Pakistan donkey count tops 60 Lakh amid growing china demand for meat hides चीन के लिए गधे पाल रहा पाकिस्तान, 60 लाख के पार हुई संख्या; मांस-खाल की क्यों बढ़ रही डिमांड?, International Hindi News - Hindustan
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चीन के लिए गधे पाल रहा पाकिस्तान, 60 लाख के पार हुई संख्या; मांस-खाल की क्यों बढ़ रही डिमांड?

पाकिस्तान में गधों की संख्या में बीते एक साल में 1 लाख 9 हजार की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जिससे देश में गधों की कुल संख्या अब 60.47 लाख हो गई है।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, इस्लामाबादThu, 5 June 2025 07:46 AM
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चीन के लिए गधे पाल रहा पाकिस्तान, 60 लाख के पार हुई संख्या; मांस-खाल की क्यों बढ़ रही डिमांड?

पाकिस्तान में गधों की आबादी में लगातार वृद्धि देखी जा रही है, जो अब 60 लाख 47 हजार तक पहुंच गई है। यह आंकड़ा पिछले साल 59.38 लाख था। पाकिस्तान ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स (पीबीएस) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, पिछले एक साल में गधों की संख्या में 1 लाख 9 हजार का इजाफा हुआ है। गधों की यह बढ़ती संख्या चीन में इसकी खाल और मांस की बढ़ती मांग से जुड़ी बताई जा रही है। चीन में गधों की खाल से 'ई-जियाओ' नामक पारंपरिक औषधीय जिलेटिन बनाया जाता है, जिसकी मांग लगातार बढ़ रही है।

पशुधन में कुल बढ़ोतरी 2.17 करोड़

पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, सबसे ज्यादा गधों की संख्या बढ़ी है। हालांकि इसके अलावा, अन्य पशुधन की संख्या में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

  • भैंसों की संख्या 13.8 लाख बढ़कर 4.76 करोड़ हो गई।
  • बकरियों की संख्या 23.5 लाख बढ़कर 8.94 करोड़ पहुंच गई।
  • भेड़ों की संख्या 3.88 लाख बढ़कर 3.31 करोड़ हो गई।
  • ऊंटों की संख्या 14,000 बढ़कर 11.77 लाख हो गई।
  • घोड़ों की संख्या 1,000 बढ़कर 3.83 लाख हो गई।
  • खच्चरों की संख्या 3,000 बढ़कर 2.27 लाख हो गई।

कुल मिलाकर, पाकिस्तान का पशुधन अब 597.11 मिलियन (करीब 59.7 करोड़) हो गया है, जो पिछले साल 575.4 मिलियन (करीब 57.5 करोड़) था।

चीन में 'ई-जियाओ' की मांग से गधों पर संकट

गधों की बढ़ती संख्या के पीछे चीन में 'ई-जियाओ' के लिए गधों की खाल की जबरदस्त मांग एक बड़ी वजह है। ‘ई-जियाओ’ पारंपरिक चीनी चिकित्सा में इस्तेमाल होने वाला जिलेटिन होता है, जिसे गधों की खाल से तैयार किया जाता है। इस पारंपरिक औषधि का उपयोग ब्लड सर्कुलेशन, इम्युनिटी बढ़ाने और कैंसर की रोकथाम जैसे दावों के साथ किया जाता है। ब्रिटिश पशु कल्याण संस्था ‘द डंकी सैंक्चुअरी’ की फरवरी में जारी रिपोर्ट के अनुसार, ई-जियाओ उद्योग को हर साल करीब 59 लाख गधों की खाल की जरूरत होती है। चीन के शेडोंग प्रांत में ई-जियाओ का उत्पादन सबसे ज्यादा होता है और इसे वहां की “राष्ट्रीय सांस्कृतिक धरोहर” माना जाता है। हालांकि चीन की अपनी गधों की आबादी 1990 में 5.6 करोड़ से घटकर 2022 में मात्र 86 लाख रह गई है, जिसके चलते वह पाकिस्तान और अफ्रीकी देशों जैसे आपूर्तिकर्ताओं पर निर्भर हो गया है।

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ग्वादर में गधों के वध के लिए खुला नया स्लॉटरहाउस

पाकिस्तान ने इस अवसर को भुनाने के लिए ग्वादर में देश का पहला स्लॉटरहाउस (बूचड़खाना) शुरू किया है, जो चीन की कंपनी हांगेंग ट्रेड कंपनी द्वारा संचालित है। यह चीन में गधे के मांस, हड्डियों और खाल की बढ़ती मांग को पूरा करेगा। इसके अलावा, पाकिस्तान और चीन के बीच गधों की खाल और हड्डियों के निर्यात के लिए समझौता हुआ है, जिससे स्थानीय बाजार पर असर पड़े बिना विदेशी मुद्रा अर्जित करने की उम्मीद है। पिछले वर्षों में इन वस्तुओं के निर्यात में देरी हो रही थी, क्योंकि जरूरी कानूनी प्रक्रियाएं पूरी नहीं हुई थीं। लेकिन अब वह प्रक्रिया पूरी कर ली गई है, जिससे गधों के वध और खाल के निर्यात में तेजी आने की संभावना है।

पाकिस्तान में पशुधन क्षेत्र ग्रामीण अर्थव्यवस्था और खाद्य आपूर्ति श्रृंखला का एक अहम हिस्सा है। हालांकि, जानवरों के कल्याण से जुड़ी संस्थाओं ने चेतावनी दी है कि यदि गधों की अंधाधुंध कटाई पर लगाम नहीं लगाई गई, तो यह आने वाले वर्षों में वैश्विक गधा आबादी पर गंभीर संकट पैदा कर सकती है।

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