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ओबीसी दुकानदार के लड़के को बेटा कहने पर दलित युवक को बुरी तरह पीटा था, अस्पताल में हो गई मौत

गुजरात में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। चिप्स खरीद रहे एक दलित युवक ने ओबीसी दुकानदार के लड़के को बेटा कह दिया। इस बात को लेकर लोगों ने उस युवक को बुरी तरह पीटा। अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

Subodh Kumar Mishra भाषा, अमरेलीFri, 23 May 2025 11:40 PM
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ओबीसी दुकानदार के लड़के को बेटा कहने पर दलित युवक को बुरी तरह पीटा था, अस्पताल में हो गई मौत

गुजरात में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। चिप्स खरीद रहे एक दलित युवक ने ओबीसी दुकानदार के लड़के को बेटा कह दिया। इस बात को लेकर लोगों ने उस युवक को बुरी तरह पीटा। अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

गुजरात के अमरेली जिले में 16 मई को एक मामूली बात पर भीड़ द्वारा पीटे गए 20 साल के दलित युवक की भावनगर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। पुलिस उपाधीक्षक नयना गोरडिया ने शुक्रवार को बताया कि नीलेश राठौड़ की बृहस्पतिवार रात मौत हो गई। घटना के दिन प्राथमिकी दर्ज करने के बाद पकड़े गए नौ लोगों के खिलाफ अब हत्या की धाराओं को जोड़ा जाएगा। कहा कि चिप्स खरीदते समय दुकान मालिक के लड़के को बेटा कहने पर युवक की कथित तौर पर 13 लोगों ने पिटाई कर दी थी।

राठौड़ की मौत के बाद दलित नेता एवं कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवाणी ने उनके परिवार से मुलाकात की और घोषणा की कि जब तक कुछ मांगें पूरी नहीं हो जातीं तब तक वे शव नहीं लेंगे। उनकी मांगों में चारों पीड़ितों को सरकारी नौकरी या चार एकड़ जमीन और मामले के सभी दोषियों की गिरफ्तारी शामिल है।

मेवाणी ने कहा कि आरोपियों पर गुजरात आतंकवाद नियंत्रण एवं संगठित अपराध अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाना चाहिए। परिवार की इच्छा के अनुरूप सरकारी वकील नियुक्त किया जाना चाहिए। यदि हमारी मांगें पूरी नहीं की जाती हैं तो परिवार राठौड़ का शव नहीं लेगा।

पुलिस उपाधीक्षक गोरडिया ने कहा कि जिला प्रशासन परिवार को राठौड़ का शव लेने के लिए समझाने की कोशिश कर रहा है। गोरडिया ने कहा कि 13 आरोपियों में से हमने नौ को गिरफ्तार कर लिया है। शेष चार को पकड़ने के प्रयास जारी हैं। गंभीर चोटों के कारण राठौड़ की मौत हुई, जबकि पीटे गए अन्य तीन लोग खतरे से बाहर हैं।

यह घटना 16 मई को हुई जब दलित युवा लालजी चौहान, भावेश राठौड़, सुरेश वाला और नीलेश राठौड़ अमरेली शहर के सावरकुंडला रोड पर एक ढाबे में दोपहर का भोजन करने से पहले एक दुकान से चिप्स खरीदने गए थे। प्राथमिकी के अनुसार दुकान के मालिक छोटा भारवाड़ को गुस्सा आ गया जब नीलेश ने उनके लड़के को बेटा कहकर पुकारा। इसमें कहा गया कि यह पता चलने पर कि नीलेश दलित है तो उसे जाति आधारित अपशब्द भी कहे। मुख्य आरोपी अन्य पिछड़ा वर्ग से है।

जब तीन अन्य युवक समझने के लिए दुकान पर गए तो भारवाड़ और एक अन्य व्यक्ति विजय ने उन्हें पीटना शुरू कर दिया और मौके पर 9-10 अन्य लोगों को भी बुला लिया। लाठी और कुल्हाड़ियों से लैस इन लोगों ने युवकों को बुरी तरह पीटना शुरू कर दिया। उन्हें अपने आप को बचाने के लिए खेतों में छिपना पड़ा। एक बुजुर्ग व्यक्ति के हस्तक्षेप के बाद ही लोग रुके।

अमरेली के एक अस्पताल में भर्ती लालजी चौहान की शिकायत के आधार पर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की और भारवाड़ समेत नौ लोगों को मारपीट, दंगा और गैरकानूनी तरीके से एकत्र होने के आरोप में गिरफ्तार किया। पुलिस ने बताया कि अब उन पर हत्या की धारा के तहत भी कार्रवाई की जाएगी।

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