मिथिला एकेडमी में साहित्यलोक का बहुभाषी कवि सम्मेलन मिथिला एकेडमी में साहित्यलोक का बहुभाषी कवि सम्मेलन
बोकारो के मिथिला एकेडमी पब्लिक स्कूल में साहित्यिक समारोह और बहुभाषी कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमें विभिन्न शहरों के साहित्यकारों ने वीररस, मातृदिवस, भक्ति, और प्रेम जैसे रस की रचनाएँ प्रस्तुत...

बोकारो, प्रतिनिधि। मिथिला एकेडमी पब्लिक स्कूल सेक्टर-4 में मिथिला सांस्कृतिक परिषद के संयुक्त तत्वावधान में साहित्यिक समारोह व बहुभाषी कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें रांची, हजारीबाग व बोकारो के साहित्यकारों ने वीररस, मातृदिवस, सद्भावना, भक्ति, प्रेम, करुणा आदि रस की रचनाएं सुनाकर श्रोताओं को घंटों बांधे रखा। कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि रांची से पधारे साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त साहित्यकार कुमार मनीष अरविंद, विशिष्ट अतिथि हजारीबाग से वरिष्ठ साहित्यकार हितनाथ झा, साहित्यलोक के तुलानंद मिश्र, बुद्धिनाथ झा, विजय शंकर मल्लिक व उपाध्यक्ष समरेन्द्र झा ने मां सरस्वती के चित्र पर पुष्पार्चन व दीप प्रज्ज्वलित कर किया। कार्यक्रम की शुरुआत गायिका आंचल पाठक की महाकवि विद्यापति की रचना भगवती वंदना 'जय जय भैरवि...' के सुमधुर गायन से हुई।
मुख्य अतिथि कुमार मनीष अरविंद ने कहा इस तरह के आयोजन से शहर को साहित्यिक ऊर्जा मिलती है। बहुभाषी कवि सम्मेलन में कवयित्री करुणा कलिका ने हिंदी कविता 'हम भारत की बेटी हैं जब खड्ग हाथ में धारेंगें व भोजपुरी कविता, आशुतोष कुमार ने खोरठा कविता, अरुण पाठक ने मैथिली में सद्भावना गीत जाति, धर्म के नाम पर नहि बांटू इंसान के..', अमृता शर्मा ने हिंदी कविता धर्म का मर्म, रणधीर चंद्र गोस्वामी ने भूख के खिलाफ, तब कहां थे तुम, शैलजा झा ने हिंदी कविता श्रेष्ठता के अभियान, मां तुम जिंदा रहोगी कविता पाठ किया।
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