सर, आज मैं मारूंगा...वैभव सूर्यवंशी और उनके कोच के बीच मैच की सुबह क्या बात हुई थी? जानिए
वैभव सूर्यवंशी और उनके कोच मनीष ओझा के बीच मैच की सुबह क्या बात हुई थी? इसका खुलासा उनके कोच ने किया है और बताया है कि वैभव ने बोला था कि आज मैं रन मारूंगा, लेकिन उनको कुछ सलाह मैंने दी थी।

राजस्थान रॉयल्स के 14 वर्षीय वैभव सूर्यवंशी का नाम अब हर एक क्रिकेट फैन जान गया होगा। वे टी20 क्रिकेट में सबसे कम उम्र में शतक जड़ने वाले बल्लेबाज बन गए हैं। गुजरात टाइटन्स के दमदार बॉलिंग लाइनअप के सामने वैभव सूर्यवंशी ने 35 गेंदों में शतक जड़ा। वे महज अपना तीसरा ही आईपीएल मैच खेल रहे थे। मैच से पहले उन्होंने अपने कोच से भी कह दिया था कि वे आज बड़ी पारी खेलेंगे। कोच ने उनको कुछ सजेशन भी दिए थे, जिनको उन्होंने मारा और गुजरात के गेंदबाजों में मार लगाई।
डेब्यू से कुछ दिन पहले वैभव सूर्यवंशी का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने अपनी टीम के एक खिलाड़ी से पूछा था कि ऐसा कभी हुआ कि आपने पहली ही बॉल पर छक्का मारा हो? उस खिलाड़ी ने जवाब दिया था कि उन पर तीन छक्के पड़े जरूर हैं, लेकिन मारा नहीं है। वहीं, वैभव सूर्यवंशी ने अपने आईपीएल डेब्यू की पहली गेंद पर ही छक्का जड़ा था। वहीं, गुजरात के खिलाफ मैच से पहले उन्होंने कोच मनीष ओझा से मिले कुछ सजेशन्स के बाद कहा था कि सर, आज मैं मारूंगा।
सोमवार 28 अप्रैल की सुबह 10 बजे वैभव सूर्यवंशी जब जगे तो उन्होंने अपने कोच मनीष ओझा को फोन लगाया। कोच ने फुटवर्क और टेक्निक में कुछ बदलाव करने की सलाह दी। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, मनीष ओझा से वैभव सूर्यवंशी ने कहा, "सर, आज मैं मारूंगा।" इस पर कोच ओझा ने कहा था, "मारना, पर विकेट मत देना, इत्मिनान से खेलना, यशस्वी से बात करते रहना।" बिहार के समस्तीपुर के रहने वाले वैभव सूर्यवंशी ने अपनी इस बात को सही साबित कर दिया और 35 गेंदों में शतक ठोककर इतिहास रच दिया।
वैभव सूर्यवंशी आईपीएल में सबसे कम उम्र में शतक जड़ने वाले और भारत के लिए इस लीग में सबसे तेज सेंचुरी जड़ने वाले बल्लेबाज बन गए। अपनी पारी में 11 छक्के और सात चौके उन्होंने लगाए। उन्होंने ईशांत शर्मा, मोहम्मद सिराज, प्रसिद्ध कृष्णा, वॉशिंगटन सुंदर, राशिद खान और करीम जनत जैसे दमदार गेंदबाजों के परखच्चे उड़ाए।
कोच ने बताया, “ये बोला था मारूंगा, लेकिन पता नहीं था कि ऐसे मारेगा। मुझे पहले से ही अंदाजा था कि कुछ बड़ा होने वाला है, लेकिन ईमानदारी से कहूं तो मुझे उम्मीद नहीं थी कि यह इतना बड़ा होगा। वह गॉड गिफ्टेड क्रिकेटर है। वह अभी बच्चा है - केवल 14 साल का। भगवान ने उसे अपार प्रतिभा से नवाजा है। मैं भगवान का बहुत आभारी हूं कि मैं उसके करियर में कुछ भूमिका निभा सका।”
कोच ओझा ने आगे बताया, "वह हमेशा कहते हैं कि राजस्थान रॉयल्स ने उन्हें एक बड़ा मंच दिया है और वह कड़ी मेहनत करने, अच्छा खेलने और अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। उनका अंतिम सपना भारत के लिए खेलना है। वह सिर्फ 14 साल के हैं। महान सचिन तेंदुलकर ने 16 साल की उम्र में अपना वनडे डेब्यू किया था और मुझे यकीन है कि वैभव सही रास्ते पर हैं। राहुल द्रविड़ जैसे दिग्गज के मार्गदर्शन में उन्हें किसी भी चीज की चिंता करने की जरूरत नहीं है।"