छह महीने में आधा चावल की आपूर्ति, एक महीने में कैसे होगा शत - प्रतिशत
सीवान, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। जिले में 6 महीने में अब तक पैक्सों में खरीदे गए धान का कुटा हुआ चावल मात्र आधा ही एसएससी को आपूर्ति किया जा सका है। वही सिर्फ एक महीने में शेष आधा चावल आपूर्ति एसएससी को...

सीवान, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। जिले में 6 महीने में अब तक पैक्सों में खरीदे गए धान का कुटा हुआ चावल मात्र आधा ही एसएससी को आपूर्ति किया जा सका है। वही सिर्फ एक महीने में शेष आधा चावल आपूर्ति एसएससी को करनी है। ऐसे में सबसे बड़ा प्रश्न खड़ा हो रहा है कि एक महीने में आखिर कैसे शत प्रतिशत चावल की आपूर्ति एसएससी को कैसे हो जाएगी। इधर, गोदाम की कमी के चलते पैक्सों में खरीदे गए धान का कूटा हुआ चावल एसएससी नहीं ले पा रहा है। क्योंकि उनके पास चावल जमा करने के लिए पर्याप्त गोदाम ही नहीं है।
इसको लेकर समितियों को एसटीआर भी निर्गत नहीं किया जा रहा है। इससे पैक्स अध्यक्ष काफी परेशान है और उनको बैंक के ब्याज का बोझ बढ़ाने की चिंता सता रही है। बताते चलें कि जिले में खरीदे गए धान का 65 प्रतिशत यानी 2248 लौट चावल एसएफसी को आपूर्ति करना है। इसमें अब तक मात 1200 लौट के करीब चावल एसएफसी बिगत छह महीने में प्राप्त कर सका है। चावल एसएफसी को प्राप्त करने और पैक्सों को मिल द्वारा आपूर्ति करने के लिए 15 जून तक ही अंतिम तिथि निर्धारित है। ऐसे में, एक महीने में शेष चावल को जमा लेना एसएफसी के लिए टेढ़ी खीर से कम नहीं है। गौर करने वाली बात है कि राज्य स्तर पर इस साल नीचले पायदान पर सीएमआर आपूर्ति में सीवान की स्थिति सुधरने का नाम नहीं ले रही है। इसका मुख्य कारण जिले में करीब एक महीने देर से सीएमआर आपूर्ति का कार्य शुरू होना भी बताया जा रहा है। हालांकि, नीचे से उपर जिले को लाने के लिए लगातार राज्य व जिला स्तर से समीक्षा की जा रही है। लेकिन इसका असर नहीं पड़ता दिख रहा है। गोदाम में जगह नहीं होने के चलते एसटीआर बाधित बताते चलें कि एसएफसी के सभी सीएमआर गोदाम खाद्यान्न से भरे हैं। ऐसे में जगह खाली नहीं होने के चलते एसटीआर चावल आपूर्ति के लिए समितियों को नहीं निर्गत किया जा रहा है। इससे कई समितियों के अध्यक्ष नाराज हैं। एसएफसी के जिला प्रबंधक को फोन कर रहे हैं। हालांकि एसएफसी ने चार और गोदाम के चयन के लिए प्रस्ताव मुख्यालय को भेजा है। जहां से स्वीकृत नहीं होने के चलते अधर में लटका हुआ है। 150 लौट चावल की राशि का हुआ भुगतान जिले में काफी दिनों से चावल की राशि का भुगतान समितियां को नहीं हो रहा था। ऐसे में पिछले दिनों विभाग द्वारा 14 करोड़ आवंटन सीवान के लिए दिया गया। इसका भुगतान करीब डेढ़ सौ से अधिक लौट चावल का कर दिया गया ।अभी भी राशि के अभाव में 50 से अधिक लौट चावल का भुगतान लंबित है। इसको लेकर पैक्स अध्यक्ष परेशान है। हालांकि एसएससी की ओर से मुख्यालय को डिमांड भेजी जा चुका है। राशि आने का इंतजार किया जा रहा है। टीम गठित किए जाने के बाद भी स्थिति नहीं सुधरी जिलाधिकारी मुकुल कुमार गुप्ता की अध्यक्षता में पिछले जिला टास्क फोर्स की बैठक हुई थी। इसमें जिलाधिकारी ने चावल आपूर्ति में जिले राज्य में निचले पायदान पर देख नाराजगी व्यक्त थी। इसके बाद से आनन-फानन में सीएमआर को जल्द से जल्द राज्य खाद्य निगम को आपूर्ति करने की कार्रवाई जिला सहकारिता विभाग और सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक ने शुरू की। इसमें प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी, सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के शाखा प्रबंधक व मुख्यालय के वरीय अधिकारियों की टीम गठित की। साथ ही, इन्हें चावल आपूर्ति में कोताही बरतने वाली समितियों व मिलों से संपर्क कर हर हाल में समय सीमा के अंदर चावल की आपूर्ति सुनिश्चित कराने के लिए निर्देशित किया गया। बावजूद, इसके एक सप्ताह में कोई खास असर नहीं दिख रहा है। करीब 1200 लॉट चावल की अपूर्ति अभी भी शेष जिले में खरीफ विपणन मौसम वर्ष 2024-25 में 97337.428 एमटी यानी 2248 लॉट धान की खरीदारी हुई थी। अब इसके 65216.076 एमटी यानी 2248 लॉट सीएमआर राज्य खाद्य निगम के केन्दों पर समितियों को आपूर्ति करना है। लेकिन रफ्तार बढ़ नहीं रही है। अभी भी करीब 1000 लॉट सीएमआर की आपूर्ति अभी भी किया जाना है। अभी तो सीएमआर आपूर्ति का जो आंकड़ा है, वह 50 प्रतिशत से उपर चला गया है। लेकिन शेष चावल नहीं जमा होने के चलते समितियों पर बैंक के ब्याज का जहां बोझ बढ़ रहा है। वहीं बैंक को ऋण की राशि समय से नहीं लौटने की चिंता सताने लगी है। क्या कहते हैं अधिकारी जिले में चावल जमा करने के लिए चार और नए गोदाम का प्रस्ताव मुख्यालय भेजा गया है। जहां से अभी तक स्वीकृत नहीं प्राप्त हुई है। जैसे ही स्वीकृति प्राप्त होगी गोदाम की समस्या का हाल कुछ हद तक हो जाएगा। वहीं, भरे गोदाम को खाली करने के लिए आरओ बनाया जा रहा है। जगह बनते हैं एसटीआर जारी होने लगेगा। - आसिफ इकबाल, जिला प्रबंधक, एसएफसी
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।