जलसंकट के बीच गरमा धान की खेती में जोर-शोर से लगे किसान
तिलौथू, हिन्दुस्तान टीम। चिलचिलाती धूप और गर्मी के बीच किसान गरमा धान की रोपनी करते हैं। इससे यहां के किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होता

तिलौथू, हिन्दुस्तान टीम। प्रखंड क्षेत्र में भीषण गर्मी और कम जल स्तर होने के बावजूद क्षेत्र के किसान गरमा धान की खेती में जुट गए हैं। किसानों ने दो माह पूर्व ही बिचड़े डाल दिए थे। जो तैयार हो गए हैं। खेतों को तैयार कर रोपनी का काम जारी है। बता दें कि गरमा धान की रोपनी मई और जून के महीने में होती है। इसके लिए किसान मार्च महीने में बिचड़ा डालते हैं। मई और जून महीने में चिलचिलाती धूप और गर्मी के बीच किसान गरमा धान की रोपनी करते हैं। इससे यहां के किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।
क्योंकि समान्यतः यहां के किसानों द्वारा साल में दो फसलों धान और गेहूं की खेती की जाती है। लेकिन, गरमा धान से उन्हें अच्छा मुनाफा हो जाता है। क्योंकि गरमा धान समय से पहले कट जाता है। जिससे धान के वास्तविक मूल्य से थोड़ा ज्यादा दाम भी मिलता है। वहीं किसान गरमा धान की फसल काटकर तुरंत उसमें आलू की खेती करते हैं। आलू के बाद किसान पुनः गेहूं की खेती करते हैं। किसान अजय कुमार ने बताया कि गरमा धान को लेकर सरकार साकारात्मक रूख अपनाती तो किसानों को अधिक लाभ मिलता। बताया कि गरमा धान के लिए कृषि कार्य हेतु मुफ्त बिजली, बिजली की निर्वाध आपूर्ति इत्यादि। बताया कि धान के बीज से लेकर खाद महंगे दामों पर खरीदना पड़ता है। लेकिन, प्रशासन व कृषि विभाग इसे लेकर उदासीन बनी है।
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