Gujarat Assembly Elections 2022 50 SC ST Seats may be game changer know what is track record of BJP and congress on these seats 50 सीटों पर गेमचेंजर हो सकते हैं SC/ST, देखें कैसा रहा है BJP-कांग्रेस का ट्रैक रिकॉर्ड?, Gujarat Hindi News - Hindustan
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50 सीटों पर गेमचेंजर हो सकते हैं SC/ST, देखें कैसा रहा है BJP-कांग्रेस का ट्रैक रिकॉर्ड?

2017 के चुनावों में बीजेपी ने SC के लिए आरक्षित 13 सीटों में से 7 पर जीत दर्ज की थी, जबकि कांग्रेस ने 5 और एक निर्दलीय (जिग्नेश मेवाणी) ने जीत दर्ज की थी। मेवाणी ने वडगाम से चुनाव जीता था।

Pramod Praveen लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 24 Nov 2022 09:14 AM
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50 सीटों पर गेमचेंजर हो सकते हैं SC/ST, देखें कैसा रहा है BJP-कांग्रेस का ट्रैक रिकॉर्ड?

गुजरात विधानसभा की 182 सीटों में से 13 सीटें अनुसूचित जाति और 27 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। इनके अलावा भी राज्य में दर्जन भर सीटें ऐसी हैं, जहां SC/ST मतदाता हार-जीत तय करते रहे हैं। आगामी चुनावों में ऐसी करीब 50 सीटें गेमचेंजर हो सकती हैं क्योंकि 2017 के मुकाबले 2022 का विधानसभा चुनाव परिदृश्य बदला हुआ है। 

इससे पहले तक के करीब सभी चुनाव द्विपक्षीय यानी बीजेपी बनाम कांग्रेस होते रहे हैं लेकिन इस बार आप की एंट्री से मुकाबला त्रिकोणीय हो चुका है। इसके अलावा 2017 के चुनावों में कांग्रेस का साथ दे रहे पाटीदार नेता हार्दिक पटेल अब बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में किस्मत आजमा रहे हैं। 

पिछले चुनावों का आंकड़ा देखें तो कोई भी एक पार्टी का वर्चस्व इन सीटों पर नहीं रहा है। 2012 में अहमदाबाद-गांधीनगर शहरी क्षेत्र, कच्छ, उत्तर और मध्य गुजरात की प्रमुख एससी बहुल सीटों पर बीजेपी सबसे आगे थी। सत्तारूढ़ दल ने अनुसूचित जाति बहुल 20 सीटों में से 15 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस ने 5 सीटों पर जीत हासिल की थी।

2017 का चुनाव बीजेपी के लिए झटका भरा रहा क्योंकि इन सीटों पर उसका प्रदर्शन कमतर रहा और उसकी सीटें घटकर 9 रह गईं, जबकि कांग्रेस ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए दोगुनी सीट यानी 10 सीटों पर कब्जा जमा लिया। 2017 में पाटीदार आरक्षण आंदोलन की वजह से भी कांग्रेस के पक्ष में हवा बन सकी थी। हालांकि, दलित मतदाताओं का रुख भी पाटीदार आंदोलन की वजह से प्रभावित हुआ हो सकता है।

आदिवासी बहुल सीटों की बात करें तो ये अधिकांशत: मध्य प्रदेश से सटे इलाकों में हैं। 2012 में ST बहुल 31 सीटों में से बीजेपी ने 15 जबकि कांग्रेस ने 16 सीटें जीती थीं। 2017 में बीजेपी का आंकड़ा और कमतर हुआ और वह केवल 14 सीटें ही जीत सकी, जबकि कांग्रेस ने 17 सीटों पर कब्जा जमाया।

बीजेपी कई योजनाओं से आदिवासियों को लुभाती रही है, और द्रौपदी मुर्मू के रूप में देश को पहला आदिवासी राष्ट्रपति देने का श्रेय का भी दावा कर रही है। हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि ये कारक आदिवासी मतदाताओं को कितना और किस हद तक प्रभावित करते हैं।

राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, इस बार के चुनाव में आम आदमी पार्टी के उतरने की वजह से दलित वोटों का बिखराव हो सकता है। बीजेपी जहां सातवीं बार लगातार चुनाव जीतक सत्ता में पुनर्वापसी की राह देख रही है, वहीं कांग्रेस 27 सालों के सियासी वनवास से निकलने के लिए हाथ-पैर मार रही है, जबकि आप राज्य में अपनी मजबूत उपस्थिति के लिए संघर्ष करती दिख रही है।

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