रूस के लिए अब आतंकवादी समूह नहीं तालिबान, दो दशक पुराना प्रतिबंध भी हटाया
- रूस ने तालिबान को आतंकवादी समूह की सूची से बाहर कर दिया है। इसके साथ ही 2003 में रूस द्वारा तालिबान पर लगाए गए प्रतिबंध को भी हटा दिया गया है। इसके तहत तालिबान के साथ मिलकर काम करने वाले किसी भी व्यक्ति या संस्था को रूसी कानून के तहत सजा दी जा सकती थी।

निया के तमाम देशों से अफगानिस्तान में अपनी सरकार की मान्यता या डिप्लोमैटिक संबंध बनाने की कोशिश कर रहे तालिबान को बड़ी जीत हाथ लगी है। रूसी सुप्रीम कोर्ट ने दो दशक पहले तालिबान पर लगाए गए प्रतिबंध को भी निरस्त घोषित कर दिया है। कोर्ट द्वारा उठाया गया यह कदम मॉस्को और अफगानिस्तान में स्वघोषित सरकार चला रहे तालिबानी समूह के बीच में बढ़ते रिश्तों का दर्शाता है।
रूसी सरकारी एजेंसी तास के अनुसार अदालत के फैसले के बाद से अफगानिस्तान के तालिबान पर से प्रतिबंध हटा दिया गया है, इतना ही नहीं तालिबान को आतंकवादी सूची से भी हटा दिया गया है। इस प्रतिबंध के मुताबिक तालिबान के साथ मिलकर काम करने वाली संस्था या व्यक्ति को रूसी कानून के तहत सजा दी जा सकती थी।
रूस में अदालत के पास यह शक्ति है कि वह चाहे तो किसी आतंकवादी समूह के ऊपर से यह टैग हटा शक्ति है। दरअसल, रूस में एक साल पहले एक कानून अपनाया गया था, जिसमें कहा गया था कि कोर्ट भी अगर चाहे तो किसी आतंकवादी संगठन को आतंकवादी समूह की सूची से बाहर कर सकता है। हाल में कोर्ट द्वारा सुनाया गया यह फैसला उसी कानून को आधार बनाकर सुनाया गया है। आपको बता दें कि रूस द्वारा तालिबान को 2003 में एक आतंकी समूह घोषित किया था।
अफगानिस्तान के इस्लामिक समूह तालिबान ने साल 2021 में अमेरिकी सेना के अफगानिस्तान छोड़ने के बाद सत्ता पर कब्जा कर लिया था। तब से महिलाओं और बच्चों को लेकर तालिबान की दमनकारी नीतियों का दुनिया भर के देशों में विरोध किया जा रहा है। हालांकि तालिबान ने दुनिया भर के देशों के साथ अपने रिश्ते बेहतर करने की कई कोशिशें की हैं। इनमें पिछले जून में तालिबान के नेताओं का सेंट पीटस्बर्ग के आर्थिक मंच में भाग लेना भी शामिल है।
रूसी विदेश मंत्रालय ने अदालत फैसले को लेकर कहा कि कोर्ट द्वारा तालिबान को आतंकवादी समूहों की सूची से बाहर निकालना एक बड़ा कदम है। इससे काबुल के साथ सरकार की साझेदारी का रास्ता पूरी तरह से खुल जाता है। हमारा उद्देश्य ड्रग्स और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़कर क्षेत्र और अफगानिस्तान के साथ अपने संबंधों को लाभप्रद बनाना है।
वहीं अफगानिस्तान की तालिबानी सरकार के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी ने इस फैसले के लिए रूस को धन्यवाद दिया है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के संबंधों के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है। दोनों देशों के बीच में जो राजनीतिक और आर्थिक सहयोग बढ़ाने में जो एकमात्र बाधा थी अब वह भी दूर हो गई है।
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