भटकी हुई नील गाय को ग्रामीणों ने पकड़ा, वन विभाग ने हतवा जंगल में छोड़ा
बेंगाबाद के बदवारा पंचायत में ग्रामीणों ने जंगल से भटकी नील गाय को मकई के खेत में पकड़ लिया। स्थानीय मुखिया प्रतिनिधि ने वन विभाग को सूचना दी, जिसके बाद वनपाल और टीम ने नील गाय को सुरक्षित जंगल में...
बेंगाबाद, प्रतिनिधि। बेंगाबाद थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत बदवारा के ग्रामीण बुधवार सुबह जंगल से भटकी हुई एक नील गाय को मकई के खेत में घेर कर पकड़ लिया। स्थानीय मुखिया प्रतिनिधि रघुनंदन प्रसाद कुशवाहा ने वन विभाग की टीम को इसकी सूचना दे दी। सूचना मिलने पर प्रभारी वनपाल रोहित कुमार पंडित वनरक्षी मुकेश दास, अन्थोनी हेम्ब्रम, सुनील हेम्ब्रम, बमशंकर वर्मा और सुमन कुमार आदि बदवारा पहुंचे और रेस्क्यू कर नील गाय को अपने कब्जे में लेकर सुरक्षित जंगल हतवा में उसे छोड़ दिया गया। बदवारा पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि कुशवाहा ने बताया कि नील गाय की शिकार करने के लिए तीर धनुष लिए आदिवासियों का जत्था बिहार के बटिया जंगल से पीछा करते हुए बेंगाबाद के पतरो नदी पार तक आ गया।
बदवारा के ग्रामीणों को नील गाय पीछा करते हुए आदिवासियों का समूह देखा गया। गांव के लोगों ने स्थानीय मुखिया प्रतिनिधि को इस घटना की सूचना दे दी। मौके पर मुखिया प्रतिनिधि ने बिहार नील गाय का पीछा करते आ रहे आदिवासियों को समझाया और नील गाय को मारने नहीं दिया। फिर गांव के भागीरथ वर्मा, वासुदेव महतो, सुनील वर्मा सहित अन्य लोगों ने थकी नील गाय को बदवारा के एक मकई के खेत में घुसा दिया और घेर कर नील गाय पकड़ लिया। सूचना मिलने पर गाय को देखने के लिए महिला पुरुषों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। बताया जाता है कि बदवारा चकाई बिहार के बॉर्डर पर स्थित है और चकाई बिहार के कांसजोर सहित कई अन्य गांवों के आदिवासी नील गाय का पीछा करते हुए बदवारा तक पहुंच गया था। स्थानीय मुखिया प्रतिनिधि और ग्रामीणों के हस्तक्षेप पर नील गाय शिकार होने से बच गई।
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