Indian Nursing Council Controversy Restrictions on Nursing Jobs in Bihar and Jharkhand राज्य की सीमाओं में बांध रही नर्सिंग सेवा, Dhanbad Hindi News - Hindustan
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राज्य की सीमाओं में बांध रही नर्सिंग सेवा

धनबाद में नर्सिंग शिक्षा से जुड़े एक स्कैम का खुलासा हुआ है। बिहार नर्सिंग काउंसिल ने नर्सों को राज्य के अंदर की नर्सिंग स्कूल से डिग्री प्राप्त करने की शर्तें लगाई हैं। इस स्थिति से नर्सों और...

Newswrap हिन्दुस्तान, धनबादMon, 12 May 2025 05:46 AM
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राज्य की सीमाओं में बांध रही नर्सिंग सेवा

धनबाद, प्रमुख संवाददाता चिकित्सीय सेवा का जिक्र होते ही पहला ख्याल नर्स का आता है। नर्सिंग को चिकित्सीय क्षेत्र का रीढ़ कहा जाता है। यह रीढ़ इंडियन नर्सिंग काउंसिल (आईएनसी), स्टेट नर्सिंग काउंसिल और कानूनी पचड़े में पड़ कर कमजोर होती जा रही है। स्थिति यह है कि एक राज्य में नर्सिंग की पढ़ाई करने वाली छात्राएं दूसरे राज्य में नौकरी कर पाएंगी या नहीं, इसपर भी संशय बना रहता है। स्थिति यह है कि बिहार नर्सिंग काउंसिल ने आदेश जारी कर कहा है कि उनके यहां नर्स की नौकरी सिर्फ उन्हें मिलेगी, जिन्होंने राज्य के अंदर के नर्सिंग स्कूल से डिग्री ली है।

बाहर के राज्यों की वही नर्स आवेदन कर सकती है, जिनके नर्सिंग संस्थान इंडियन नर्सिंग काउंसिल से उपयुक्तता प्राप्त है। झारखंड के 424 में 323 नर्सिंग संस्थानों को यह उपयुक्तता प्राप्त नहीं है। ऐसी स्थिति अन्य राज्यों के साथ भी है। नर्सों और नर्सिंग छात्राओं की मानें तो ऐसी व्यवस्था उनकी सेवा और नौकरी पाने के मौकों को लगातार कम कर रही है। इंडियन नर्सिंग काउंसिल बड़ा स्कैम नर्सिंग शिक्षा के जानकार और धनबाद नर्सिंग स्कूल के संचालक हरेंद्र सिंह इंडियन नर्सिंग काउंसिल के उपयुक्तता प्रमाण पत्र को देश में हो रहा बड़ा स्कैम (घोटाला) बताते हैं। विभिन्न दस्तावेजों के आधार पर हरेंद्र सिंह कहते हैं, आईएनसी एक्ट 1947 नर्सिंग संस्थानों की शिक्षा व्यवस्था में एकरूपता कायम करने के लिए बना था। इसके उपयुक्तता का कोई मतलब ही नहीं है। यह सिर्फ नर्सिंग संस्थानों को डराने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। स्टेट नर्सिंग काउंसिल राज्य में नर्सिंग संस्थान के संचालन के लिए उपयुक्त है। स्टेट नर्सिंग काउंसिल से मान्यता प्राप्त संस्थान से पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्रों की डिग्री पूरे देश में समान रूप से मान्य है। विभिन्न न्यायालयों ने भी इस पर अपना फैसला दिया है। बावजूद इंडियन नर्सिंग काउंसिल के उपयुक्तता प्रमाण पत्र के नाम पर छात्रों और नर्सों को प्रताड़ित किया जा रहा है। इसके नाम पर पूरे देश में स्कैम चल रहा है। इसका पर्दाफाश करने के लिए उन्होंने भी झारखंड हाइकोर्ट में मुकदमा कर रखा है। नर्सिंग संस्थानों को राज्य से मिलती है मान्यता हरेंद्र सिंह का कहना है कि इंडियन नर्सिंग काउंसिल ने स्वयं अपने पत्रांक 28-02/2019-आईएनसी दिनांक 19 दिसंबर 2020 के तहत यह स्पष्ट किया है कि सभी नर्सिंग संस्थानों को मान्यता देने के लिए संबंधित राज्यों का नर्सिंग काउंसिल अथवा राज्य सरकार प्राधिकृत किया गया है। इसके तहत राज्य के सभी सरकारी और गैर सरकारी नर्सिंग संस्थानों के प्रबंधन, नर्सिंग पाठ्यक्रम में नामांकन प्रक्रिया, सीटों का वर्गीकरण, शुल्क निर्धारण और परीक्षा संचालन का अधिकार राज्यों के पास है। इसके आधार पर झारखंड समेत अन्य राज्यों ने अधिसूचना जारी करते हुए नियमावली भी बनाई है। बावजूद इंडियन नर्सिंग काउंसिल इसमें हस्तक्षेप करता है। इससे छात्रों में दुविधा की स्थिति उत्पन्न होती है।

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