Special Care Unit for Weak Newborns Established in Siwan Hospital एसएनसीयू वार्ड में तीन वर्ष में 2 हजार 924 बीमार शिशुओं को मिला इलाज, Siwan Hindi News - Hindustan
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एसएनसीयू वार्ड में तीन वर्ष में 2 हजार 924 बीमार शिशुओं को मिला इलाज

सीवान के सदर अस्पताल में विशेष नवजात शिशु देखभाल इकाई (एसएनसीयू) स्थापित की गई है। गर्भावस्था के दौरान उचित देखभाल की कमी के कारण कमजोर शिशुओं का इलाज किया जाता है। यहां 2022 से अब तक 2,924 नवजात...

Newswrap हिन्दुस्तान, सीवानMon, 26 May 2025 03:22 PM
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  एसएनसीयू वार्ड में तीन वर्ष में 2 हजार 924 बीमार शिशुओं को मिला इलाज

सीवान, निज प्रतिनिधि। गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिलाओं की समुचित जांच, इलाज व पौष्टिक आहार नहीं लेने के कारण होने वाला नवजात शिशु बहुत ही कमजोर और विभिन्न प्रकार की बीमारियों से ग्रसित हो जाता है। ऐसे बच्चों को जन्म के बाद से ही पर्याप्त इलाज और पोषण की जरूरत होती है। सिविल सर्जन डॉ. श्रीनिवास प्रसाद ने बताया कि ऐसे बच्चों के इलाज के लिए मॉडल सदर अस्पताल परिसर स्थित स्पेशल नवजात शिशु देखभाल इकाई (एसएनसीयू) है। यहां न केवल सरकारी अस्पताल में जन्में कमजोर बच्चों का इलाज किया जाता है, बल्कि बाहरी अस्पतालों में जन्म लेने वाले कमजोर नवजात शिशुओं का भी इलाज किया जाता है।

यदि कोई नवजात शिशु यहां उपलब्ध सुविधाओं से ठीक नहीं हो सकता है, तो उन्हें बेहतर इलाज के लिए एम्बुलेंस के माध्यम से पटना रेफर कर दिया जाता है। एसएनसीयू में इलाज के दौरान बच्चों को सभी प्रकार की स्वास्थ्य सेवाएं निःशुल्क उपलब्ध कराई जाती है। यहां से डिस्चार्ज होने वाले बच्चों को एक सप्ताह के अंदर पहला फॉलोअप किया जाता है, जबकि उसके बाद कुछ दिनों के अंतराल पर फॉलोअप किया जाता है। वहीं, एसएनसीयू से डिस्चार्ज होने वाले बच्चों को एक वर्ष में अधिकतम पांच बार फॉलोअप किया जाता है। ताकि बच्चे के स्वस्थ होने की जानकारी ली जा सके। जन्म के नहीं राने वाले नवजात बर्थ एक्सपेक्सिया की श्रेणी में सदर अस्पताल के अधीक्षक डॉ अनिल कुमार सिंह ने बताया कि गर्भावस्था के दौरान पर्याप्त चिकित्सकीय सहायता नहीं लेने के कारण नवजात शिशु बहुत ही कमजोर और बीमारी से ग्रसित जन्म लेता है। ऐसे बच्चों का वजन जन्म के साथ ही बहुत कम होता है और इन्हें सांस लेने में दिक्कत, हाइपोथर्मिया एवं हाइपोग्लेशिमिया जैसी बहुत सी समस्याएं उत्पन्न होती है। कम वजन वाले बच्चों के साथ ही जन्म के दौरान बर्थ एक्सपेक्सिया, निमोनिया, जॉन्डिस, ब्लड इंफेक्शन, जन्म के दौरान गंदगी खाने वाले बच्चे, जन्म के बाद ऑक्सीजन लेवल कम रहने, सामान्य तापमान रहने वाले बच्चों को जन्म के बाद ही एसएनसीयू में एडमिट करते हुए विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा आवश्यक इलाज सुनिश्चित कराया जाता है। ऐसे बच्चे जो जन्म के एक मिनट बाद तक नहीं रोते हैं, उन्हें बर्थ एक्सपेक्सिया की श्रेणी में रखा जाता है। तीन शिशु रोग विशेषज्ञ हैं उपलब्ध एसएनसीयू की प्रभारी जीएनएम शोभा कुमारी ने बताया कि अप्रैल 2022 से अभी तक 2 हजार 9 सौ 24 नवजात शिशुओं का बेहतर उपचार किया गया है। इसमें वित्तीय वर्ष 2022 - 23 में 687, 2023 - 24 में 1167, 2024 - 25 में 933, वहीं, अप्रैल में 77 जबकि मई में अभी तक 60 नवजात शिशु शामिल हैं। नवजात शिशुओं के बेहतर इलाज के लिए 12 वार्मर, 02 सी- पैप, 04 फोटो थेरेपी और 06 ऑक्सीजन कंसेंटेटर की व्यवस्था उपलब्ध है। यहां बच्चों के इलाज के लिए 24 घंटे आठ प्रशिक्षित जीएनएम अंजली कुमारी, पुष्पा कुमारी, निधि कुमारी, प्रीति रानी, राज नंदिनी, इंद्राणी, सरिता कुशवाहा और संगीता कुमारी जबकि 03 शिशु रोग विशेषज्ञ रोस्टर के अनुसार उपलब्ध रहते हैं।

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