सफाई अभियान शुरू नहीं होने से गंदगी से बजबजा रहीं नालियां
हजारीबाग में मानसून के बादलों के आगमन के साथ, नगर निगम की सफाई व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। शहर के कई इलाकों में कचरे का ढेर लगा है, जिससे बारिश में सड़कें और नालियां जाम हो जाती हैं। लोग नगर निगम की...

हजारीबाग, हमारे प्रतिनिधि। सिर पर मानसून के बादलों ने डेरा डालना शुरू कर दिया है। आसमान में बादल घुमड़ रहे हैं। बावजूद नगर निगम मानसून के पूर्व तैयारियो का दावा खोखला नजर आ रहा है। शहर के कई इलाकों में नालियों के किनारे कचरे का अंबार लगा है। शहर के मेंन रोड से लेकर कई प्रमुख सड़कों पर रोज कचरा का उठाव होता है। जबकि कई जगह पर दो चार दिन के अन्तराल में। जिससे सड़क किनारे कचरा जमा हो जा रहा है। बारिश होते ही वह कचरा सड़क पर आ जा रहा है या बहकर नालियों में चला जाता है।
इससे आने जाने वाले लोगों को परेशानी हो रही है। वही संक्रमण का भी खतरा बना रहता है। तभी तो कई शहर वासी नगर निगम के बरसात के पूर्व तैयारी को संतुष्ट नहीं बताते हैं। लोगों का कहना है की नगर निगम के पास लंबी-चौड़ी सफाई कर्मचारियों की फौज हैं। कचरा उठाने के लिए भोतिक संसाधन भी उपलब्ध है। लाखों रुपए रोज खर्च किए जाते हैं। लेकिन सफाई कर्मचारियों के आगे किसी की नहीं चलती है। सफाई की व्यवस्था का फीड बैक लेने से अधिकारियों पर जैसे तैसे जबाब देकर निकल जाते हैं। सख्ती दिखाने पर भड़क जाते हैं। सफाई व्यवस्था को लेकर कोई ज्यादा मॉनिटरिंग नहीं है। जिससे नालियां, सड़क के किनारे और कई चौक चौराहे पर कचरा का अंबार लगा है। दर्जनों ऐसे स्पॉट हैं। जहां नालिया बजबजा रही है। नालियों के किनारे कचरो का अंबार लगा है। जिसमें प्लास्टिक ज्यादा है। प्लास्टिक के कारण नालियां जाम हो रही है। वही सड़क के किनारे पड़ा कचरा स्वच्छता के दावे की पोल खोल रहा है। शहरी क्षेत्र में सभी सभी दुकानदारों को डस्टबिन रखने का आदेश दिया गया है। जबकि सब्जी और फल बेचने वालों को बोरा रखने का आदेश दिया गया है। कुछ दुकानदारों ने डस्टबिन रखा है। जबकि कुछ दुकानदार इसकी अनदेखी कर रहे है। मेंन रोड, गुरुगविंद सिंह रोड, जामा मस्जिद रोड, मालवीय मार्ग, सरदार चौक से लेकर पंचमंदिर चौक रोड होते रामनगर तक, नवाबगंज रोड, गोला बाजार सेठ मुहल्ला, डेली मार्केट, बड़ा बाजार रोड में कई दुकानदार आसपास चौक चौराहों पर कचरा फेंक दे रहे है या फिर नालियों में भी डाल दे रहे है। होटल और रेस्टोरेंट से निकलने वाले कचरा से भी नालियां जाम हो रही है। कई लोगों की शिकायत है कि मुख्य सडक कचरा का उठाव किया जाता है। गलियों में कचरा कलेक्शन की उचित व्यवस्था नहीं है। वही सब्जी फल और मीट मुर्गा मछली की बिक्री होने के कारण डेली मार्केट में रोजाना 50 टन से ज्यादा कचरा जमा हो जाता है। यही हालत मतवारी गांधी मैदान की है। वही खाद्यान्न की थोक मंडी होने के कारण गोला बाजार मे प्रतिदिन 20 टन से अधिक कचरा जमा हो जाता है। कई मोहल्ले में कचरा कलेक्शन का काम डोर टू डोर नहीं हो पाता है। इस कारण कई लोग घर से निकलने वाले कचरे को नालियों मे डाल दे रहे हैं। इससे नालियां जाम हो रही है। कई चौक चौराहा और सड़कों के किनारे कचरा जमा करने हर साल छोटा बड़ा डस्टबिन लगाया जाता है। लेकिन इसमें कई मौजूद रहते हैं। कई गायब हो जाते है। कल डस्टबिन के कचरा के भर से खूद कबाड़ भी हो जाते हैं।इस कारण भी लोग सड़क के किनारे और नालियों में कचरा डाल रहे हैं।
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