ऐसा लगा जैसे किसी ने तोड़ दिया हो...करुण नायर ने बताया 2018 के इंग्लैंड दौरे का किस्सा
करुण नायर ने मेल स्पोर्ट्स के साथ बातचीत में 2018 के इंग्लैंड दौरे को याद किया। टीम में चुने जाने के बावजूद टीम मैनेजमेंट ने उन्हें सभी 5 टेस्ट में बेंच पर बैठाए रखा। नायर ने कहा कि ऐसा लगा जैसे किसी ने उन्हें तोड़ दिया हो। उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें, किससे बात करें।

सब कुछ ठीक रहा तो करुण नायर शुक्रवार को लीड्स टेस्ट में खेलने उतरेंगे। 8 साल का इंतजार खत्म होगा। क्रिकेट में जब भी वापसी की बात होगी, जिद और जुनून की बात होगी, धैर्य और उम्मीद की बात होगी...तब-तब करुण नायर की मिसालें दी जाएंगी। नायर 2018 के इंग्लैंड दौरे के लिए भी भारतीय टीम में चुने गए थे लेकिन तत्कालीन कप्तान विराट कोहली और कोच रवि शास्त्री ने उन्हें सीरीज के सभी 5 मैचों में बेंच पर बैठाए रखा। उस दौरे को याद करते हुए नायर ने अब कहा है कि उन्हें ऐसा लगा था जैसे किसी ने उन्हें तोड़ दिया हो। जैसे वो थककर चूर हो गए हो।
करुण नायर, एक खिलाड़ी जिसने 2016 में इंग्लैंड के खिलाफ उसी की धरती पर तिहरा शतक जड़ा। वीरेंद्र सहवाग के बाद भारत का दूसरा तिहरा शतकवीर। दो साल बाद वह इंग्लैंड के अगले दौरे में भी टीम में चुना गया लेकिन उसे बेंच पर ही बैठाए रखा गया। बाद में टीम से बाहर हुआ। टूटा मगर बिखरा नहीं। अब उसी इंग्लैंड के दौरे के जरिये यह खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी करने जा रहा है।
2018 के इंग्लैंड दौरे पर पांचवें टेस्ट से पहले एक मौका आया जब नायर को प्लेइंग इलेवन में चुना जा सकता था लेकिन ऐसा हुआ नहीं। टीम मैनेजमेंट और सेलेक्टर्स ने उनके ऊपर हनुमा विहारी को तरजीह दी जो ऑरिजिनल स्क्वाड का हिस्सा तक नहीं थे।
टीम में चुने जाने के बावजूद सीरीज में एक भी मैच नहीं खिलाए जाने का नायर पर काफी बुरा असर हुआ। वह टूट से गए। 2022 में तो उनकी कर्नाटक की टीम से भी पत्ता कट गया। तीनों ही फॉर्मेट से उनकी छुट्टी हो गई।
करुण नायर ने मेल स्पोर्ट्स के साथ बातचीत में 2018 के इंग्लैंड दौरे के अपने अनुभव के बारे में बताया। उन्होंने कहा, ‘ऐसा लग रहा था कि जैसे किसी ने मुझे तोड़ दिया हो और मुझे सूझ नहीं रहा था कि मैं कहा जाऊं।’
नायर ने बताया, 'मैं उस वक्त को कभी नहीं भूलूंगा जब मुझे खबर मिली। मुझे नहीं पता था कि क्या करूं या किससे बात करूं, इसलिए मैं ऑक्सफोर्ड स्ट्रीट पर टहलने चला गया। वहां जो भी मन में आया खरीदा। मैं कभी भी ऐसा शख्स नहीं रहा हूं जो महंगी-महंगी चीजों के पीछे भागे। फिर मैंने सोचा कि मैं उन चीजों के होने का इंतजार क्यों कर रहा हूं जिन पर मेरा कोई नियंत्रण ही नहीं है?'
7 साल बाद करुण नायर फिर इंग्लैंड में हैं। भारतीय दल के हिस्से के तौर पर। उम्मीद है इस बार 2018 वाली कहानी नहीं दोहराई जाएगी।