एक ही दिन में 9% उछला स्विगी का शेयर, एक्सपर्ट बोले-₹405 तक जाएगा भाव
स्विगी का शेयर इंट्राडे ट्रेड में करीब 9% बढ़कर 365 रुपये पर पहुंच गया। यह एक महीने में किसी एक इंट्रा-डे के दौरान सबसे बड़ी तेजी है। इस शेयर पर एक्सपर्ट बुलिश नजर आ रहे हैं।

Swiggy share price: ऑनलाइन फूड डिलीवर करने वाली कंपनी स्विगी के शेयरों ने बुधवार, 4 जून को लंबी छलांग लगाई। सप्ताह के तीसरे दिन यह शेयर इंट्राडे ट्रेड में करीब 9% बढ़कर 365 रुपये पर पहुंच गया। यह एक महीने में किसी एक इंट्रा-डे के दौरान सबसे बड़ी तेजी है। शेयर की क्लोजिंग 8.73% बढ़कर 362.50 रुपये पर हुई। इस शेयर को लेकर ब्रोकरेज बुलिश हैं।
शेयर का टारगेट प्राइस
वैश्विक ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली ने शेयर पर 'ओवरवेट' रेटिंग तय करते हुए ₹405 प्रति शेयर का टारगेट प्राइस दिया है। बता दें कि शेयर के 52 हफ्ते का हाई 617 रुपये और 52 हफ्ते का लो 297 रुपये है। शेयर ने 13 मई 2025 को 52 हफ्ते के लो को टच किया था। इस लिहाज से शेयर रिकवरी मोड में है।
ब्रोकरेज ने क्या कहा
ब्रोकरेज के मुताबिक स्विगी का खाद्य वितरण में बेहतर रिकॉर्ड है। कंपनी ने पिछली कुछ तिमाहियों में मामूली रूप से बाजार हिस्सेदारी हासिल की है। इस ब्रोकरेज का मानना है कि कंपनी अभी भी वित्त वर्ष 25-28 ई के दौरान 15.8% सीएजीआर पर सकल ऑर्डर मूल्य (जीओवी) वृद्धि प्रदान कर सकती है, साथ ही व्यवसाय में मार्जिन में सुधार कर सकती है। इसके अलावा, ब्रोकरेज ने क्विक कॉमर्स में स्विगी बाजार हिस्सेदारी हासिल कर लेगा और वित्त वर्ष 25-28 के दौरान GOV को 63% CAGR पर बढ़ाएगा।
शेयर का परफॉर्मेंस
लगातार चार महीनों तक दबाव में रहने के बाद मई में शेयर ने थोड़ी राहत ली, महीने का अंत 5% की मामूली बढ़त के साथ हुआ। 13 नवंबर को लिस्टिंग के बाद से स्विगी ने दो महीने तक बढ़त हासिल की। बता दें कि स्विगी के शेयर ने 7.7% प्रीमियम के साथ ₹420 पर शुरुआत की। यह ₹390 प्रति शेयर के इश्यू प्राइस से ज्यादा है। हालांकि, बाद में शेयर ₹297 के सर्वकालिक निचले स्तर पर आ गया।
स्विगी का बढ़ा है घाटा
वित्त वर्ष 2024-25 की जनवरी-मार्च तिमाही में स्विगी का घाटा लगभग दोगुना होकर 1,081.18 करोड़ रुपये हो गया है। कंपनी को वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी (जनवरी-मार्च) तिमाही में 554.77 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। मार्च में कंपनी की परिचालन आय बढ़कर 4,410 करोड़ रुपये हो गई, जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में यह 3,045.5 करोड़ रुपये थी। तिमाही के दौरान कंपनी का कुल खर्च बढ़कर 5,609.6 करोड़ रुपये हो गया, जबकि एक वर्ष पहले की इसी अवधि में यह 3,668 करोड़ रुपये था।