ज्ञान बिंदु जी.एस. एकेडमी से बिहार का भविष्य गढ़ रहे हैं रौशन आनंद सर
जब कोई शिक्षक सिर्फ पढ़ाता नहीं, बल्कि अपने विद्यार्थियों के सपनों को अपना सपना बना लेता है, तब शिक्षा केवल एक पेशा नहीं रह जाती वो एक मिशन बन जाती है।

जब कोई शिक्षक सिर्फ पढ़ाता नहीं, बल्कि अपने विद्यार्थियों के सपनों को अपना सपना बना लेता है, तब शिक्षा केवल एक पेशा नहीं रह जाती वो एक मिशन बन जाती है। बिहार की धरती ने ऐसे ही एक सपनों के राहबर को जन्म दिया है जिनका नाम है रौशन आनंद।
पटना की गलियों से निकलकर उन्होंने जो जान की रोशनी फैलाई है, वह आज न सिर्फ बिहार, बल्कि पूरे देश के युवाओं के भविष्य को आलोकित कर रही है। ज्ञान बिंदु जी.एस. एकेडमी उनके इसी संकल्प का परिणाम है।
संघ लोक सेवा आयोग हो या राज्य लोक सेवा आयोग, रेलवे भर्ती बोर्ड हो या कर्मचारी चयन आयोग हर मोर्चे पर यहां के विद्यार्थी सफलता की नई इबारत लिख रहे हैं। निदेशक रौशन आनंद सिर्फ शिक्षक नहीं, एक विचार हैं। अपने ज्ञान से, अपनी मेहनत से, और सबसे अहम अपने छात्रों के प्रति निःस्वार्थ निष्ठा से, रौशन आनंद आज बिहार के लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गए हैं। असल मायने में वे उस उम्मीद की लौ हैं, जो हर घर के अंधेरे में रौशनी बिखेर रही है।
रौशन आनंद, सहरसा (बिहार) के निवासी हैं और ग्रेजुएट होने के बाद 2017 से जनरल कम्पटीशन की तैयारी में जुट गए थे। कई बार उन्होंने परीक्षाएं दीं, लेकिन हर बार कुछ अंकों से चयन से चूक जाते। खासकर बीपीएससी में भी उन्होंने जमकर मेहनत की, परन्तु नंबर थोड़े कम रह गए और चयन नहीं हो पाया।
लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। अपनी असफलता को उन्होंने अपनी ताकत बना लिया और 2017 से दूसरों को पढ़ाना शुरू किया। रौशन जी का मानना है कि एक अच्छे शिक्षक की पहचान यह है कि वह जटिल विषयों को भी सरल तरीके से समझाए ताकि छात्र बिना डर के पढ़ सकें। यही बात उन्होंने अपने पढ़ाने के ढंग में उतारी।
शुरुआत चार बच्चों से, आज लाखों छात्र
रौशन आनंद ने “ज्ञान बिंदु जी.एस एकेडमी” की शुरुआत सिर्फ 4 बच्चों के साथ की थी। लेकिन उनका पढ़ाने का तरीका इतना प्रभावी था कि चार से बढ़ते-बढ़ते संख्या हजारों में पहुंच गई। आज उनकी पहुंच 4 लाख से अधिक छात्रों तक है। वह ज्ञान बिंदु जी.एस एकेडमी कोचिंग सेंटर के संस्थापक और डायरेक्टर भी हैं। उनकी दूरदर्शिता और मेहनत की वजह से कोचिंग सेंटर शानदार रिजल्ट और मजबूत गाइडेंस के लिए जाना जाता है। बिहार के लगभग हर थाना में उनके पढ़ाए हुए छात्र बतौर दरोगा कार्यरत हैं।
संघर्षों से मिली मजबूती
रौशन आनंद का सफर आसान नहीं रहा। उनके माता-पिता चाहते थे कि वह इंजीनियर बनें, लेकिन उन्होंने जनरल कम्पटीशन को अपना रास्ता चुना। इस निर्णय से उन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा। पटना में कोचिंग खोलने का सपना था लेकिन पैसे नहीं थे। ऐसे में उनके एक मित्र ने आर्थिक मदद की और "ज्ञान बिंदु जी.एस एकेडमी" की नींव पड़ी। शुरुआती दिनों में सेंटर छोटा था, लेकिन जब छात्रों की संख्या बढ़ी और कोचिंग लोकप्रिय होने लगा, तो स्थानीय शिक्षकों का विरोध भी झेलना पड़ा। उनके कोचिंग सेंटर पर हमला तक करवाया गया, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी।
