बुद्ध ने दुखों का कारण ढूंढने के लिए अपने परिवार व घर का त्याग किया : विधायक
बुद्ध ने दुखों का कारण ढूंढने के लिए अपने परिवार व घर का त्याग किया : विधायक बुद्ध ने दुखों का कारण ढूंढने के लिए अपने परिवार व घर का त्याग किया : व

बोकारो, प्रतिनिधि। बुद्ध पुर्णिमा पर सोमवार को बुद्ध विहार प्रांगण में बोकारो बुद्ध विहार समिति का 49 वां वर्षगांठ व भगवान बुद्ध की जयंती मनाई गई। बोकारो बुद्ध विहार में भंते कौन्डींय थेरो, भंते बुद्ध रत्न और भंते नंद बोधी द्वारा बुद्ध पूजा और वंदना कराई गई। इस मौके पर विधायक उमाकांत रजक ने कहा गौतम बुद्ध ने दुखों का कारण ढूंढने के लिए अपने परिवार और घर का त्याग किया। उन्होंने दुनिया को बताया की जीवन दुखों का कारण है। इस दुखों का निवारण भी है और दुख मुक्ति मार्ग भी है। बुद्ध पूर्णिमा के महत्व को समझते हुए भंते बुद्ध रत्न ने कहा तथागत बुद्ध ने दुनिया को प्रकृति के नियम सदृश्य त्रिरत्न दिया।
प्रथम बुद्धम शरणम गच्छामि यानी सदैव ज्ञान के शरण में रहने, धम्मं शरणम गच्छामि यानी प्रकृति व सत्य के शरण में रहने और तीसरा संघम शरणम गच्छामि यानी मिलजुल कर समता, करुणा, मैत्री और विश्व बंधुत्व को जीवन में पालन करने का संदेश दिया। भंते कौन्डींय थेरो ने कहा बुद्ध ने पूरे दुनिया को कहा था कि मैं मुक्तिदाता नहीं हूं मैं मार्गदाता हूं, दुनिया के लोग मेरे बताए गए संदेश, सुत्रों को अपनाकर उस मार्गों पर चलेंगे तो स्वत: प्रज्ञा, मोक्ष और मुक्ति को प्राप्त करेंगे। मानवतावादी, करूणावादी और समतावादी मार्ग को अपनाकर विश्व में कई देश तरक्की कर अपना नाम विकसित देश में सुमार किया है। मौके पर समिति के कालीपद रजक, बागेश्वर साह,संजय शान, राकेश महतो, मंजु साह, एसके चौधरी, बैरिस्टर राम, राजसिंहासन शर्मा, ओम प्रकाश, राजेश प्रसाद, धर्मेंद्र कुमार, कुंवर सिंह कुशवाहा, अरविंद मेहता, राजु रंजन, त्रिलोकीनाथ सिंह प्रभुनाम बौद्ध, गोपाल प्रसाद सिंह आदि शामिल रहे।
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