ईरान में मचेगी तबाही, इजरायल का साथ देने युद्ध में कूद सकता है US; परमाणु ठिकानों पर हमले का प्लान
अपने बयानों में ट्रंप ने दावा किया कि अमेरिका ने ईरान की हवाई सीमा पर पूरी पकड़ बना ली है और ईरान के ट्रैकिंग सिस्टम तथा अन्य रक्षा प्रणालियां अमेरिकी सैन्य तकनीक के सामने टिक नहीं सकतीं।

ईरान और इजरायल के बीच जारी सैन्य संघर्ष के बीच पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा इस युद्ध में सीधे हस्तक्षेप की संभावना ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता बढ़ा दी है। अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रंप ने वाइट हाउस की सिचुएशन रूम में अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम के साथ एक घंटे 20 मिनट लंबी बैठक की, जिसमें उन्होंने ईरान के परमाणु ठिकानों पर कार्रवाई के विकल्पों की समीक्षा की।
सीबीएस न्यूज और Axios की रिपोर्टों के अनुसार, इजरायली अधिकारियों का मानना है कि ट्रंप आने वाले दिनों में ईरान की भूमिगत यूरेनियम ठिकानों पर बमबारी में इजरायल का साथ दे सकते हैं। इस कयासबाजी को तब और बल मिला जब ट्रंप ने अचानक G7 सम्मेलन से निकल गए और अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर कई तीखे और धमकी भरे संदेश पोस्ट किए।
अपने बयानों में ट्रंप ने दावा किया कि अमेरिका ने ईरान की हवाई सीमा पर पूरी पकड़ बना ली है और ईरान के ट्रैकिंग सिस्टम तथा अन्य रक्षा प्रणालियां अमेरिकी सैन्य तकनीक के सामने टिक नहीं सकतीं। उन्होंने लिखा, “ईरान के पास अच्छे स्काई ट्रैकर और काफी सुरक्षा उपकरण हैं, लेकिन वो अमेरिका में बनी चीजों के सामने कुछ नहीं हैं। कोई भी अमेरिका से बेहतर नहीं कर सकता है।”
इसके अलावा, उन्होंने ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई को चेतावनी देते हुए कहा, “हमें पता है खामेनेई कहां छिपा है। वो एक आसान टारगेट है, लेकिन हम उसे अभी नहीं मार रहे हैं। कम से कम अभी तो नहीं।” एक दूसरे पोस्ट में ट्रंप ने चेताया, “हम नहीं चाहते कि मिसाइलें नागरिकों या अमेरिकी सैनिकों पर दागी जाएं। हमारा धैर्य जवाब दे रहा है।” उन्होंने अंत में लिखा, "बिना शर्त आत्मसमर्पण!"
ईरान की जवाबी चेतावनी
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान ने भी चेतावनी दी है कि यदि अमेरिका इजरायल के साथ युद्ध में शामिल होता है तो वह मध्य पूर्व में मौजूद अमेरिकी ठिकानों को निशाना बनाएगा। ईरानी सेना ने मिसाइलें और युद्ध सामग्री पहले ही तैनात कर दी हैं।
इस भीषण संघर्ष के पांचवें दिन तक ईरान में 200 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें ज्यादातर नागरिक हैं। वहीं, इजरायल में अब तक 24 नागरिकों की जान जा चुकी है। दोनों देशों के बीच मिसाइल और ड्रोन हमलों का सिलसिला जारी है।
अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने भी संकेत दिए हैं कि राष्ट्रपति ट्रंप अमेरिकी सेना का इस्तेमाल कर सकते हैं। उन्होंने एक्स पर लिखा, “हो सकता है राष्ट्रपति यह निर्णय लें कि ईरान का संवर्धन कार्यक्रम समाप्त करने के लिए और कार्रवाई करनी पड़े। यह फैसला अंततः राष्ट्रपति का होगा।”
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