साथी शिक्षक बिट्टू झा सर का अहम योगदान
रौशन आनंद की सफलता में उनके साथी शिक्षक बिट्टू झा सर का भी बड़ा योगदान है। 2017 से ही वह रोशन जी के साथ हैं। कोचिंग में फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी बिट्टू झा सर पढ़ाते हैं, जबकि रोशन सर इतिहास, राजनीति और भूगोल जैसे विषयों की तैयारी कराते हैं। ज्ञान बिंदु जी.एस एकेडमी को सुचारू रूप से चलाने में बिट्टू झा सर की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही है।
ज्ञान बिंदु जी.एस. एकेडमी: सफलता की नई परिभाषा
जब अधिकांश कोचिंग संस्थान केवल किफायती शिक्षा का दावा करते हैं, ज्ञान बिंदु जी.एस. एकेडमी उस दावे को हकीकत में बदलकर दिखाती है। यह संस्थान न केवल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देता है, बल्कि इसे बेहद सुलभ और आर्थिक रूप से सहज भी बनाता है। यहाँ सिर्फ ₹5000 में 18 महीने का पूरा जनरल स्टडीज (G.S.) कोर्स कराया जाता है, और ₹200 में पूरे महीने के लिए 20 टेस्ट जैसी व्यवस्था छात्रों को बेहतर तैयारी का अवसर प्रदान करती है।
पटना में सबसे उत्कृष्ट परिणामों वाला संस्थान
ज्ञान बिंदु जी.एस. एकेडमी की पहचान सिर्फ उसकी फीस संरचना से नहीं, बल्कि उसके शानदार परिणामों से होती है। यहां छात्रों को झूठे वादों का झांसा नहीं दिया जाता, बल्कि ठोस तैयारी, समर्पित मार्गदर्शन और सच्चे परिणाम प्रदान किए जाते हैं। यही कारण है कि आज यह संस्थान पटना में प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सबसे भरोसेमंद नाम बन चुका है।
कोरोना काल: जहां संकट बना अवसर
कोरोना महामारी ने जब देशभर की शैक्षणिक गतिविधियों को रोक दिया था, उस कठिन समय में भी ज्ञान बिंदु जी.एस. एकेडमी और रौशन सर ने छात्रों का साथ नहीं छोड़ा। बिहार पुलिस में सब-इंस्पेक्टर (S.I.) की 2426 रिक्तियों के लिए चयन प्रक्रिया चल रही थी। प्रीलिम्स परीक्षा के बाद कोरोना की पहली लहर आ गई, और ज्यादातर छात्र घर लौट गए। लेकिन 100 समर्पित छात्र रौशन सर के साथ जुड़े रहे। सर ने छात्रों के लिए लॉज किराए पर लेकर वन-ऑन-वन गाइडेंस देना शुरू किया। परिणामस्वरूप, सिर्फ एक बैच से 100 से अधिक छात्रों का चयन हुआ — यह न केवल बिंदु जी.एस. एकेडमी के लिए, बल्कि पूरे कोचिंग जगत के लिए एक मिसाल बन गया।

तेजी से बढ़ती लोकप्रियता
कोरोना काल में मिली इस अद्वितीय सफलता ने बिंदु जी.एस. एकेडमी को जबरदस्त बूम दिया। आज यह संस्थान ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यमों के जरिए 4 लाख से अधिक छात्रों तक पहुँच चुका है। हाल ही में हुई S.I. बहाली परीक्षा में कुल 1275 सीटों में से 300 से अधिक चयनित छात्र इसी एकेडमी से थे। यह संस्थान की गुणवत्ता, मेहनत और प्रतिबद्धता का जीवंत प्रमाण है। ज्ञान बिंदु जी.एस. एकेडमी सिर्फ एक कोचिंग नहीं, बल्कि उन लाखों युवाओं की उम्मीद है जो सच्चे मार्गदर्शन की तलाश में हैं।
