताबिक दुर्लभ व संकटग्रस्त प्रजाति की दिखी ब्रिसटल्ड ग्रासबर्ड नर पक्षी थी जो अपने सुरीली आवाज से मादा को लुभाने के लिए गाना गा रही थी।
उन्होंने कहा कि कोसी नदी के समीपवर्ती प्राकृतिक घासभूमि से घिरा जगह पक्षियों के लिए आदर्श आवास के रूप में उभर रहा है जो जैव विविधता के दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण कहा जा सकता है। ब्रिसटल्ड ग्रासबर्ड को भारत, नेपाल और बांग्लादेश के कुछ चिन्हित घास मैदानों में ही पाया जाता है। इसका प्रजनन जून और जुलाई माह में होता है। चिंता का विषय यह है कि इसकी संख्या लगातार घट रही है। इसकी वजह प्राकृतिक आवासों का नाश, कृषि भूमि उपयोग में बदलाव और ग्लोबल वार्मिंग है। बता दें कि विशेषज्ञों की टीम ने 20 अप्रैल से 8 जून तक अलग-अलग तिथियों में सर्वेक्षण करते पक्षियों का सर्वेक्षण किया। साथ में वन विभाग के गार्ड शुभम कुमार, नवीन राज, पुष्पा कुमारी और बर्ड गाइड चंदन कुमार व केटल गार्ड थे। कोसी के हरजोड़ी व फूलोत क्षेत्र तक गए। डीएफओ भरत चिन्तपल्ली ने कहा कि सर्वेक्षण में कई दुर्लभ पक्षियों को देखा गया है। कोसी के घास मैदानी क्षेत्र में कई अन्य दुर्लभ पक्षियां भी दिखी: विशेषज्ञों की टीम को कोसी के घास मैदानी क्षेत्रों में बुशलार्क, स्ट्राइटेड बेबलर, ब्लैक फ्रेंकलिन, ग्रे फेंकलिन, ट्राई कलर मुनिया सहित अन्य दुर्लभ पक्षियां भी दिखी। विशेषज्ञ ने कहा कि दुर्लभ पक्षियों का मिलना यह दर्शाता है कोसी क्षेत्र जैविक दृष्टि सर समृद्ध और संवेदनशील है। यहां इको सिस्टम विकसित किया जा सकता है। वैश्विक प्लेटफार्म ई बर्ड पर किया दर्ज: दुर्लभ प्रजाति की पक्षी ब्रिसटल्ड ग्रासबर्ड की जानकारी को ई बर्ड जैसे वैश्विक प्लेटफार्म पर भी दर्ज किया गया है। इस प्लेटफार्म पर दुर्लभ व संकटग्रस्त प्रजाति की पक्षियों की जानकारी पक्षी विशेषज्ञ या वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अधिकारी द्वारा दर्ज किया जाता है। शिकारी पक्षियां भी दिखी: शिकारी पक्षियां ग्रेटर स्पॉटेड ईगल और ब्लैक विंग काईट भी दिखी। इसके अलावा इंडियन ईगल, ऑस्परे, इंडियन थिकनी, कॉमन क्वाइल(छोटा बटेर), यूरेशियन हुपु(हुदहुद), बया विवर,ब्लैक ब्रेस्टेड विवर, ट्राई कलर मुनिया, रेड अवेडवेट(लाल मुनिया), स्केली ब्रेस्टेड मुनिया (चित्तीदार मुनिया), लेसर एडजुटेंट स्टार्क, लेसर व्हिस्टलिंग डक,बॉर्न स्वेलो,लिटिल रिंग प्लोवर,फ़ीजेंट टेल्ड जकाना, ब्रॉन्ज विंग जकाना, पेडिफिल्ड पीपीट, ग्रीनबी ईटर भी दिखी।
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