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डेस्कटॉप पर चला रहे हैं Google Chrome तो सावधान, खतरे में हैं सैंकड़ों यूजर्स, तुरंत करें ये काम

डेस्कटॉप पर Google Chrome चलाने वाले यूजर्स पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है। इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (CERT-In) ने गूगल क्रोम डेस्कटॉप यूजर्स के लिए एक हाई रिस्क चेतावनी जारी की है और यूजर्स को सावधान रहने की सलाह दी है।

Arpit Soni लाइव हिन्दुस्तानThu, 19 June 2025 02:51 PM
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डेस्कटॉप पर चला रहे हैं Google Chrome तो सावधान, खतरे में हैं सैंकड़ों यूजर्स, तुरंत करें ये काम

डेस्कटॉप पर Google Chrome चलाने वाले यूजर्स पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है। खुद सरकार ने ऐसे यूजर्स को सावधान रहने के लिए चेतावनी दी है। दरअसल, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत काम करने वाली इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (CERT-In) एजेंसी ने गूगल क्रोम डेस्कटॉप यूजर्स के लिए एक हाई रिस्क चेतावनी जारी की है। अपने लेटेस्ट नोट में साइबर सुरक्षा एजेंसी ने क्रोम में कई खामियों को चिह्नित किया है। इन खामियों का फायदा उठाकर, दूर बैठे हैकर्स यूजर्स के कंप्यूटर तक पहुंच प्राप्त कर सकते हैं और मशीनों को क्रैश तक कर सकते हैं।

ये वर्जन प्रभावित

एजेंसी के अनुसार, हाल ही में खोजी गई खामियां विंडोज और मैक के लिए 137.0.7151.119/.120 से पहले के गूगल क्रोम वर्जन में और लिनक्स के लिए 137.0.7151.119 से पहले के वर्जन में मौजूद हैं। ये खामियां क्रोम के V8 जावास्क्रिप्ट इंजन में इंटीजर ओवरफ्लो और प्रोफाइलर कंपोनेंट में यूज-ऑफ्टर-फ्री एरर्स से जनरेट होती हैं।

इसका मतलब यह है कि जो यूजर अभी भी गूगल क्रोम ब्राउजर के कमजोर वर्जन को चला रहे हैं, वे अनजाने में किसी मलिशियस या विशेष रूप से तैयार किए गए वेब पेज पर जाकर, किसी दूर बैठे हमलावर को इन खामियों का फायदा उठाकर उनके सिस्टम पर हानिकारक कोड एग्जीक्यूट करने या उसे क्रैश करने की अनुमति दे सकते हैं। इसका गंभीर नुकसान भी हो सकता है, जिसमें संवेदनशील डेटा की चोरी, सिस्टम से समझौता या सर्विस में व्यवधान शामिल है - वो भी यूजर की जानकारी के बिना।

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एजेंसी ने चेतावनी को हाई रिस्क के रूप में चिह्नित किया है, जिसका मतलब है कि गूगल के वेब ब्राउजर में ये खामियां विशेष रूप से गंभीर हैं और अगर इनका फायदा उठाया गया तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। जैसे कि:

रिमोट कोड एग्जीक्यूशन: हैकर यूजर के सिस्टम पर कंट्रोल प्राप्त कर सकते हैं।

डिनायल ऑफ सर्विस (DoS): पीसी पूरी तरह से क्रैश हो सकता है।

इंफॉर्मेशन डिस्क्लोजर: प्रभावित मशीन पर यूजर्स के संवेदनशील डेटा तक पहुंचा जा सकता है या उसे लीक किया जा सकता है।

यह खतरा इंडिविजुअल यूजर्स और ऑर्गेनाइजेशन्स दोनों के लिए चिंताजनक है, जो रोज के कामों के लिए गूगल क्रोम पर निर्भर हैं। गूगल क्रोम के सभी डेस्कटॉप यूजर - चाहे वे विंडोज, मैकओएस और लिनक्स पर हों जैसा कि ऊपर बताया गया है - यदि वे पुराने वर्जन का उपयोग कर रहे हैं तो वे खतरे में हैं।

सेफ रहने के लिए तुरंत करें ये काम

अपने सिस्टम की सुरक्षा के लिए, एजेंसी सलाह देती है कि यूजर अपने क्रोम ब्राउजर को गूगल द्वारा प्रदान किए गए लेटेस्ट स्टेबल वर्जन में तुरंत अपडेट करें। आधिकारिक अपडेट पहले ही जारी किया जा चुका है। डेस्कटॉप के लिए अपने हालिया स्टेबल चैनल अपडेट में गूगल ने कहा, “स्टेबल चैनल को विंडोज और मैक के लिए 137.0.7151.119/.120 और लिनक्स के लिए 137.0.7151.119 पर अपडेट किया गया है, जो आने वाले दिनों/सप्ताहों में रोलआउट होना शुरू हो जाएगा।”

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यदि आपका सिस्टम ऑटो-अपडेट पर सेट नहीं है, तो आप मैन्युअली चेक कर सकते हैं और क्रोम को अपडेट कर सकते हैं:

- गूगल क्रोम ब्राउजर ओपन करें।

- टॉप राइट कॉर्नर में थ्री-डॉट मेनू पर क्लिक करें।

- अब हेल्प पर जाएं और यहां अबाउट गूगल क्रोम पर क्लिक करें।

- गूगल क्रोम ऑटोमैटिकली अपडेट चेक करेगा और उपलब्ध होने पर उसे इंस्टॉल कर देगा।

- परिवर्तन लागू करने के लिए ब्राउजर को री-स्टार्ट करें।

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