ज्ञान बिंदु जी.एस. एकेडमी में उपलब्ध प्रमुख सुविधाएं
शैक्षणिक सुविधाएं
-- पूरा G.S. कोर्स सिर्फ ₹5000 में (18 महीने की अवधि)
-- मासिक टेस्ट सीरीज़ – ₹200 में 20 टेस्ट
-- प्रत्येक विषय के विशेषज्ञ शिक्षकों द्वारा कक्षाएं
-- करंट अफेयर्स की नियमित क्लास और अपडेट्स
-- टॉपिक-वाइज और फुल लेंथ टेस्ट सीरीज़
-- मॉक टेस्ट की सुविधा
-- मॉडल पेपर, नोट्स और क्विक रिविजन मटेरियल उपलब्ध
-- वन-ऑन-वन डाउट काउंसलिंग और मेंटरशिप
ऑनलाइन और डिजिटल सुविधाएं
-- ऑनलाइन क्लासेज की सुविधा – ऐप और यूट्यूब पर उपलब्ध
-- रिकॉर्डेड वीडियो लेक्चर्स – कभी भी, कहीं भी देख सकते हैं
-- ई-नोट्स और पीडीएफ स्टडी मटेरियल का एक्सेस
-- ऑनलाइन टेस्ट प्लेटफॉर्म – समयबद्ध टेस्ट और ऑटोमेटिक रिजल्ट
-- डेली क्विज और करंट अफेयर्स अपडेट
ऑफलाइन सुविधाएं
-- सुसज्जित और आरामदायक क्लासरूम
-- लाइब्रेरी सुविधा – शांत अध्ययन के लिए उपयुक्त माहौल
-- रेगुलर मोटिवेशनल सेशंस और स्ट्रेटजी वर्कशॉप्स
-- शासन व्यवस्था और अनुशासन का कड़ा पालन
परिणाम और उपलब्धियां
-- बिहार S.I., SSC, रेलवे, BPSC आदि में हजारों सफल छात्र
-- हर साल सैकड़ों चयन – एक ही बैच से बड़ी संख्या में सफलताएं
-- 4 लाख से ज्यादा छात्रों की ऑनलाइन पहुंच और भरोसा।
समाज सेवा के लिए समर्पित: शिक्षा से सेवा की ओर एक कदम
ज्ञान बिंदु जी.एस. एकेडमी न केवल एक शैक्षणिक संस्थान है, बल्कि यह समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को भी बखूबी निभाता है। यहाँ अर्जित आय का एक हिस्सा नियमित रूप से सामाजिक कल्याण के कार्यों में लगाया जाता है, जो इस संस्थान की संवेदनशीलता और सामाजिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
-- वंचित वर्गों के लिए शिक्षा का सशक्त माध्यम : आंबेडकर छात्रावास में रहने वाले एसटी/एससी समुदाय के छात्रों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान की जाती है।
-- सेना, नेवी, बीएसएफ, आईटीबीपी आदि में कार्यरत सैनिकों के बच्चों को मुफ्त कोचिंग की सुविधा दी जाती है, जो देश सेवा के प्रति सम्मान का प्रतीक है।
-- छात्राओं के लिए विशेष रियायत : सभी लड़कियों को कोचिंग फीस में 50% की छूट दी जाती है, जिससे बेटियों को सशक्त बनाने की दिशा में एक ठोस कदम उठाया गया है।
ज्ञान का दान: पुस्तक वितरण और सहयोग
विशेष अवसरों पर रौशन आनंद जी स्वयं आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को निःशुल्क पुस्तकें वितरित करते हैं, ताकि संसाधनों की कमी किसी भी छात्र की सफलता में बाधा न बने।
सामूहिक विवाह: बेटियों को सम्मान
-- सिर्फ शिक्षा ही नहीं, बल्कि जीवन निर्माण में भी योगदान देना इस संस्थान का उद्देश्य है।
-- अब तक 15 कन्याओं का सामूहिक विवाह कराया जा चुका है।
--- अगले दो वर्षों में 150 कन्याओं के सामूहिक विवाह का संकल्प लिया गया है।
हर ज़रूरतमंद के साथ खड़ा एक संस्थान
