saddam hussein burnt 600 oil wells in kuwait it takes 9 months to extinguish जब सद्दाम ने 600 तेल के कुओं में लगवा दी थी आग, बुझाने में लगे 9 महीने; हर रोज कितना नुकसान, International Hindi News - Hindustan
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जब सद्दाम ने 600 तेल के कुओं में लगवा दी थी आग, बुझाने में लगे 9 महीने; हर रोज कितना नुकसान

ईरान पर इराक के हमले के बाद जब अमेरिकी फौज का दखल हुआ तो इराकी सेना ने कुवैत पर हमला कर दिया। कुवैत में तेल के कुओं में आग लगा दी गई। 9 महीने की कोशिश के बाद यह आग बुझाई जा सकी।

Ankit Ojha लाइव हिन्दुस्तानSun, 15 June 2025 05:31 PM
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जब सद्दाम ने 600 तेल के कुओं में लगवा दी थी आग, बुझाने में लगे 9 महीने; हर रोज कितना नुकसान

इजरायल ने ईरान के पारस गैस फील्ड फेज 14 की एक बड़ी रिफाइनरी पर ड्रोन अटैक कर दिया। ड्रोन हमले के बाद रिफाइनरी में भयंकर आग लग गई। चारों ओर धुआं ही धुआं दिखाई देने लगा। ईरान की यह रिफाइनरी बेहद अहम मानी जाती है। आग लगने की वजह से प्रोडक्शन रोक दिया गया। इस हमले से स्थानीय सप्लाई चैन बाधित होने का खतरा बना हुआ है। दुनियाभर के सबसे अमीर देशों में शामिल कुवैत में कभी सद्दाम हुसैन ने तेल के कुओं में आग लगवा दी थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक हुसैन ने कम से कम 600 तेल के कुओं को आग लगवाई थी। इसके बाद तबाही का मंजर 9 महीने तक बना रहा। इस आग को बुझाने में 9 महीने का समय लग गया।

साल 1991 में कुवैत में हाल यह हो गया था कि धुएं के आगे सूरज नहीं दिखाई देता था। लोगों की जिंदगी दुश्वार हो गई। 2 अगस्त 1990 को इराक के राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन ने कुवैत पर हमला कर दिया। कुवैत के मुखिया सऊदी अरब भाग गए और राजधानी पर इराकी सेनाका कब्जा हो गया। सद्दाम हुसैन ने कुवैत को इराक का हिस्सा घोषित कर दिया। अमेरिका को मौके की तलाश थी। अमेरिका ईरान का साथ दे रहा था। युद्ध से उबरने के लिए ही इराक ने कुवैत पर हमला किया था।

अमेरिका समेत पश्चिमी देशों ने जब इराक के खिलाफ ऑपरेशन डेजर्ट स्टोर्म चलाया तो सद्दाम हुसैन की सेना को पीछे हटना पड़ा। हालांकि सद्दाम चुप नहीं बैठने वाले थे। उनके सैनिकों ने कुवैत में कम से कम 600 तेल के कुओँ में आग लगा दी। कुएं धूं-धूं कर जलने लगे। कुओं से सैकड़ों फीट तक की आग की लपटें उठ रही थीं। इस आग को बुझाने के लिए दुनियाभर के देशों को एकजुट होना पड़ा। इसके बाद भी आग बुझाने में 9 महीने का वक्त लग गया।

हर दिन होता था इतना नुकसान

तेल के कुओं में लगी आग की वजह से हर दिन लगभग 50 लाख बैरल तेल जल जाता था। कच्चे तेल की बड़ी-बड़ी झीलें बन गईं। अमेरिकी सेना को रोकने के लिए इराकी फौज ने तेल समंदर में डाल दिया और आग लगा दी। उन्होंने रिफाइनरी और ऑइल टर्मिनल को तबाह कर दिया। इस आग ने इतनी तबाही मचाई की कुवैत में 85 फीसदी इमारतें धुएं से काली हो गईं। लोग बीमार हो गए। जानकारों का कहना है कि इस युद्ध की पहली की स्थिति में कुवैत आज भी नहीं लौट पाया है।

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