समय-समय पर ज्ञान बिंदु जी.एस. एकेडमी द्वारा कई सामाजिक कार्य किए जाते हैं चाहे वह आर्थिक सहायता या शिक्षा से जुड़ी कोई ज़रूरत हो। रौशन सर का मानना है कि "जो शिक्षा से अर्जित हो, वह समाज को लौटाना ही सच्चा कर्तव्य है।" ज्ञान बिंदु जी.एस. एकेडमी शिक्षा के साथ-साथ समाज निर्माण की दिशा में भी एक प्रेरणास्रोत बन चुका है। यहां केवल प्रतियोगिता की तैयारी नहीं होती, बल्कि जिम्मेदार नागरिक भी तैयार होते हैं।
भविष्य की योजना
बिहार की शिक्षा व्यवस्था में अभी थोड़ी कमी है। जैसे कोटा की शिक्षा व्यवस्था की बात की जाए तो वहां बिहार की तुलना में अनुशासन का बहुत अधिक महत्व था। कंपल्सरी अटेंडेंस, अगर कोई छात्र क्लास नहीं अटेंड करता था तो अभिभावकों के मोबाइल पर मैसेज जाता था। बिहार में ऐसे अनुशासन की कमी है। इसको बेहतर बनाना रौशन जी की भविष्य की योजनाओं में से एक है। अगला गोल है यूपीएससी के फील्ड में जाना और बेहतर करना। वह एक एक सीढ़ियां आगे बढ़ रहे हैं। रोशन जी का गोल है कि वह शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाना चाहते हैं।

दि कोई भी बच्चा ईमानदारी, अनुशासन और समर्पण के साथ पूरे वर्ष मेहनत करता है, तो उसे असफलता का सामना नहीं करना पड़ेगा। आज के समय में बच्चों का ध्यान भटकने के कई कारण हैं — मोबाइल फ़ोन, बाजार में उपलब्ध असंगठित अध्ययन सामग्री और सोशल मीडिया प्रमुख रूप से इसके ज़िम्मेदार हैं। अतः बच्चों को इन चीज़ों से दूर रखने की आवश्यकता है।
मैं सभी अभिभावकों से अनुरोध करता हूँ कि वे अपने बच्चों की पढ़ाई में रुचि लें, यह जानने की कोशिश करें कि वे क्या पढ़ रहे हैं, और वास्तव में पढ़ भी रहे हैं या नहीं। बिहार के बच्चों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, लेकिन सही मार्गदर्शन और संरक्षण की कमी उन्हें पीछे रख देती है।
साथ ही, अभिभावकों से मेरी यह भी अपील है कि वे समाजिक दबाव में आकर अपने बच्चों पर अनावश्यक दबाव न डालें। बिहार में बच्चियों को शिक्षा के पर्याप्त अवसर नहीं मिल पाते, जो चिंता का विषय है। अतः मैं सभी माता-पिता से विशेष रूप से निवेदन करता हूँ कि वे अपनी बेटियों को भी शिक्षा के समान अवसर दें।
--- रौशन आनंद, निदेशक (ज्ञान बिंदु जी.एस. एकेडमी)
रौशन आनंद संक्षिप्त परिचय
नाम : रौशन आनंद
शिक्षा : ग्रेजुएशन
पेशा : शिक्षक
संस्थान : ज्ञान बिंदु जी.एस. एकेडमी
पद : डायरेक्टर, ज्ञान बिंदु जी.एस. एकेडमी
Application: Gyan Bindu G.S. Academy patna
You tube : Gyan Bindu G.S. Academy patna
बिट्टू झा संक्षिप्त परिचय
नाम : बिट्टू झा
शिक्षा : ग्रेजुएशन
पेशा : शिक्षक
संस्थान : ज्ञान बिंदु जी.एस. एकेडमी
पद : संस्थापक सदस्य
पता :
ब्रांच- 1
किसान कोल्ड स्टोरेज,
साईं मंदिर के पास, मुसल्लपुर हाट, पटना - 800006
ब्रांच- 2
आर.बी. प्लाजा, रामपुर नाहर रोड,
साई चौक के पास, मुसल्लापुर, पटना - 800006
ब्रांच- 3
के. डी. रॉय कैम्पस, गांधी चौक, बारी पथ, पटना
संपर्क : 8540063639, 9304006502, 9341492082 (ऑनलाइन सपोर्ट)
(अस्वीकरण : इस लेख में किए गए दावों की सत्यता की पूरी जिम्मेदारी संबंधित व्यक्ति/ संस्थान की है)
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